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बन रहा है ग्रहों के गोचर से अद्भुत संयोग, जातकों व सम्पूर्ण राष्ट्र हेतु दर्शायेगा शुभकारी परिणाम

Amazing coincidence of multiple planets transit that will be good the country

ज्योतिष शास्त्र में ग्रह गोचरों की स्थिति में एक अद्भुत संयोग इन दिनों देखा जा रहा है। कई वर्षों के पश्चात इस वर्ष 2020 में ब्रह्मांड में मौजूद नवग्रहों में से 5 ग्रह अपनी ही राशि में गोचर कर रहे हैं, जबकि 2 ग्रह सूर्य तथा बुध अर्थात अपने मित्र ग्रह में गोचर करने जा रहे हैं। कुल मिलाकर 9 ग्रहों में से 7 ग्रह सभी जातकों के लिए बहुत ही बेहतरीन और शुभकारी परिणाम दर्शाने वाले साबित हो रहे हैं। ऐसे में यह संयोग जातकों के लिए अत्यंत दृश्य शुभ प्रभावी माना जाएगा ।

स्वराशि व मित्र राशि में भ्रमण कर रहे ग्रहों में से सर्वप्रथम मंगल जो कि अपनी स्वराशि अर्थात मेष राशि में भ्रमण कर रहा है, तत्पश्चात बृहस्पति धनु राशि में गोचर कर रहा है तो वही शनि मकर राशि में गोचर की क्रिया कर रहे हैं, जबकि राहु वृषभ राशि में भ्रमण कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी ओर केतु वृश्चिक राशि में गतिमान रूप से गोचर कर रहे हैं। इन 5 ग्रहों के अतिरिक्त सूर्य अपने मित्र बुध की राशि में तथा अपने मित्र शुक्र की राशि में गोचर करने जा रहा है जिस कारण से यह संपूर्ण जातकों के साथ साथ संपूर्ण राष्ट्र की राजनीतिक व अन्य तत्वों को भी प्रभावित करेगा।

ज्योतिष शास्त्रों के अनुमान के मुताबिक ग्रहों के इस शुभकारी स्थिति का राजनैतिक तौर पर अस्थिर परिणाम पड़ने वाला है, अर्थात देशभर में विभिन्न तत्वों व अलग-अलग आयामों पर राजनीतिक तथ्य उठाये जाएंगे। वहीं महीनों से झेल रहे प्राकृतिक आपदाओं पर लगाम लगने के आसार भी नजर आ रहे हैं, अर्थात पिछले दिनों जितने भी प्रकार के प्राकृतिक व अन्य आपदाओं का जातकों ने कष्ट झेला है, उन सभी में कुछ सकारात्मक परिवर्तन आ सकते हैं जिससे स्थिति बेहतर होती हुई नजर आ रही है। संभवत इस दौरान शासन सत्ता के जन व अन्य शीर्ष नेतृत्व वाले जन, जन मानस व निम्न वर्ग के लोगों के हित हेतु अनेकानेक प्रकार के सफल दायक प्रयास करेंगे जिससे देशभर में आपसी भाईचारा प्रेम स्नेह की भावना विकसित होगी। इसके अतिरिक्त ज्योतिष शास्त्र में यह भी कहा गया है कि 7 ग्रहों की इस शुभकारी की स्थिति के कारण भिन्न-भिन्न तरह के सकारात्मक परिवर्तन संपूर्ण देश भर में परिलक्षित होने वाले हैं ।

तो आइए जानते हैं की भारतवर्ष के जनता जनार्दन हेतु पांच ग्रहों के अपनी ही राशि में गोचर व दो अन्य ग्रहों के अपने मित्र राशि में गोचर का क्या कुछ परिणाम परिलक्षित होता है।

मंगल का होगा मांगलिक प्रभाव

तत्काल में मंगल की स्थिति का यदि हम ज्योतिषीय विश्लेषण करते हैं तो वर्तमान में मंगल अपनी ही राशि अर्थात मेष राशि में गोचर कर रहा है जो कि 11 सितंबर प्रातः काल 3 बजकर 48 मिनट से वक्री की चाल में परिवर्तित हो चुका है। मेष राशि में मंगल की चाल 4 अक्टूबर तक बनी रहेगी, तत्पश्चात मंगल वक्री के प्रभाव को दर्शाते हुए मीन राशि में प्रवेश कर जाएगा। मंगल गर्म ग्रह माना जाता है जो अग्नि तत्व को संबोधित करता है। संभावना यह है कि इस दौरान आगजनी व अन्य आग से जुड़ी समस्याओं व आपदाओं के मामलों में राष्ट्र हेतु नकारात्मक आसार नजर आ रहे हैं। वहीं दूसरी ओर मंगल का स्वराशि में गोचर यह भी दर्शाता है कि हमारे सैन्य शक्ति की स्थिति काफी बेहतर होगी। भारत सरकार का वैदेशिक संबंध काफी बेहतर होने वाला है, साथ ही भारतीय सैन्य बल की मजबूती हेतु किसी विशेष विमान यंत्र आदि की खरीदारी भी हो सकती है। कृषि वर्ग से जुड़े जातकों के लिए भी मंगल का प्रभाव शुभकारी परिणाम दर्शाने वाला है, इस दौरान खेतों में अनाज के पैदावार में कुछ सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिल सकते हैं जिससे किसानों की स्थिति बेहतर बनेगी। संभवत इस वर्ष भारतवर्ष में खाद्यान्न की कमी नहीं होगी।

देवगुरु बृहस्पति का प्रभाव

बृहस्पति को सभी ग्रहों में से गुरु की उपाधि दी गई है एवं इसे अन्य सभी ग्रहों की अपेक्षा सर्वाधिक बड़ा माना जाता है। बृहस्पति का स्वराशि में गोचर अर्थात धनु में गतिमान होना यह दर्शाता है कि शिक्षा जगत से जुड़े जातक अपने जीवन में कोई बड़ा निर्णय लेंगे जो उनके लिए अत्यंत ही सकारात्मक व शुभकारी परिणाम दर्शाएगा। इसके अतिरिक्त संपूर्ण राष्ट्र हेतु तथा शिक्षा जगत में कुछ विशेष परिवर्तन देखने को मिलेगा। सरकार के द्वारा नई शिक्षा नीति लाई गई है जो इस दौरान विद्यार्थियों के लिए काफी शुभ कारी परिणाम दर्शायेगा। इसके अतिरिक्त देव गुरु बृहस्पति का स्वराशि में गोचर जातकों के अंदर आध्यात्मिक व धार्मिक प्रवृत्तियों को भी जागृत करने का कार्य कर रहे हैं अर्थात आपका धार्मिक क्रियाकलाप पूजा-पाठ आदि जैसे कार्यों में मन लगेगा एवं आपका आकर्षण भी उस ओर बढ़ेगा। इसके अतिरिक्त भारत के धार्मिक क्रियाकलापों से जुड़े जातक पंडितों, धर्माचार्य, साधु-संतों आदि की स्थिति में भी कुछ सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिलेगा। आपके नैतिक मूल्यों व वैचारिक दृष्टिकोण में भी सकारात्मक परिवर्तन  होंगे।

शनि का न्यायिक प्रभाव

शनि को न्याय का देवता कहा जाता है जो इस दौरान 29 सितंबर को अपनी स्वराशि मकर राशि में मार्गी होने चुके हैं जिसका प्रभाव कारोबारियों के ऊपर काफी बेहतर परिणाम दर्शाने वाला साबित होगा। आपकी आर्थिक स्थिति में सुधार होने के आसार नजर आ रहे हैं। राष्ट्र की अर्थव्यवस्था में भी सुधार आएगा। देश की गिर रही जीडीपी के बेहतर होने की उम्मीद नजर आ रही है। शासन सत्ता के जातकों द्वारा कुछ ऐसे सकारात्मक परिवर्तनकारी निर्णय लिए जाएंगे जो कारोबारी वर्ग के लिए अत्यंत ही लाभकारी साबित हो सकते हैं। क्योंकि शनि को न्याय का देवता माना जाता है, अतः संभावना यह भी है कि कोर्ट कचहरी आदि से जुड़े सभी मसले भी सत्यता के पक्ष को ही उजागर करेंगे एवं न्यायिक फैसलों में भी तीव्रता आएगी।

राहु का राष्ट्र पर प्रभाव

18 महीने तक अन्य राशि में गोचर करने के पश्चात राहु अपने चाल में गतिमान होते हुए अपनी स्वराशि वृषभ में प्रवेश कर चुके हैं एवं गोचर कर रहे है। राहु का स्वराशि में गोचर करना राष्ट्र के हित हेतु शुभ संकेत दर्शा रहा है। संभवत राष्ट्र की नैतिकता में कुछ अमूलभूत परिवर्तन देखने को मिले। कानूनी प्रक्रिया में पारदर्शिता आएगी, साथ ही जो भी गैर कानूनी व दुष्ट प्रवृत्तियों वाले कार्य हावी हो रहे थे, उन सभी कार्यों पर कानूनी शिकंजा कसे जाने के भी आसार नजर आ रहे हैं। वहीं विदेश नीति के बेहतर होने की भी संभावना दिख रही है। तत्कालीन सरकार द्वारा विदेश से जुड़े कार्यों हेतु कुछ नए व बेहतर मापदंड निर्धारित किए जाने के आसार हैं जिससे वैदेशिक कार्य निति में शीघ्रता आएगी एवं सफलता की प्राप्ति होगी। वहीं बेरोजगार जातकों को अनेकों भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में नौकरियों के भी अवसर प्राप्त हो सकते हैं जिससे आपके कैरियर व कार्य क्षेत्र की स्थिति के बेहतर होने के आसार है।

केतु के स्वराशि में गोचर का प्रभाव

पांच ऐसे ग्रह जो अपनी ही स्वराशि में गोचर कर रहे हैं, इनमें एक केतु भी है। केतु इन दिनों अपनी स्वराशि अर्थात वृश्चिक राशि में गोचर कर रहा है जो मंगल के सदृश्य ही राष्ट्र की भौगोलिक स्थिति, राजनीतिक स्थिति, आर्थिक स्थिति, व वैदेशिक तथ्यों से संबंधी हेतु परिणाम दर्शाएगा। केतु का स्वराशि में गोचर करना जातकों के अंदर धार्मिक प्रवृत्तियों को जागृत करेगा जिससे जातक का धर्म-कर्म आदि में मन लगेगा एवं नए नए धार्मिक व आध्यात्मिक बुलंदियों के उजागर होने के आसार नजर आ रहे हैं। वहीं युवा वर्ग के जातक कुछ ऐसे शोध की प्रक्रिया को संपन्न करेंगे जो संपूर्ण विश्व हेतु चौंकाने वाला साबित हो सकता है। इस दौरान रियल स्टेट, पावर सेक्टर के जातकों के लिए भी यह समय अत्यंत ही शुभकारी परिणाम दर्शा सकता है। इन क्षेत्रों में लोगों का निवेश हेतु आकर्षण बढ़ेगा। वहीं बिल्डर फ्लैट आदि के विक्रेता हेतु भी यह समय अनुकूल रहने वाला है। मकान की खरीददारी में रुचि रखने वाले जातकों में बढ़ोतरी हो सकती है।