आज दिनांक 04 जून 2020 ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि और दिन बृहस्पतिवार का है। विक्रम संवत् 2077 है। सूर्य उत्तरायण की स्थिति में उत्तर गोलार्द्ध में मौजूद है। ग्रीष्म ऋतु है।
आज त्रयोदशी तिथि सुबह 06 बजकर 06 मिनट तक बनी रहेगी, इसके पश्चात चतुर्दशी तिथि का आरंभ हो जायेगा जो 05 जून 2020 को प्रातः काल ब्रह्म मुहूर्त में 03 बजकर 14 मिनट तक है। नक्षत्रों में विशाखा नक्षत्र है जो आज संध्याकाल 06 बजकर 36 मिनट तक बना रहेगा, इसके बाद अनुराधा नक्षत्र की शुरुआत होगी। इसके अलावा आज शिव योग मध्य रात्रि 11 बजकर 26 मिनट तक बना है, फिर सिद्ध योग का आरम्भ होगा। आज सुबह 06 बजकर 05 मिनट तक तैतिल करण बना रहेगा, जिसके बाद गर करण शाम को 04 बजकर 38 मिनट तक है। इसके पश्चात वणिज करण 05 जून की प्रातः काल के ब्रह्म मुहूर्त में 03 बजकर 15 मिनट तक बना रहेगा, फिर विष्टि नक्षत्र का आरंभ होगा।
आज सूर्य रोहिणी नक्षत्र में है जो वृषभ राशि मे संचार करेगा, वहीं आज चंद्रमा तुला राशि मे दोपहर के 01 बजकर 07 मिनट तक संचार करेगा फिर यह अगली राशि वृश्चिक में प्रवेश करेगा।
सूर्योदय: सुबह 05 बजकर 24 मिनट पर।
सूर्यास्त: शाम 07 बजकर 15 मिनट पर।
चंद्रोदय: संध्या 05 बजकर 49 मिनट पर।
चन्द्रास्त: 05 जून प्रातः 04 बजकर 51 मिनट पर।
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आज के शुभ मुहूर्त
आज के अशुभ मुहूर्त
आज के मंत्र
गुरुवार को नहाने के समय अपने पानी में एक चुटकी हल्दी मिलाएं एवं उक्त मंत्र का जप करते हुए अपने आराध्य देव को याद करें।
'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय'।।
भगवान बृहस्पति के सकारात्मक के साथ-साथ कुछ नकारात्मक प्रभाव भी होते हैं जिनसे बचने हेतु आपको हर गुरुवार को उक्त मंत्र का कम से कम 21 बार उच्चारण अवश्य करना चाहिए।
ॐ बृं बृहस्पतये नमः
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:
ॐ ऐं श्रीं बृहस्पतये नम:
ॐ गुं गुरवे नम:
ॐ क्लीं बृहस्पतये नम:।।
आज के उपाय
आइये अब जानते हैं आज यानी बृहस्पतिवार के उपाय।