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बुध ग्रह की मजबूती से बने बुद्धिमान

ग्रह गोचर हमारे जीवन का संचालन करने में अहम योगदान रखते हैं। ज्योतिष शास्त्रों के अनुरूप ग्रह गोचरों की स्थिति-परिस्थिति हमारे जीवन में घटित घटनाओं का आधार होती है। हमारी कुंडली में कुल नौ ग्रह मौजूद होते हैं जो समय के अनुरूप अपनी अवस्था भाव आदि में परिवर्तन करते रहते हैं। यह नवग्रह व्यक्ति के जीवन से जुड़े अलग-अलग प्रकृति को परिलक्षित करते हैं। नौ ग्रहों का आदिगुरु बृहस्पति को माना जाता है। नवग्रहों में राजकुमार एवं सबसे अधिक प्रिय बुध को माना जाता है।

बुध बुद्धि के आदि ग्रह माने जाते हैं। तो आइए जानते हैं सर्वप्रथम बुध के संबंध में-

बुध की प्रकृति

ज्योतिष शास्त्रों में कुल नों ग्रह एवं 27 नक्षत्र है। नवग्रह में बुध ग्रह को अधिक महत्व दिया जाता है। माना जाता है कि बुध ग्रह देवों के संदेश वाहक होते हैं, जो अत्यंत ही तार्किक एवं बुद्धिमान प्रकृति के होते हैं। बुध सूर्य का सबसे निकटवर्ती ग्रह है जिसका स्वामी मिथुन एवं कन्या राशि माना जाता है। जिस भी जातक का बुध ग्रह मजबूत होता है, वह व्यक्ति हाजिर जवाबी, तार्किक बौद्धिक शक्ति का संचालक, विवेक से परिपूर्ण एवं दूर दृष्टिता ज्ञानी प्रवृत्ति का होता है। ऐसे जातकों का संचार कौशल (कम्युनिकेशन स्किल) अत्यंत ही तगड़ा होता है। इनकी सोचने की शक्ति में एक विशिष्ट ऊर्जा एवं सकारात्मकता दिखती है। यह शरीर से भले ही दुबले-पतल अथवा गोरे-काले जैसे भी हो, किंतु इनकी बौद्धिकता इनको हर जगह स्थान दिलाने में कामयाब रहती है ।

ऐसे जातक जहाँ भी जाते हैं ,अपना प्रभाव छोड़ कर आते हैं। इनके अंदर व्यवहार कुशलता की अद्भुत शक्ति होती है। ऐसे लोग हँस-मुख प्रकृति के मिलनसार होते हैं।  किंतु इनके साथ एक समस्या सदैव बनी रहती है। इनके जीवन में अनिश्चितता एवं चिंता हमेशा ही लगी रहती है। कुछ तथ्य पर ये अधिक गहन चिंतन में लग जाते हैं जो इनके लिए कई बार मानसिक तनाव का कारण बन जाता है। बुध के मित्र ग्रह सूर्य एवं शुक्र माने जाते हैं। मंगल तथा चंद्रमा इनके शत्रु ग्रह है। गुरु बृहस्पति सम माने जाते हैं।

बुध ग्रह के संबंध में कहा जाता है कि यह तटस्थ ग्रह है, यानी यह जिस भी ग्रह के साथ युति करता है, उसके अनुरूप ही परिणाम प्रदान करता है।

बुध से संबंधित कारोबार / कार्यक्षेत्र

बुध ग्रह दोहरी प्रकृति का ग्रह माना जाता है जो एक साथ 2 राशियों कन्या तथा मिथुन पर अपना नियंत्रण रखता है। बुध ग्रह का प्रभाव जातक के कान, हाथ, त्वचा, फेफड़े, तंत्रिका तंत्र आदि जैसे शरीर के अंगों पर पड़ता है। माना जाता है कि जिस भी जातक की कुंडली में बुध ग्रह मजबूत होता है, वह व्यक्ति बुद्धिमान, तर्कशील तथा समझदार होता है। बुध ग्रह से संबंधित जातक प्रायः टेलीफोन, टेलीग्राम, ईमेल, कुरियर आदि संबंधित कार्यों से प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अधिक जुड़े होते हैं। बुध ग्रह बुद्धिजीवियों का ग्रह माना जाता है, अतः जिन जातकों का बुध ग्रह मजबूत होता है, वे प्रायः लेखक, मीडिया कर्मी, गणितज्ञ, चार्टर्ड अकाउंटेंट, वकील, डीलर, दलाल, व्यापारी, ज्योतिषी, कलाकार, मूर्तिकार, रचनात्मकता आदि से जुड़े कार्य में लगे रहते हैं।

बुध ग्रह से जुड़े कुछ अहम ज्योतिषीय तथ्य

आभामंडल में बुध - नौ ग्रहों में राजकुमार की उपाधि

बुध ग्रह का दिन - बुधवार

बुध की दिशा - उत्तर

बुध ग्रह का रंग - हरा, हल्का हरा

किसी एक राशि में बुध के गोचर की अवधि - एक महीना

पूरे राशि चक्र में बुध का भ्रमण काल - 12 महीने का

बुध की प्रकृति - द्वंदात्मक, दोहरापन

बुध नक्षत्र - आश्लेषा, ज्येष्ठ, रेवती।

मित्र ग्रह - सूर्य, शुक्र और राहु।

शत्रु ग्रह - चंद्रमा

बुध का उक्त ग्रहों के साथ तटस्थ संबंध है - मंगल, शनि और बृहस्पति

बुध ग्रह की स्वराशि - मिथुन, कन्या राशि

मूल त्रिकोण राशि - कन्या राशि

बुध की उच्च राशि - कन्या राशि

बुध की नीच राशि - मीन राशि

बुध की मुख्य विशेषताएं - बुद्धिमत्ता, तर्क, भाषण और वाणी

बुध का कारक भाव - दूसरा भाव

धातु - सीसा

बुध रत्न - हरा पन्ना

विंशोत्तरी दशा अवधि -17 वर्ष

बुध की बेहतर स्थिति -  कुंडली में बुध की स्थिति यह दर्शाती है कि व्यक्ति चतुर, बुद्धिमान एवं तार्किक स्वभाव का अकलमंद इंसान है। ऐसे व्यक्ति अकलमंद, गणितीय प्रतिभा के कौशल एवं लोकलुभावन होते हैं।

बुध की कमजोर स्थिति - जातक की कुंडली में बुध की कमजोर स्थिति उसकी मानसिक कमजोरी को दर्शाती है। ऐसे जातक कम्युनिकेशन करने में परेशानी का अनुभव करते हैं। वे सुस्त प्रवृत्ति के होते हैं जिन्हें समझने में समय लगता है।

संबंधों का प्रतिनिधित्व - बहन, छोटे बच्चे

संबंधित शरीर के अंग - त्वचा, तंत्रिका तंत्र

बुध के रोग - त्वचा की समस्याएं, जुनून, चक्कर आना, वाणी विकार, सुध-बुध खोना, समझने की शक्ति में कमी

बुध ग्रह मंत्र - ऊँ बुं बुधाय नम:

बुध मंत्र जप संख्या - 5,000 बार

बुध ग्रह के उपाय हेतु दान - हरा कपड़ा, हरी सब्जियां, दालें, गाय के लिए हरी घास

बुध ग्रह के देवता - बुध को मजबूत करने के लिए भगवान विष्णु की पूजा करें।

कैसे बढ़ाये बुद्धि?

निन्मलिखित बुध ग्रह के उपाय में सर्वश्रेष्ठ हैं जो बहुत ही जल्दी अपना प्रभाव दिखाना शुरू करते हैं।

  • बुध ग्रह को मजबूत करने हेतु जातक को हरे रंग के श्रृंगारिक प्रसाधन जैसे हरी चूड़ी, हरे रंग के वस्त्र हरे रंग की बिंदिया आदि का किन्नरों में दान करना चाहिए।
  • बुधवार के दिन भगवान श्री गणेश की पूजा करें एवं उन्हें दूर्वा कि डली अर्पित करें, इससे आपका बुध ग्रह मजबूत होगा।
  • बुध की दशा में सुधार हेतु आपको बुधवार के दिन व्रत रखना चाहिए।
  • गाय को हरी घास, हरी पत्तियां एवं हरे रंग का चना अवश्य ही खिलाए। अगर संभव हो तो गाय को हर दिन खिलाए एवं बुधवार को इसे अनिवार्य रूप से भोजन कराएं।
  • ब्राह्मणों को गाय के दूध से बनी खीर खिलाएं।
  • बुध ग्रह के शुभ प्रभाव हेतु विष्णु सहस्रनाम जी का पाठ लाभदायक माना जाता है।
  • यदि आपकी कुंडली में बुध ग्रह नीच अथवा किसी शत्रु ग्रह के साथ विराजमान हो, तो आपको आदि शक्ति जगदंबा की आराधना करनी चाहिए, साथ ही अपनी स्त्री स्वजन जैसे मां, बहन, बेटी, साली, पत्नी आदि के साथ संबंध बेहतर रखनी चाहिए। इन्हें सदैव उपहार आदि देते रहें, प्रसन्न रखें।
  • बुध की मजबूती हेतु जातक को अपने घर के छत पर चौड़े हरे पत्ते वाले पौधे लगाने चाहिए।
  • बुध ग्रह के शुभ प्रभाव हेतु आप बुधवार के दिन हरी मूंग की दाल, हरे वस्त्र एवं हरि वस्तुओं का गरीबों में दान अवश्य करें। इससे आपके बुध ग्रह आपके ऊपर शुभ प्रभाव दर्शाएगा।
  • बुध ग्रह की मजबूती एवं सकारात्मक प्रभाव हेतु जातक को प्रतिदिन गायत्री मंत्र का कम से कम 108 बार जप अवश्य करना चाहिए।
  • शुद्ध चांदी का छल्ला धारण करने से भी बुध आपके लिए शुभकारी बना रहता है।