30 जून 2020 को धनु में हो रहे है गुरु मार्गी, जानें इसका आप पर प्रभाव और उपाय

Jupiter (Guru) Transit in Sagittarius on 30 June Prediction and Remedies

ब्रह्मांड में कुल 9 नवग्रह एवं 27 नक्षत्र, जिसमें नवग्रहों अथवा नक्षत्रों के परिवर्तन का प्रभाव हमारे जीवन में भिन्न-भिन्न प्रकार के उतार-चढ़ाव को दर्शाता है। ज्योतिष शास्त्र पूर्णरूपेण ग्रह नक्षत्र एवं अन्य ब्रह्मांड की घटनाओं पर ही आधारित है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नौ ग्रहों में गुरु यानी बृहस्पति को सभी देवी -देवताओं एवं ग्रहों का गुरु माना जाता है। ब्रह्माण्ड में गुरु के नाम पर बृहस्पति का ही बोलबाला है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र के अनुसार ग्रह गोचर की स्थिति के अनुरूप कुल 12 राशियां होती हैं, जिसमें से मीन और धनु राशि का स्वामी ग्रह गुरु माना जाता है, जबकि गुरु कर्क राशि में उच्च अवस्था में रहता है, वहीं मकर राशि में यह नीच की स्थिति में होता है। गुरु को आकाश तत्व का ग्रह भी कहा जाता है।

कहते हैं गुरु की कुंडली में शुभ स्थिति यह दर्शाती है कि व्यक्ति उच्च शिक्षा वान, गुणी और नेतृत्व क्षमता रखने वाली प्रवृत्ति का है। गुरु व्यक्ति के मस्तिष्क पर अपना गहरा प्रभाव डालता है, इसी कारण से गुरु को बुद्धि ज्ञान आदि का अधिपति माना जाता है एवं इसे ब्रह्मांड के गुरु के नाम से संबोधित किया जाता है। ऐसे में बृहस्पति द्वारा होने वाला किसी भी प्रकार का परिवर्तन अथवा हलचल सभी जातकों के जीवन पर अपना असर दिखा सकता है।

आइए जानते हैं कि बृहस्पति में इस बार किस प्रकार का परिवर्तन हो रहा है और यह किस तरह व्यक्ति पर अपने प्रभाव दर्शाता है, साथ ही बृहस्पति के इस परिवर्तन से सकारात्मक प्रभाव जीवन में परिलक्षित करने हेतु क्या उपाय अपनाए जाने चाहिए, यह भी जानते हैं।

राशि परिवर्तन

गुरु यानी बृहस्पति जिसे वास्तव में इस ब्रह्मांड में गुरु की उपाधि दी गई है, यह हाल ही में अपने राशि में परिवर्तन करने जा रहा है। हम इस बात से बेहतरीन तरीके से वाकिफ है कि ग्रह गोचरों की स्थिति, राशि परिवर्तन आदि हमारे जीवन पर कितना प्रभाव डालते हैं। कई बार ग्रहों द्वारा राशि परिवर्तन हमारे जीवन में कोई बड़ा तूफान ला देता है, तो कई बार यह हमारे जीवन से सभी संकटों के निवारण का कारक भी बन जाता है।

ऐसे में बृहस्पति 29 मार्च 2020 को मकर राशि में गोचर करते हुए 30 जून 2020 को अपनी राशि में यानी कि धनु राशि में प्रवेश करेगा। यहाँ यह 20 नवंबर 2020 तक गोचर करेगा। तत्पश्चात पुनः राशि परिवर्तन कर अपनी राशि में वापस आ जाएगा। ऐसे में यह देखना बहुत ही दिलचस्प होगा कि गुरु का राशि परिवर्तन कर स्वराशि में आ जाना जातकों पर किस पर और क्या प्रभाव डालता है, किसके लिए यह सकारात्मक तो किसके लिए नकारात्मक प्रभाव दर्शाता है।

अगर आपके लिए यह नकारात्मक प्रभाव दर्शाता है या फिर यह आपकी राशि हेतु मध्यम है, तो इसके लिए आज यहाँ कुछ उपाय भी बताए जा रहे हैं जिन्हे अपनाकर आप अपने जीवन में सकारात्मकता की निरंतरता को बरकरार रख सकते हैं।

फिर देर किस बात की आइए जानते हैं गुरु का यह राशि परिवर्तन किस राशि पर कैसा प्रभाव दर्शाता है-

12 राशियों पर प्रभाव एवं उपाय

मेष राशि

मेष राशि के जातकों पर बृहस्पति का राशि परिवर्तन शुभ परिणाम परिलक्षित करेगा। ऐसे जातकों पर गुरु का आशीर्वाद बना रहेगा। आप आर्थिक मामलों एवं कार्यक्षेत्र में उन्नति करेंगे। सफलता के पूरे आसार हैं। मन शांत एवं प्रसन्न रहेगा, सेहत की स्थिति पहले की अपेक्षा बेहतर रहेगी। वैवाहिक जीवन में सुख-समृद्धि बरकरार रहेगी, साथ ही शिक्षा जगत से जुड़े लोगों को उनकी मेहनत का परिणाम प्राप्त होगा। साल के अंत में आपके आर्थिक तौर पर अच्छी बचत होने के योग हैं।

उपाय:- इस राशि के जातकों को हर गुरुवार को केले के वृक्ष की पूजा अर्चना करनी चाहिए, साथ ही आप प्रतिदिन घर से निकलने के पूर्व अपने मस्तक पर केसर का तिलक अवश्य लगा लें।

वृषभ राशि

इस राशि परिवर्तन के पश्चात वृषभ राशि के अष्टम भाव में गुरु बना रहेगा। अष्टम भाव को ज्योतिष शास्त्र में आयु का कारक माना जाता है, अर्थात वृषभ राशि के जातकों के ऊपर स्वास्थ्य से जुड़ी समस्या इन दिनों बनेगी। आपको अपने सगे-संबंधियों में से किसी की ओर से उपहार आदि मिल सकता है। घर परिवार में मतभेद की स्थिति उत्पन्न हो सकती है जिस वजह से आप मानसिक तनाव का सामना करेंगे। किसी गूढ़ रहस्य को जानने की इच्छा की प्रबल हो सकती है, इस पर आप अपना समय भी खपाएंगे। आर्थिक मामले में आपको वर्ष के अंत तक नुकसान होने की संभावना है, सचेत रहे।

उपाय:- ऐसे जातकों को हर गुरुवार के दिन पीपल के वृक्ष में जल अर्पित करना चाहिए, साथ ही गुरुवार के दिन ही विद्यार्थियों को बुक, कॉपी, कलम आदि तोहफे में दे।

मिथुन राशि

मिथुन राशि के जातक के सप्तम भाव में गुरु विराजमान हैं। यह आपके कार्यक्षेत्र एवं आर्थिक लाभ हेतु अत्यंत ही उत्तम काल रहेगा। कारोबार में साझेदारी आपके लिए लाभप्रद साबित होगी। आप किसी शोध कार्य में भी अपनी दिलचस्पी दिखाएंगे, संभवतः आपको सफलता भी मिलेगी। अगर आप अपनी नौकरी में परिवर्तन अथवा नई नौकरी ज्वाइन कर रहे हैं, तो आपके लिए समय बहुत ही अच्छा है। इन दिनों आपकी यात्रा के योग बन रहे हैं तो आपको सावधानी बरतने की आवश्यकता है, चूँकि अचानक दुर्घटना आदि होने की योग हैं।

उपाय:- इस राशि के जातकों को प्रतिदिन शिव सहस्त्रनाम स्त्रोत का पाठ करना चाहिए। इसके अतिरिक्त बृहस्पतिवार का व्रत भी रखना शुभ फलदाई रहेगा।

कर्क राशि

इस राशि के परिवर्तन के पश्चात गुरु आप अष्टम भाव में गोचर करेगा जो आपकी सेहत के लिए नकारात्मक प्रभाव उत्पन्न करेगा। आपको सेहत से जुड़ी, विशेष तौर पर पेट से जुड़ी अनेक प्रकार की समस्याओं से जूझना पड़ सकता है। इस राशि परिवर्तन की वजह से आपके ग्रह गोचरों की कुछ इस प्रकार की स्थिति बनेगी जिस कारण आपका और आपके जीवनसाथी का रिश्ता पूर्णरूपेण बिगड़ सकता है। घर-परिवार में भी किसी से वाद-विवाद होने की संभावना है। आपके शत्रु आप पर हावी रहेंगे। यह आपके लिए अत्यंत ही नकारात्मक सिद्ध होगा।

उपाय:- आप हर बृहस्पतिवार के दिन विधिवत तौर पर उपवास रखें एवं केवल एक प्रहर में फलाहार का सेवन करें। इसके साथ ही पंचमुखी रुद्राक्ष को पीले रंग के धागे में पिरो कर गले में शुभ मुहूर्त के अनुसार धारण करें।

सिंह राशि

शिक्षा से जुड़े जातकों के लिए यह राशि परिवर्तन सुनहरे परिणाम परिलक्षित करेगा, वहीं प्रेम जीवन व्यतीत कर जातकों के लिए भी यह शुभकारी है। संतान की ओर से कोई शुभ समाचार प्राप्त होगा। यदि आप नौकरी परिवर्तन ही विचार कर रहे हैं, तो आपके लिए यह समय ठीक नहीं है। वहीं वैवाहिक जीवन में जीवनसाथी से मतभेद दूर होंगे व रिश्ते बेहतर बनेंगे। इस दौरान आर्थिक मामलों में सावधानी रखने की आवश्यकता है।

उपाय:- प्रतिदिन भगवान शिव की पूजा आराधना करें, उन्हें जल के अभिषेक के साथ साथ गेंहू भी अर्पित करें। साथ ही हर गुरुवार के दिन भूखे तथा गरीबों में भोजन बाटें।

कन्या राशि

कन्या राशि के चतुर्थ भाव में इन दिनों गुरु गोचर करेगा जो यह दर्शाता है कि आपके सुख-संपत्ति, समृद्धि आदि में अपार वृद्धि होगी। आपकी माता जी की स्वास्थ्य समस्याएं भी समाप्त हो सकती हैं। घर-परिवार में सुख-शांति एवं खुशहाली भरा जीवन रहेगा और सभी क्लेश समाप्त हो जाएंगे। आपकी अचल संपत्ति में भी वृद्धि होगी। मन खुश रहेगा।

उपाय:- ऐसे जातकों को गुरुवार के दिन अपने गले में सोने की चेन का धारण करना चाहिए। इसके अलावा बेसन का हलवा बनाकर भगवान विष्णु को गुरुवार के दिन ही भोग लगाएं। भोग लगाएं प्रसाद को सभी में बैठकर अंत में स्वयं ग्रहण करें।

तुला राशि

तुला राशि के तृतीय भाव में गुरु गोचर करेगा। यह आपके जीवन में आपके शुभ प्रभाव को दर्शाता है। आपके कारोबार से जुड़े मामले आपके लाभ के योग बनाएंगे। आप सभी चुनौतियों का डटकर सामना करते हुए तरक्की के मार्ग पर आगे बढ़ेंगे। आर्थिक मामलों में दिन बेहतर है। आपके छोटे भाई-बहनों को प्रसिद्धि एवं समृद्धि मिलने योग हैं। सितंबर के बाद आपका आध्यात्मिक कार्यों के प्रति रुझान बढ़ेगा, आप धार्मिक यात्रा पर जा सकते हैं। नौकरी पेशा लोगों के लिए तरक्की के योग हैं। इन दिनों ध्यान रखें कि आपके उच्च अधिकारी से आपकी बहस ना हो जाए।

उपाय:- हर गुरुवार के दिन भगवान विष्णु के मंदिर में चने की दाल चढ़ाकर उसे किसी गरीब को दान में दे दें। बच्चों में पाठन कार्य से जुड़ी सामग्री बांटे।

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि के जातकों के दूसरे भाव में गुरु गोचर कर रहा है, दूसरा भाव धन से संबंधित माना जाता है, यानी कि इन दिनों आपके बचत होने के पूरे योग हैं। आप अपने क्रोध पर नियंत्रण स्थापित कर पाने में सफल होंगे। वैवाहिक जीवन व्यतीत कर रहे जातकों के लिए दिन खुशनुमा बनेगा, वहीं घर-परिवार में सुख-शांति एवं समृद्धि का वातावरण बना रहेगा। कार्यक्षेत्र में आपके कार्य की प्रशंसा होगी। आपके समक्ष नए-नए कार्य एवं प्रोजेक्ट आएंगे जो आपकी प्रगति के लिए लाभकारी सिद्ध होंगे। अगर घर-परिवार में किसी बात को लेकर अनबन की स्थिति उत्पन्न होती है, तो आपको ऐसे में समझदारी दर्शाने की आवश्यकता है।

उपाय:-  ऐसे जातकों को भूरी रंग की गाय को आटे की लोई में गुड़ भरकर सेक कर लोई पर हल्दी का टीका लगाकर खिलाना चाहिए। आपको घर के बड़े -बुजुर्गों के प्रति अपने सम्मान भाव को प्रदर्शित करने की आवश्यकता है।

धनु राशि

धनु राशि का स्वामी ग्रह गुरु है अर्थात गुरु का राशि परिवर्तन धनु में आकर ही अवस्थित होगा जो आपके लिए शुभ परिणाम परिलक्षित करेगा। ऐसे में आपके ज्ञान, मान-सम्मान में एवं नैतिक मूल्यों में वृद्धि होगी। आप अपने कर्तव्यों को महत्व देंगे। कोई भी कार्य सोच समझकर जिम्मेदारी पूर्वक करेंगे। आर्थिक मामलों के लिए भी यह समय आपके लिए अत्यंत ही लाभकारी है।

उपाय:- इस राशि के जातकों को ज्योतिषीय परामर्श के पश्चात पुखराज धारण करना चाहिए, यह आपके लिए शुभ फल प्रदान करेगा

मकर राशि

आपकी कुण्डली के बारहवें और तृतीय भाव का स्वामी गुरु ग्रह है। बारहवां भाव व्यक्ति के आर्थिक व्यय को दर्शाता है, यानी कि यह समझ लीजिए कि इन दिनों आप के खर्च में वृद्धि होना तय है। हालांकि कारोबार आदि में आपके लाभ भी होंगे, किंतु लाभ का कोई फायदा नहीं रह जाएगा। आपके हाथ में इन दिनों धन नहीं टिकेगा। आर्थिक मामलों में कोई भी निर्णय सोच-समझकर ही लें अन्यथा हानि होने की संभावना है। कारोबार के लिए यह राशि परिवर्तन ठीक नहीं है।  इन दिनों निवेश करने का विचार ना लाएं। साल के अंत में आपको अपने आर्थिक लेनदेन पर विशेष ध्यान देना होगा अन्यथा किसी स्वजन अथवा मित्र से बेवजह वाद-विवाद हो जाएगा।

उपाय:- इस राशि के जातकों को राशि परिवर्तन की अवधि के दौरान पीपल के वृक्ष की जड़ को धारण करना चाहिए।

कुम्भ राशि

इस राशि के द्वितीय एवं एकादश भाव का स्वामी ग्रह बृहस्पति है। बृहस्पति का स्वराशि में प्रवेश आपके लिए शुभकारी प्रभाव को दर्शायेगा। यह धन की वृद्धि को दर्शाएगा। आपके आर्थिक पक्ष पहले की अपेक्षा बेहतर होंगे। भाई-बहनों के बीच प्रेम भाव विकसित होगा, संभवतः आपको अपने भाई-बहनों से सहयोग लेने की आवश्यकता पड़ सकती है। इस वर्ष के अंत में यात्रा आदि में आपको अधिक सतर्कता बरतने की आवश्यकता है, दुर्घटना आदि के योग दृश्यमान हो रहे हैं। नौकरी पेशा लोगों को इस वर्ष सितंबर के बाद पदोन्नति मिल सकती है अथवा बेरोजगारों को नौकरी मिल सकती है।

उपाय:- हर गुरुवार के दिन पीपल के वृक्ष में जल का अर्पण करें। इस दौरान आप ध्यान रखें कि किसी भी प्रकार से आपके हाथों का स्पर्श पीपल के वृक्ष में ना हो। ऐसे जातकों को पीले चावल बना कर माता सरस्वती को भोग लगाना चाहिए।

मीन राशि

इस राशि के दशम भाव का स्वामी ग्रह गुरु है, अतः इस राशि परिवर्तन के दौरान गुरु आपकी राशि के दशम भाव में गोचर करेगा। यह राशि परिवर्तन यह दर्शाता है कि यह ग्रह गोचर आपके कार्यक्षेत्र हेतु सफलता प्रदायक रहेगा। शिक्षा जगत से जुड़े लोगों को दोहरा लाभ मिलने के योग बन रहे हैं। कार्यक्षेत्र की तरक्की आपके मन को भी प्रफुल्लित रखेगी। हालांकि वैवाहिक जीवन में किसी अन्य की वजह से तनावग्रस्त स्थिति उत्पन्न हो सकती है। वहीं आपकी सूझबूझ से विकट स्थिति को उतपन्न होने से रोकने का कार्य करेगी। यदी आप अपनी नौकरी में परिवर्तन हेतु मन बना रहे हैं तो इसके लिए किसी श्रेष्ठ व्यक्ति की सलाह लें, यह आपके लिए लाभकारी रहेगा।

उपाय:- मीन राशि के जातकों को इस ग्रह गोचर की अवधि के दौरान हर गुरुवार के दिन गुरु के बीज मंत्र 'ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरुवे नमः' का जप करना चाहिए। अधिक से अधिक पीले और क्रीम कलर के कपड़े पहने एवं अन्य सामान आदि का भी प्रयोग करें।