आज का पंचांग 6 जून 2020
आज दिनांक 06 जून 2020 ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि और दिन शनिवार का है। विक्रम संवत् 2077 है। सूर्य उत्तरायण की स्थिति में उत्तर गोलार्द्ध में मौजूद है। ग्रीष्म ऋतु है।
आज प्रतिपदा तिथि रात्री 10 बजकर 31 मिनट तक बनी रहेगी, इसके पश्चात द्वितीया तिथि का आरंभ हो जायेगा। आज ज्येष्ठ नक्षत्र दोपहर 03 बजकर 14 मिनट तक बना रहेगा। तत्पश्चात मूल नक्षत्र का आरंभ होगा। इसके अलावा आज साध्य योग संध्या 05 बजकर 19 मिनट तक बना है, फिर शुभ योग का आरम्भ होगा। आज सुबह के 11 बजकर 33 मिनट तक बालव करण बना रहेगा, जिसके बाद कौलव करण का आरंभ होगा जो रात्रि 10 बजकर 31 मिनट बना रहेगा। इसके बाद तैतिल करण आरम्भ होगा। आज सूर्य रोहिणी नक्षत्र में है जो वृषभ राशि मे संचार करेगा। आज चंद्रमा दोपहर 03 बजकर 15 मिनट तक वृश्चिक राशि, तत्पश्चात धनु राशि में संचार करेगा।
सूर्योदय: सुबह 05 बजकर 22 मिनट पर।
सूर्यास्त: शाम 07 बजकर 16 मिनट पर।
चंद्रोदय: प्रातः 08 बजकर 01 मिनट पर।
चन्द्रास्त: 07 मई प्रातः 05 बजकर 40 मिनट पर।
आज के शुभ मुहूर्त
- आज अमृतकाल सुबह 06 बजकर 59 मिनट से लेकर सुबह 08 बजकर 28 मिनट तक है।
- अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 53 मिनट से दोपहर 12 बजकर 47 मिनट तक है।
- विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 40 मिनट से दोपहर 03 बजकर 34 मिनट तक रहेगा।
- गोधूलि मुहूर्त शाम 07 बजकर 04 मिनट शाम 07 बजकर 25 मिनट तक है।
- निशिता मुहूर्त मध्य रात्रि 12 बजकर 01 मिनट से लेकर रात्रि 12 बजकर 38 मिनट (07 मई 2020) तक है।
- ब्रह्म मुहूर्त 07 मई 2020 की प्रातः 04 बजकर 03 मिनट से लेकर प्रातः 04 बजकर 41 मिनट तक बना हुआ है।
आज के अशुभ मुहूर्त
- आज गण्डमूल काल पूरे दिन तक बना रहेगा है।
- गुलिक काल प्रातः 05 बजकर 22 मिनट से सुबह 07 बजकर 07 मिनट तक रहेगा।
- दुर्मुहूर्त आज दो बार प्रभावी होगा। सर्वप्रथम यह प्रातः 05 बजकर 21 मिनट से सुबह 06 बजकर 19 मिनट तक, तत्पश्चात दूसरी बार सुबह 06 बजकर 16 मिनट से लगभग 1 घंटे बाद 07 बजकर 15 मिनट तक बना रहेगा।
- राहुकाल सुबह 08 बजकर 50 मिनट से सुबह के 10 बजकर 37 मिनट तक बना रहेगा।
- वर्ज्य काल रात्रि 10 बजकर 51 मिनट से मध्य रात्रि 12 बजकर 25 मिनट (07 जून) तक है।
- यमगंड दोपहर 02 बजकर 03 मिनट से दोपहर 03 बजकर 50 मिनट तक रहेगा।
आज के मंत्र
इन मंत्रों द्वारा आप शनि देव को प्रसन्न कर अपना आज दिन एवं भविष्य सुनहरा बना सकते है-
ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये शन्योरभिस्त्रवन्तु न:।
ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:
ॐ ऐं ह्लीं श्रीशनैश्चराय नम:।
कोणस्थ पिंगलो बभ्रु: कृष्णो रौद्रोन्तको यम:।
आज के उपाय
- शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए सरसों के तेल का दीपक जलाएं।
- प्रातः काल मे ब्रह्म मुहूर्त शनि एवं पीपल के वृक्ष में जल से अर्घ्य प्रदान करें। शनि भगवान को गुड़, तिल , सरसों का तेल आदि चढ़ाये।
- शनि देव को नीले पुष्प चढ़ाकर इस मंत्र ऊँ शं शनैश्चराय नमः का 108 बार जप करें।