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सूर्य ग्रहण 21 जून 2020 (Solar Eclipse)

Solar Eclipse Surya Grahan June 2020

वर्ष 2020 आरंभ से ही संपूर्ण मानव जाति के लिए कष्टकारी रहा है। इस वर्ष संपूर्ण विश्व को अनेकानेक प्रकार के संकटों का सामना करना पड़ा। कोरोना महामारी का ऐसा प्रकोप रहा कि कई मानव जाति के समूह का ही नाश कर दिया। संपूर्ण विश्व ने इस वर्ष अनेकानेक प्रकार के संकटों से दो-दो हाथ करके जूझा है। इसके अतिरिक्त कई प्राकृतिक आपदाएं, उल्का-पिंड, समुद्री तूफान आदि प्रकार की प्राकृतिक आपदाओं से भी हमारा सामना हुआ। यह वर्ष मानव जाति के समुचित नाश करने में प्रयत्नशील रहा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुरूप यह वर्ष सभी जातकों के लिए घातक है। इस वर्ष में प्रायः जातकों की जीवन में नकारात्मक परिवर्तन ही देखने को मिलेंगे। ज्योतिषीय ग्रह-गोचरों की स्थिति एवं दशा दिशा के परिवर्तन पर ध्यान दें तो सबसे पहले हमारी पैनी नजर इस वर्ष लगने वाले ग्रहण एवं उनके प्रभावों की ओर होती है।

इस वर्ष कुल 6 ग्रहण लग रहे हैं जिसमें पहला चंद्रग्रहण था जो साल के आरंभ में 10 जनवरी 2020 को लगा था। दूसरा ग्रहण भी चंद्र ग्रहण था जो 5 जून को लगा था। अब तीसरे ग्रहण का समय है जिसकी तिथि वैज्ञानिक अनुसंधान एवं ज्योतिष्य ग्रह-गोचरों की स्थिति के अनुरूप 21 जून 2020 की है। 21 जून 2020 को आषाढ़ मास के कृष्ण की अमावस्या तिथि को दिन रविवार को सूर्य ग्रहण भारत में खंडग्रास के रूप में दृश्य मान होगा। इस दिन सूर्य ग्रहण के आरंभ का समय प्रातः 09 बजकर 15 मिनट 58 सेकंड का है जो दोपहर के 03 बजकर 04 मिनट 01 सेकंड तक बना रहेगा। लगभग 6 घंटे का यह सूर्य ग्रहण 21 जून को भारत के अतिरिक्त दक्षिण पूर्वी यूरोप, हिंद महासागर, अफ्रीका, उत्तरी अमेरिका, प्रशांत महासागर एवं दक्षिण अमेरिका के कुछ खास हिस्सों में देखा जाएगा। ऐसे में यह जानना रोचक होगा कि यह सूर्य ग्रहण हमारे जीवन पर क्या प्रभाव डालता है एवं इसकी स्थिति अथवा सूर्य ग्रहण के लगने से राशियां कैसे प्रभावित होती है, आइये जानते है।

ग्रहों पर प्रभाव

सूर्य ग्रहण के कारण भिन्न-भिन्न राशियों पर अलग-अलग प्रभाव पड़ता है। ऐसे में आपका यह जानना आवश्यक है कि सूर्य ग्रहण आपको किस प्रकार के फल प्रदान करता है। आइए देखते हैं-

मेष राशि

सूर्य ग्रहण के कारण मेष राशि के जातकों में अनेकानेक प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होंगी। आपका मन सदैव क्रोधित एवं चिड़चिड़ा सा रहेगा। कार्य में समय संबंधित समस्याएं उत्पन्न होगी। संभवत किसी स्वजन से वाद-विवाद आदि भी हो सकता है। विदेश यात्रा के योग हैं इससे आपको एक तरफ कार्यक्षेत्र में सफलता मिलेगी तो वहीं दूसरी ओर शारीरिक कष्ट भोगना पड़ सकता है। नवीन ग्रह में गृह प्रवेश कर सकते हैं।

वृषभ राशि

वृषभ राशि के जातकों के लिए सूर्य ग्रहण शुभ फलदाई रहेगा। आर्थिक मुनाफा होगा। निवेश आदि में भी लाभ प्राप्त होगा। कार्यक्षेत्र में पदोन्नति की संभावना है। वहीं किसी करीबी स्वजन से तनाव हो सकता है। कोई अच्छी खबर प्राप्त होगी जिससे मन प्रसन्न रहेगा। आप शारीरिक कष्ट से भी पीड़ित हो सकते हैं।

मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातकों के लिए सूर्य ग्रहण का प्रभाव उतार-चढ़ाव से युक्त रहेगा। एक तरफ आप के मान सम्मान में वृद्धि होगी तो वहीं दूसरी ओर आपके मान सम्मान पर उंगली उठने की भी संभावना है। आपको सतर्क रहने की आवश्यकता है। कहीं दूर यात्रा के योग हैं, इससे आपको शारीरिक कष्ट झेलना पड़ेगा। विवाहितों के जीवन में जीवनसाथी से तनाव होगा हालांकि जीवनसाथी की ओर से प्राप्त सहयोग आपके कार्यक्षेत्र को उन्नति भी प्रदान करेंगा।

कर्क राशि

कार्यक्षेत्र में आ रही समस्याएं समाप्त होगी। आप उन्नति करेंगे। शुभ फलों की प्राप्ति होगी। आपके विरोधी आपसे परास्त होंगे। आर्थिक लाभ के योग बन रहे हैं। गर्दन, पीठ, कमर आदि भाग में कष्ट झेलना पड़ सकता है। मान-सम्मान में वृद्धि होगी।

सिंह राशि

सिंह राशि के जातकों के लिए यह सूर्य ग्रहण मिश्रित फलदाई रहेगा। किसी बात को लेकर आपके मन में अनावश्यक रूप से भय बना रहेगा। पुराने कर्ज से मन चिंतित रह सकता है। संतान के भविष्य को लेकर आप गहन चिंतन की स्थिति में रहेंगे। करियर में आ रही समस्याएं समाप्त होगी। खर्च में वृद्धि होगी।

कन्या राशि

आपको अपनी सेहत को लेकर जागरूक होने की आवश्यकता है। स्वास्थ्य को लेकर सूर्य ग्रहण आप पर अपना दुष्प्रभाव दिखा सकता है। रक्तचाप, हड्डी आदि में कष्ट होने की संभावना है। अपनी भावनाओं पर नियंत्रण रखने की चेष्टा करें। विपरीत लिंग के जातकों से मानसिक तनाव हो सकता है। कार्यस्थल में तनाव की स्थिति उत्पन्न होगी।

तुला राशि

आपको अनेकानेक कर्ज लेने पड़ सकते हैं। मान-सम्मान बढ़ेगा। आपके कोई स्वजन आपके विरुद्ध हो जाएंगे। करियर में आपके ऊपर जिम्मेदारियों का बोझ बढ़ेगा जिससे आप मानसिक तनाव में रहेंगे। स्वास्थ्य पर ध्यान दें।

वृश्चिक राशि

आप अपने कार्यक्षेत्र में परिवर्तन कर सकते हैं, संभवत आपकी पदोन्नति भी हो सकती हैं। किसी करीबी मित्र के कारण आपको बड़ा कष्ट झेलना पड़ सकता है। जीवनसाथी से वाद विवाद होने की संभावना है। वाहन से कष्ट मिल सकता है। माता-पिता की सेहत का ख्याल रखें, उनसे तनाव उत्पन्न करना उनकी स्वास्थ्य के लिए संकट खड़ा हो सकता है।

धनु राशि

यह सूर्यग्रहण धनु राशि के जातकों के लिए मिश्रित फलदाई होगा। जीवनसाथी से एक तरफ तनाव बढ़ेंगे तो वहीं दूसरी तरफ आपके बीच की आपसी समझ में विकसित होगी। निवेश में हानि होने की संभावना है जिसकी वजह से आप मानसिक तौर पर तनावग्रस्त स्थिति में रहेंगे। कानूनी उलझनों में मन उलझा रहेगा।

मकर राशि

किसी स्वजन से आपको धोखा मिलने का की संभावना है। निवेश में हानि होगी। आर्थिक मामलों में स्थितियां आपके प्रतिकूल हो सकती हैं, कर्ज का बोझ बढ़ेगा। शरीर के निचले भाग में कोई कष्ट पीड़ा आदि हो सकता है।

कुम्भ राशि

कुंभ राशि के लोगों को शारीरिक कष्ट भोगना पड़ सकता है। जीवनसाथी के बर्ताव से आपका मन खिन्न रहेगा। किसी बात को लेकर मन में आंशिक भय बना रहेगा। संतान को लेकर मन थोड़ा चिंतित रह सकता है। मानसिक बेचैनी बरकरार रहेगी।

मीन राशि

आर्थिक मामलों में आप खूब उन्नति करेंगे तो वहीं शारीरिक कष्ट बढ़ेगा। रक्तचाप व मधुमेह जैसी समस्याएं या तो उत्पन्न होगी या फिर उतार चढ़ाव के कारण कष्टदाई हो सकती हैं। पिता के स्वास्थ्य को लेकर मन चिंतित रहेगा। भाई की ओर से कष्ट मिलने की आशंका है। पारिवारिक तनाव उतपन्न होगा।

क्या करें विशेष

जब ग्रह-गोचरों की स्थिति में परिवर्तन होता है तो इसका प्रभाव एवं दुष्प्रभाव दोनों ही जातकों के जीवन पर पड़ता है। ग्रह गोचरों की स्थिति में परिवर्तन से व्यक्तियों के राशि की स्थिति, दशा-दिशा आदि में परिवर्तन होता है। विशेष तौर पर सूर्य ग्रहण के पश्चात कुछ मूलभूत परिवर्तन आते हैं। इस क्रम में ग्रहण की कालावधी में हमें कुछ विशेष नियमों का भी पालन करना चाहिए। आइए जानते हैं चाहे वह विशेष तौर तरीके:

सूतक काल

ग्रहण की कालावधि में सूतक का विशेष महत्व होता है। ज्योतिष के अनुसार माने तो ग्रहण की काल अभी से 12 घंटे पूर्व से ही सूतक का कार्य आरंभ हो जाता है। इस वर्ष के पहले सूर्य ग्रहण में 20 जून को रात्रि के 10 बज कर 14 मिनट से ही सूतक काल आरंभ हो जाएगा जिसकी समाप्ति ग्रहण के पश्चात होगी। सूतक काल को वैज्ञानिकों में महत्व दिया गया है। माना जाता है कि इस दौरान प्रकृति में कुछ विशेष परिवर्तन होते हैं जिस कारण ज्योतिषीय एवं आध्यात्मिक प्रथाओं की वैज्ञानिकता को सत्यता का प्रमाण दिया गया।

स्नान

ग्रहण की काल अवधि पूर्ण होने के पश्चात व्यक्ति को गंगा, यमुना, कावेरी, सरस्वती आदि जैसी पवित्र नदियों में स्नान करना चाहिए। अगर पवित्र नदियों में स्नान कर पाना संभव ना हो तो किसी तालाब अथवा पवित्र कुआँ आदि के समक्ष जाकर स्नान कर्म को संपन्न करें अन्यथा आप अपने घर में भी नहाने के जल में गंगाजल मिलाकर पवित्र भाव से इस कर्म को संपन्न कर सकते हैं।

दान

सूर्य ग्रहण में दान का विशेष महत्व है। मान्यता है कि ग्रहण के पश्चात दान करने से सूर्यग्रहण के द्वारा हमारे जीवन में आ रहे सभी दुष्प्रभाव समाप्त होते हैं। अतः इस दिन जरूरतमंदों में मच्छरदानी, तेल, कपास, स्वर्ण, कम्बल, वस्त्र आदि का दान करें।