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Festival Calendar April 2021: अप्रैल माह में आने वाले सभी पर्व की तिथि, महत्व व विशेषता

Festivals and Vrat in April 2021

भारत देश पर्व और त्यौहारों को लेकर बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। भारत में हर महीने कोई न कोई पर्व या त्यौहार आता ही रहता है और हर त्यौहार अपने आप में बहुत महत्व रखता है।

इसी प्रकार अप्रैल के महीने में भी कई पर्व और त्यौहार आते हैं जो कि बहुत ही उत्साह और धूमधाम के साथ मनाये जाते हैं। अप्रैल के महीने में मनाये जाने वाले हर कार्यक्रम या पर्व को हर समुदाय का व्यक्ति अपने तरीके से मनाता है, तथा हर व्यक्ति इन त्यौहारों को खूब जोश व आनंद के साथ मनाता है।

तो आइए जानते हैं, इस वर्ष 2021 में अप्रैल के महीने में मनाए जाने वाले अलग-अलग त्यौहारों के बारे में जो कि निम्नलिखित हैं-

रंग पंचमी

यह त्यौहार मुख्यत: महाराष्ट्र में बड़े ही हर्षोल्ल्लास से मनाया जाता है। इसके अतिरिक्त राजस्थान और मध्य प्रदेश में भी इस त्यौहार को बहुत ही उत्साहपूर्वक मनाया जाता है। इस बार यह 2 अप्रैल दिन शुक्रवार को है।

पापमोचनी एकादशी

सनातन धर्म के अनुसार चैत्र कृष्ण पक्ष की एकादशी की तिथि को ही पापमोचनी एकादशी भी कहा जाता है। कहा जाता है कि इस दिन जो भी व्यक्ति सच्चे मन से व्रत रखता है, उसके सभी पाप धुल जाते हैं। इस बार अर्थात 2021 में पापमोचनी एकादशी 7 अप्रैल दिन बुधवार को है।

चैत्र प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष)

चैत्र प्रदोष व्रत में भगवान शिव की पूजा की जाती है। इस दिन व्रत रखकर भगवान शिव की पूजा करने से हमें उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। यह व्रत हर महीने में दो बार कृष्ण व शुक्ल पक्ष में त्रयोदशी तिथि वाले दिन ही रखा जाता है और वे हमें लंबी आयु का वरदान भी देते हैं। इस बार अर्थात 2021 में चैत्र प्रदोष व्रत (कृष्ण पक्ष) अप्रैल महीने की 9 तारीख दिन शुक्रवार को पड़ रहा है।

चैत्र मासिक शिवरात्रि

सनातन धर्म अर्थात हिन्दू धर्म में भगवान शिव के पर्व महाशिवरात्रि का तो बहुत ही महत्व है जिसे हिन्दू बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। परंतु इसके अतिरिक्त जो शिवरात्रि हर महीने में आती है, उसका भी बहुत महत्व है। हिन्दू शास्त्र के अनुसार, हर महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी वाली तिथि को मासिक शिवरात्रि के रूप में मनाया जाता है। इस बार यानी 2021 में यह मासिक शिवरात्रि 10 अप्रैल दिन शनिवार को है।

चैत्र अमावस्या

हिन्दू शास्त्रों व हिन्दू कैलेंडर के अनुसार यह इस साल का सबसे आखिरी या अंतिम दिन है और हिन्दू धर्म में इस तिथि का बहुत ही महत्व है, क्योंकि यह अमावस्या तिथि के नाम से जानी जाती है। इस दिन पितरों का तर्पण करना या पितरों से संबंधित कोई भी कार्य करना बहुत ही शुभ माना जाता है। इस दिन व्रत रखकर पवित्र नदी में स्नान करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है। इस बार 2021 में यह तिथि 11 अप्रैल दिन रविवार को पड़ रही है।

नव संवत्सर 2078 की शुरुआत

इसे प्रतिपदा तिथि के नाम से भी जाना जाता है।  और इस दिन अर्थात प्रतिपदा तिथि के दिन घट स्थापना कर नवरात्रि के दिनों में माँ दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इस दिन से ही नया विक्रम संवत 2078 प्रारम्भ होगा तथा गुड़ी पड़वा पर्व भी मनाया जाएगा। इस बार 2021 में यह तिथि अप्रैल माह की 13 तारीख दिन मंगलवार को है।

चैत्र नवरात्रि

यह पर्व माँ दुर्गा के नौ रूपों को समर्पित होता है। यह चैत्र नवरात्रि का पर्व चैत्र शुक्ल प्रतिपदा की तिथि से आरंभ होकर नवमी तिथि तक मनाया जाता है। इस साल 2021 में यह पर्व 13 अप्रैल दिन मंगलवार को शुरू होगा, और 22 अप्रैल दिन गुरुवार को इसका समापन होगा। परंतु इसका व्रत नवरात्रि पारण के साथ ही समाप्त होगा।

बैसाखी

भारतीय किसानों के लिए बैसाखी का त्यौहार बेहद महत्वपूर्ण होता है। इस दिन फसलों की कटाई होती है। भिन्न-भिन्न स्थानों पर इस पर्व को अलग-अलग नामों से जाना जाता है। इस वर्ष यह त्यौहार 14 अप्रैल को मनाया जायेगा।

गणगौर पूजा

हिन्दू धर्म के अनुसार गणगौर पूजा भगवान शिव तथा माता पार्वती के लिए की जाती है। इस पूजा से हमें सुख-समृद्धि तथा अच्छे और सफल वैवाहिक जीवन के वरदान की प्राप्ति होती है। इस साल यह पूजा 15 अप्रैल दिन गुरुवार को है। गणगौर पूजा का शुभ मुहुर्त 15 अप्रैल को सुबह 05 बजकर 17 मिनट से लेकर सुबह के 06 बजकर 52 मिनट तक है, अर्थात इसके शुभ मुहूर्त की कुल अवधि 35 मिनट है।

राम नवमी

हिन्दू शास्त्रों तथा धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चैत्र माह में शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को अयोध्या में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्री राम का जन्म हुआ था। इसलिए हर वर्ष इस तिथि को रामनवमी के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भगवान राम की पूजा की जाती है। इस साल यह तिथि 21 अप्रैल दिन बुधवार को है।

कामदा एकादशी

हिन्दू धर्म व पंचांग के हिसाब से कामदा एकादशी का व्रत हर साल चैत्र के महीने में शुक्ल की एकादशी के दिन किया जाता है। हिन्दू शास्त्रानुसार कहा जाता है कि भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी कामदा एकादशी का व्रत रखने वाले श्रद्धालुओं की हर मनोकामना पूर्ण करते हैं और उन्हें कोई भी समस्या नहीं होती है। इस साल 2021 में यह तिथि 23 अप्रैल दिन शुक्रवार को पड़ रही है।

चैत्र प्रदोष व्रत (शुक्ल पक्ष)

चैत्र के महीने का दूसरा प्रदोष व्रत जो कि शुक्ल पक्ष का है, वह शनि प्रदोष व्रत के नाम से भी जाना जाता है। इस व्रत को करने वाले श्रद्धालुओं को भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त होता है। भक्तजन इस व्रत को हर महीने में दो बार अर्थात कृष्ण व शुक्ल पक्ष में त्रयोदशी तिथि के दिन रख सकते हैं। इस साल यह व्रत 24 अप्रैल दिन शनिवार को है।

महावीर जयंती

हिन्दू कैलेंडर व हिन्दू पंचांग के हिसाब से चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को भगवान महावीर का जन्म हुआ था। इन्होंने अपने जीवन में तीस साल की उम्र तक ही सामान्य जीवन जिया, इसके पश्चात इन्होंने सुखी जीवन का त्याग करके बारह साल तक मौन साधना/तपस्या की। बारह साल की मौन साधना के पश्चात इन्हें 'केवलज्ञान' की प्राप्ति हुई थी। इस साल महावीर जयंती 25 अप्रैल दिन रविवार को है।

हनुमान जयंती

हिन्दू धर्म व धार्मिक मान्यताओं के अनुसार चैत्र माह में पूर्णिमा के दिन भगवान राम भक्त बलशाली हनुमान जी का जन्म हुआ था। इसलिए तबसे ही हर वर्ष चैत्र पूर्णिमा के दिन ही हनुमान जयंती के पर्व बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस बार यह पर्व 27 अप्रैल दिन मंगलवार को पड़ रहा है।