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आज का पंचांग 21 मई 2020

Aaj Ka Panchang 21 May 2020

आज दिनांक 21 मई 2020 ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि और दिन गुरुवार का है। विक्रम संवत् 2077 है। वही सूर्य उत्तरायण की स्थिति में उत्तर गोलार्द्ध में मौजूद है। ग्रीष्म ऋतु है। आज चतुर्दशी तिथि रात्रि 09 बजकर 37 मिनट तक बनी रहेगी जिसके पश्चात अमावस्या तिथि का आरंभ हो जायेगा।

आज भरनी नक्षत्र अर्धरात्रि 01 बजकर 03 मिनट तक (22 मई 2020 01:03am) तक बना हुआ रहेगा, फिर कृतिका नक्षत्र का भी आरंभ होना है। आज सौभग्य योग प्रातः 06 बजकर 02 मिनट तक बना रहेगा, तत्पश्चात शोभन योग का आरंभ होगा। आज विष्टि करण  प्रातः 08 बजकर 39 मिनट तक ही है, जबकि शकुनि करण रात्रि 9 बजकर 35 मिनट तक रहेगा। फिर चतुष्पाद करण आरम्भ होगा। आज सूर्य वृषभ राशि मे तथा चंद्रमा दिन रात मेष राशि पर संचार करेगा।

सूर्योदय:  सुबह 05 बजकर 28 मिनट पर।
सूर्यास्त: शाम 07 बजकर 08 मिनट पर।

चंद्रोदय: प्रातः 05 बजकर 13 मिनट पर (22 मई 2020)।
चन्द्रास्त: संध्या 05 बजकर 58 मिनट पर।

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शुभ मुहूर्त

किसी भी कार्य को प्रारम्भ करने के पहले सही मुहूर्त की जानकारी होना बेहद जरुरी है। शुभ मुहूर्त में आरंभ किया गया कार्य सदैव शुभफलदायी होता है। आज शुभ मुहूर्त में अभिजीत मुहूर्त प्रातः 11बजकर 53 मिनट से दोपहर 12 बजकर 44 मिनट तक है। इस काल मे आरम्भ किया गया कार्य फलदायी होता है। साथ ही विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 36 मिनट से 03 बजकर 31 मिनट तक रहेगा। विजय मुहूर्त में आरंभ किया गया कार्य अवश्य ही सफलता प्रदान करेगा। साथ ही गोधूलि मुहूर्त शाम 06 बजकर 56 मिनट से 07 बजकर 21 मिनट तक है। इसके अतिरिक्त विशेष शुभ मुहूर्त में आज अमृत काल संध्या 07 बजकर 49 मिनट से रात्रि 09 बजकर 43 मिनट तक रहेगा। इसके अलावा निशिता मुहूर्त सुबह 11 बजकर 57 मिनट से लेकर रात्रि 12 बजकर 38 मिनट तक है। उपरोक्त काल अवधि में आरम्भ किया कार्य ज्योतिषीय अनुरूप शुभ फलदायी है। अतः इस दौरान ही शुभ कार्यों की शुरुआत करें।

अशुभ मुहूर्त

अशुभ मुहूर्त में किये जा रहे कार्यों में व्यवधान उत्पन्न होना तय माना जाता है। अतः किसी भी अच्छे कार्य के आरम्भ के पूर्व इन मुहूर्तों की काल अवधि की समझ आवश्यक है। आज के अशुभ मुहूर्त में राहुकाल दोपहर 02 बजे से 03 बजकर 43 मिनट तक बना रहेगा। राहुकाल को सबसे अशुभ एवं संकट का काल माना जाता है। कहा जाता है इस दौरान आरम्भ किये गए कार्यों में अवश्य ही व्यवधान उत्पन्न होता है। इसके अतिरिक्त सुबह 05 बजकर 29 मिनट से 07 बजकर 11 मिनट तक यमगंड रहेगा। यह काल भी किसी भी अच्छे कार्य की शुरुआत हेतु ठीक नही है। इसके अलावा प्रातः 08 बजकर 54 मिनट से 10 बजकर 38 मिनट तक गुलिक काल भी रहेगा। वही दुर्मुहूर्त आज दो बार प्रभावी होगा। सर्वप्रथम यह प्रातः काल 10 बजकर 03 मिनट से 10 बजकर 56 मिनट तक रहेगा तो वहीं दूसरी बार यह दोपहर 3 बजकर 31 मिनट से 4 बजकर 24 मिनट तक बना है। तदोपरांत प्रातः 09 बजकर 10 मिनट से 10 बजकर 57 मिनट तक वर्ज्य काल है। इसके अतिरिक्त भद्रा प्रातः 05 बजकर 27 मिनट से  08 बजकर 41 मिनट तक है।

मंत्र

आइये जानते हैं आज यानी बृहस्पति के उपाय जो कई करेंगे गुरु ग्रह को प्रसन्न।  

  • गुरुवार को नहाने के समय अपने पानी में एक चुटकी हल्दी मिलाएं एवं उक्त मंत्र का जप करते हुए अपने आराध्य देव को याद करें।

'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय'।।

  • भगवान बृहस्पति के सकारात्मक के साथ-साथ कुछ नकारात्मक प्रभाव भी होते हैं जिनसे बचने हेतु आपको हर गुरुवार को उक्त मंत्र का कम से कम 21 बार उच्चारण अवश्य करना चाहिए।

ॐ बृं बृहस्पतये नमः


ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:

ॐ ऐं श्रीं बृहस्पतये नम:

ॐ गुं गुरवे नम:

ॐ क्लीं बृहस्पतये नम:।।

आज के उपाय

  • गुरुवार के दिन व्रत रखना अत्यंत ही शुभ फलदाई माना जाता है। अतः आज के दिन व्रत रखें। साथ ही अपने इष्ट आराध्य देवों के पूजन के साथ-साथ केले के वृक्ष पूजा-अर्चना करें। केले के वृक्ष में जल अर्पित करना ना भूलें।
  • गरीबों एवं जरूरतमंदों को भोजन कराएं। अपनी क्षमता एवं शिक्षा के अनुरूप संभव हो तो आर्थिक मदद भी करें।
  • गुरुवार को पीले रंग का वस्त्र धारण करना सकारात्मक प्रभाव देता है।