ज्योतिष शास्त्र में ग्रहों के द्वारा होने वाले राशि परिवर्तन को बहुत महत्व दिया जाता है। चूँकि ग्रहों के द्वारा होने वाले राशि परिवर्तन का प्रभाव ना सिर्फ परिवर्तित होने वाली दोनों राशियों पर अपितु अन्य 10 राशियों पर भी बराबर पड़ता है जो कई बार जातकों के लिए शुभकारी परिणाम दर्शाता है तो कई बार अशुभकारी भी होता है। ऐसे में ग्रहों के गोचर का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है।
ज्योतिष शास्त्र में मौजूद कुल नवग्रहों में से राहु, केतु और शनि को काफी अधिक प्रभावी ग्रह माना जाता है। चूँकि इन तीनों ग्रहों के गोचर की काल अवधि सर्वाधिक होती है, साथ ही इनका प्रभाव भी जातकों के ऊपर अत्यधिक मात्रा में तत्काल पड़ता है। ऐसे में इन तीनों ग्रहों में से किसी का भी गोचर करना या फिर इनकी गतिविधियों में परिवर्तन आना जातकों के ऊपर अत्यधिक प्रभाव दर्शायेगा। इसी मध्य 23 सितंबर की तारीख को 18 महीने के पश्चात राहु का राशि परिवर्तन हुआ है जिसमें राहु मिथुन राशि में अपने गोचर की काल अवधि को पूर्ण कर वृषभ राशि में प्रवेश चूका है।
राहु का प्रभाव
ज्योतिष शास्त्र की मानें तो राहु एक छाया ग्रह है जो 23 सितंबर से वृष राशि में वक्री की चाल शुरू कर चूका है। राहु और केतु सामान्य रूप से अशुभ ग्रह माने जाते हैं जिसमें राहु को अत्यधिक क्रूर ग्रह कहा जाता है जिसमें जातकों की कुंडली में राहु का अशुभ भाव में बैठ जाना उन जातकों का समस्याओं व नकारात्मकता से उबर पाना कठिन हो जाता है। ऐसे में राहु के संबंध में यह जानना आवश्यक हो जाता है कि किस भाव में रहने से राहु के प्रभाव अत्यंत ही शुभकारी हो जाते हैं, साथ ही मिथुन राशि का परित्याग करने के पश्चात मिथुन राशि पर इसका क्या प्रभाव प्रदर्शित होने वाला है।
किस भाव के जातकों के लिए राहु का राशि परिवर्तन होगा शुभकारी?
राहु का होने वाला यह गोचर उन जातकों के लिए अत्यंत ही शुभकारी रहने वाला है जिन जातकों की कुंडली में लग्न के तीसरे भाव में राहु विराजमान हैं। उन जातकों के लिए राहु का होने वाला यह गोचर वरदान के समान साबित होगा। आपकी सभी मनोकामनाएं स्वतः पूर्ण होती चली जाएंगी। बड़ी से बड़ी जिम्मेदारियां बिना अत्यधिक मेहनत के पूर्ण हो जाएगी, बड़े से बड़े अटके हुए कार्य बन जाएंगे। आपके अंदर विशिष्ट ऊर्जा, अदम्य साहस व पराक्रम की वृद्धि होगी जिसके बलबूते पर आप आने वाली चुनौतियों का डटकर सामना करते हुए निरंतर आगे बढ़ते चले जाएंगे। इस दौरान सामाजिक प्रतिष्ठा में भी वृद्धि होगी। लोग आपके व आपके क्रियाकलापों की सराहना करेंगे। वहीं भाई-बहनों के साथ आपके संबंध में उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है। आप अपनी ओर से सभी के ऊपर हावी होने का प्रयत्न करेंगे।
मिथुन राशि पर राहु के परिवर्तन का प्रभाव
मिथुन राशि के जातकों की कुंडली के बारहवें भाव में राहु का होने वाला यह गोचर आपके आर्थिक स्थिति पर प्रभाव डालेगा, साथ ही यात्राओं के पक्ष को दर्शाता है। इससे आपके काफी खर्चदायक यात्रा के योग बन रहे हैं। इसके अलावा आपके साथ किसी ना किसी प्रकार की दुर्घटना आदि के भी आसार नजर आ रहे हैं, अतः इस दौरान आपको अधिक सतर्क रहने की आवश्यकता है। वाहन चलाते समय सावधानी बरतें। कोशिश करें कि आप स्वयं को फिजूल के वाद-विवाद में ना ही डालें तो बेहतर हैं, यह आप के लिए दीर्घकालिक समय में संकट उत्पन्न कर सकता है। जो भी वाद-विवाद अथवा कोर्ट कचहरी तक जानें लायक मसले उत्पन्न हो रहे हैं, उन्हें कानूनी उलझनों तक ले जाने से पूर्व ही सुलझा लें। कोशिश करें कि मामला कोर्ट कचहरी तक ना ही पहुंचे। आपसी वार्तालाप के द्वारा मामला सुलझ जाए तो अधिक बेहतर रहेगा अन्यथा आपके लिए समस्या उत्पन्न हो जाएगी। कार्यक्षेत्र में उच्च अधिकारियों से संबंध बनाए रखने की चेष्टा करें वरना आपके कारोबार को प्रभावित करेगा ।
विद्यार्थियों के लिए यह समय उतार-चढ़ाव से युक्त रहने वाला है। आपको बढ़िया परिणाम के लिए खूब मेहनत करनी होगी। वहीं जो भी जातक विदेश से जुड़े तथ्य में सफलता की प्राप्ति करना चाहते हैं, विदेशी नागरिकता अथवा विदेश में नौकरी करना चाहते हैं, उन जातकों के लिए यह समय काफी अनुकूल रहने वाला है। हालांकि यदि आप विदेश यात्रा हेतु इच्छुक हैं तो विदेश यात्रा अभी आपके लिए कष्टदायक ही रहने वाली हैं। राहु के गोचर के कारण आपको अपने स्वजनों व मित्रों की ओर से आर्थिक नुकसान झेलना पड़ सकता है, संभवत कर्ज भी लेना पड़ जाए। कोशिश करें कि आप अधिक कर्ज ना लें तो ही बेहतर है।