आज दिनांक 12 मई 2020 ज्येष्ठ मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि है। दिन मंगलवार है। विक्रम संवत् 2077 चल रहा है। आज सूर्य उत्तरायण की स्थिति में उत्तर गोलार्द्ध में बना हुआ है। ग्रीष्म ऋतु चल रहा है।
आज पंचमी तिथि सुबह 05 बजकर 54 मिनट तक बनी रहेगी जिसके बाद षष्ठी तिथि का आरंभ हो जाएगा। आज उत्तराषाढ़ नक्षत्र अगले दिन तड़के 04 बजकर 54 मिनट तक बना हुआ है। तदोपरांत श्रवण नक्षत्र का आरंभ होने की स्थिति बनी हुई है। वहीं शुभ योग की बात करे तो अर्धरात्रि 01 बजकर 38 मिनट बना रहेगा जिसके बाद शुक्ल योग का आरंभ हो जाएगा। वहीं इन सब में आज तैतिल करण प्रातः 05 बजकर 54 मिनट तक रहेगा जिसके बाद ग्रह-गोचरों की गणना अनुसार वणिज करण का आरंभ होगा। आज चंद्रमा पूर्वाह्न 10 बजकर 17 मिनट तक धनु राशि मे गतिमान रहेगा तत्पश्चात यह मकर राशि पर संचार करेगा।
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सूर्योदय: सुबह 05 बजकर 31 मिनट पर।
सूर्यास्त: शाम 07 बजकर 03 मिनट पर।
शुभ मुहूर्त
शुभकाल में आज अभिजित मुहूर्त दोपहर 11 बजकर 51 मिनट से 12 बजकर 45 मिनट तक बना हुआ है। इस कालावधि में किये गए कार्यों के आपको सफल परिणाम प्राप्त होंगे। आज विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 33 मिनट से 03 बजकर 27 मिनट तक रहेगा। साथ ही निशिथ काल मध्यरात्रि 11 बजकर 56 मिनट से 12 बजकर 38 मिनट तक रहेगा। इसके अतिरिक्त आज गोधूलि मुहूर्त शाम 06 बजकर 50 मिनट से लेकर 07 बजकर 14 मिनट तक बना हुआ है। अमृत काल के लिए रात्रि का शुभ मुहूर्त 10 बजकर 19 मिनट से 11 बजकर 58 मिनट तक रहेगा। वहीं रवि योग अगली सुबह 04 बजकर 54 मिनट से 05 बजकर 31 मिनट तक बना हुआ है।
अशुभ मुहूर्त
आज अशुभ मुहूर्त में राहुकाल का योग दोपहर 03 बजे से लेकर शाम 04 बजकर 30 मिनट तक बना है। इस दौरान किसी भी शुभ कार्य को आरम्भ न करें अन्यथा अनेकानेक संकटों का सामना करना पड़ सकता है, साथ ही आपके कार्य भी पूरे नहीं होंगे। आज प्रातः 09 बजे से 10 बजकर 30 मिनट तक यमगंड रहेगा जो अशुभता को बढ़ाता है। आज दोपहर 12 बजे से 01 बजकर 30 मिनट तक गुलिक काल रहेगा। यह भी ग्रह-गोचरों के मुताबिक अमंगलकारी योग है। दुर्मुहूर्त काल सुबह 08 बजकर 14 मिनट से 09 बजकर 08 मिनट तक बना रहेगा। आज वर्ज्य काल दोपहर 12 बजकर 25 मिनट से 02 बजकर 04 मिनट तक बना है। अतः उचित समय मे ही अपने कार्यो का क्रियान्वयन करें।
मंत्र
आज के दिन स्फटिक की माला से रामभक्त हनुमानजी के मंत्र- ।।ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट्।। का जप करें। अगर स्फटिक की माला उपलब्ध न हो तो तुलसी, चंदन आदि का प्रयोग कर लें।
आज के उपाय
कुछ अन्य उपाय: