आज दिनांक 22 मई 2020 ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि एवं दिन शुक्रवार है। विक्रम संवत् 2077 है। सूर्य उत्तरायण की स्थिति में उत्तर गोलार्द्ध में मौजूद है । ग्रीष्म ऋतु है। आज शनि जयंती है साथ ही वट सावित्री व्रत भी है।
आज अमावस्या तिथि रात्रि 11 बजकर 07 मिनट तक बनी रहेगी, तत्पश्चात प्रतिपदा तिथि शुरू हो जाएगी। साथ ही कृतिका नक्षत्र 23 मई की सुबह 03 बजकर 09 मिनट तक बना हुआ रहेगा, फिर रोहिणी नक्षत्र का भी आरंभ होना है। आज शोभन योग प्रातः 06 बजकर 27 मिनट तक बना रहेगा, इसके बाद अतिगण्ड योग प्रारम्भ होगा। आज चतुष्पाद करण प्रातः 10 बजकर 24 मिनट तक ही है, जबकि नाग करण रात्रि 11 बजकर 05 मिनट तक है। फिर किंस्तुघ्न करण आरम्भ होगा। आज सूर्य वृषभ राशि मे तथा चंद्रमा प्रातः 07 बजकर 38 मिनट तक मेष राशि तत्पश्चात वृषभ राशि पर संचार करेगा।
सूर्योदय: सुबह 05 बजकर 29 मिनट पर।
सूर्यास्त: शाम 07 बजकर 10 मिनट पर।
चंद्रोदय: आज चंद्रोदय के योग नहीं है।
चन्द्रास्त: संध्या 06 बजकर 53 मिनट पर।
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शुभ मुहूर्त
किसी भी काम को आरम्भ करने से पहले सही मुहूर्त की जानकारी होना बेहद आवश्यक है। शुभ मुहूर्त में आरंभ किया गया कार्य सदैव शुभफलदायी होता है। आज शुभ मुहूर्त में अभिजीत मुहूर्त प्रातः 11 बजकर 52 मिनट से दोपहर 12 बजकर 44 मिनट तक है। इस काल मे आरम्भ किया गया कार्य फलदायी होता है। साथ ही विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 36 मिनट से 03 बजकर 29 मिनट तक रहेगा। विजय मुहूर्त में आरंभ किया गया कार्य अवश्य ही सफलता प्रदान करेगा। साथ ही गोधूलि मुहूर्त शाम 06 बजकर 56 मिनट से 07 बजकर 19 मिनट तक है। इसके अतिरिक्त विशेष शुभ मुहूर्त मे अमृत काल 23 मई 2020 की मध्य रात्रि में 12 बजकर 34 मिनट से रात्रि के 02 बजकर 19 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा निशिता मुहूर्त मध्य रात्रि 11 बजकर 57 मिनट से लेकर रात्रि 12 बजकर 38 मिनट तक है। उपरोक्त काल अवधि में आरम्भ किया कार्य ज्योतिषीय अनुरूप शुभ फलदायी है। अतः इस दौरान ही शुभ कार्यों की शुरुआत करें।
अशुभ मुहूर्त
अशुभ मुहूर्त में किये जा रहे कार्यों में बाधाएं उत्पन्न होना तय माना जाता है। अतः किसी भी अच्छे कार्य के आरम्भ के पूर्व इन मुहूर्तों की काल अवधि की समझ आवश्यक है। आज के अशुभ मुहूर्त में राहुकाल सुबह 10 बजकर 37 मिनट से दोपहर 12 बजकर 19 मिनट तक बना रहेगा। राहुकाल को सबसे अशुभ एवं संकट का काल माना जाता है। कहा जाता है इस दौरान आरम्भ किये गए कार्यों में अवश्य ही व्यवधान उत्पन्न होता है। इसके अतिरिक्त दोपहर 03 बजकर 44 मिनट से 05 बजकर 29 मिनट तक यमगंड रहेगा। यह काल भी किसी भी अच्छे कार्य की शुरुआत हेतु ठीक नही है। इसके अलावा प्रातः 07 बजकर11 मिनट से 08 बजकर 53 मिनट तक गुलिक काल भी रहेगा। वहीं दुर्मुहूर्त आज दो बार प्रभावी होगा। सर्वप्रथम यह प्रातः काल 08 बजकर 11 मिनट से 09 बजकर 07 मिनट तक रहेगा, वहीं दूसरी बार यह दोपहर को 12 बजकर 44 मिनट से 1 बजकर 42 मिनट तक बना है। तदोपरांत दोपहर 02 बजकर 08 मिनट से 03 बजकर 53 मिनट तक वर्ज्य काल है।
मंत्र
ॐ श्रीं श्रीये नम:
महालक्ष्मी च विद्महे, विष्णुपत्नी च धीमहि, तन्नो लक्ष्मी: प्रचोदयात्।
ॐ श्रीं श्रीं महालक्ष्म्यै श्रीं श्रीं ॐ नम:।
उपरोक्त मंत्रों का 108 बार जप करें।
आज के उपाय