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वास्तु उपाय जो करेंगे घर के वास्तु दोष दूर

Vastu upay jo karenge ghar ke vastu dosh door

हिन्दू धर्म शास्त्रों के अनुसार हमारा यह शरीर पंचतत्वों से मिलकर बना है, जो हैं - क्षिति, जल, पावक, गगन, समीरा अर्थात पृथ्वी तत्व, जल तत्व, अग्नि तत्व, आकाश तत्व, और वायु तत्व। अतः इन्हीं पांचों तत्वों से मिलकर हमारे शरीर का निर्माण हुआ है और हमारे इसी शरीर पर सांसारिक घटनाओं के अलावा ब्रह्मांड की घटनाओं का प्रभाव भी पड़ता है।

ब्रह्मांड की घटनाएं हमारी कुंडली की ग्रह गोचरों की स्थिति से जुड़ी होती हैं। हमारी कुंडली में होने वाले परिवर्तन तथा ब्रह्मांड में होने वाली हर घटना का आधार है हमारे दैनिक जीवन में होने वाले क्रिया-कलाप व घटनाएं। हमारे आस-पास का माहौल, हमारे विचार, व्यवहार जैसी छोटी-छोटी बातें ही हमारे भविष्य के निर्धारण को प्रभावित करती हैं।

हमारे हिन्दू शास्त्रों में एक वास्तु नामक शास्त्र भी शामिल है जिसके अनुसार हमारे गृहस्थ जीवन में होने वाली छोटी से छोटी या बड़ी से बड़ी घटनाओं, हमारे चारों ओर का वातावरण, तथा हमारे घर के अंदर स्थित रखी वस्तुओं आदि से हमारे वास्तु पर प्रभाव पड़ता है तथा इनसे ही वास्तु दोष भी उत्पन्न हो सकता है जो हमारे जीवन में आने वाले सुख-दुख को प्रभावित करते हैं। अतः इसी वास्तु को देखते हुए हमें अपने आस-पास के माहौल तथा छोटी से छोटी बात का ध्यान रखना चाहिए। वास्तु के अनुसार हमें अपने गृहस्थ जीवन में किन-किन बातों का ध्यान रखना चाहिए। वे निम्नलिखित हैं-

घर के निर्माण के विषय में वास्तु शास्त्र में यह कहा गया है कि किसी भी घर के निर्माण के लिए पंच तत्वों की आवश्यकता होती है। अतः किसी भी घर का निर्माण क्षिति, जल, पावक, गगन, समीरा के द्वारा ही होता है। इन पंचतत्वों का हमारे जीवन में बहुत महत्व है, इसीलिए किसी भी चीज की शुरुआत के लिए सबसे पहले इनका प्रयोग किया जाता है। जब कभी किसी भी पूजा के लिए यज्ञ या हवन किया जाता है, तो उसमें इन पंचतत्वों का पूजन किया जाता है और इन्हीं से हवन आदि की प्रक्रिया शुरू की जाती है।

घर की दीवारों का रंग

हमें वास्तु के अनुसार अपने घर की अलग-अलग दिशाओं की दीवारों पर रंग का निर्धारण करना चाहिए क्योंकि वास्तु के बिना दीवारों पर रंग करना हमारे लिए अशुभ होता है। वास्तु के अनुसार घर की दीवारों पर रंग करने से हमारे जीवन में कोई दुख या कष्ट नहीं आते हैं। आइये जानते हैं कि हमें वास्तु के अनुसार अपने घर में किस स्थान पर कौन से रंग का प्रयोग करना चाहिए-

  • घर के उत्तर दिशा के भाग को जल तत्व माना जाता है। ज्योतिष शास्त्र के हिसाब से घर की उत्तर दिशा में लक्ष्मी का वास माना जाता है। इसलिए इस भाग को स्वच्छ रखना चाहिए। और इसकी साज-सज्जा का विशेष ध्यान रखना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार घर के इस भाग की दीवारों पर हरा रंग करवाना चाहिए।
  • घर का उत्तर पूर्वी भाग बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है, क्योंकि वह अत्यंत ही पवित्र व शुभ होता है। इसलिए हमें उस भाग की दीवारों पर सफेद रंग करवाना चाहिए। घर के दक्षिणी पूर्वी भाग में नारंगी अथवा पीला रंग सही रहता है।
  • घर में स्वस्तिक चिन्ह का प्रयोग करने से वास्तु दोष दूर होते हैं घर के मुख्य द्वार तथा घर के मुख्य द्वार की दीवारों पर लाल सिंदूर से स्वस्तिक चिन्ह बनाना चाहिए। स्वस्तिक चिन्ह बहुत ही शुभ माना जाता है। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा का विकास भी होता है।

घर में पेड़-पौधे

घर में पौधे लगाना बहुत ही शुभ माना जाता है। पौधे लगाने से घर की शोभा में चार चांद लग जाते हैं। वास्तु के अनुसार कुछ पौधे ऐसे होते हैं, जिनसे हमें बहुत ही लाभ होता है और वह हमें सुख देते हैं। परंतु कुछ पौधे ऐसे भी होते हैं, जो नकारात्मक ऊर्जा देते हैं और जिन्हें लगाना हमारे लिए सुखदायी नहीं होता है। तो आइये जानते हैं कि हमें घर में कौन से पौधे लगाने चाहिए और कौन से पौधे नहीं लगाने चाहिए-

  • वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में कभी भी खजूर के पेड़ को नहीं लगाना चाहिए। खजूर के पेड़ को घर में लगाने से आर्थिक परेशान होती है और घर में दरिद्रता आती है। इससे घर के सदस्यों का स्वास्थ्य भी ठीक नहीं रहता है।
  • बांस का पेड़ वैसे बहुत ही उपयोगी होता है परंतु वास्तु के अनुसार इसे घर में लगाना अशुभ माना जाता है। इससे घर में परेशानियां आती हैं। इसलिए इसे घर में नहीं लगाना चाहिए।
  • तुलसी के पौधे का हिन्दू धर्म में बहुत ही महत्व है। इसे घर के आंगन में लगाना बहुत ही शुभ माना जाता है। तुलसी का पौधा औषधि का काम भी करता है। वास्तु के अनुसार तुलसी के पौधे को घर में लगाने से घर में सदैव सुख व शांति बनी रहती है।
  • घर में मनीप्लांट का पौधा लगाने से घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है और आर्थिक रूप से कोई भी परेशानी उत्पन्न नहीं होती है।

घर में कहाँ और कैसा हो आईना

आईना या शीशा हर किसी के घर में होता है। घर में आईना या शीशा का भी वास्तु से विशेष संबंध होता है। अतः वास्तु के अनुसार हमें घर मे किस प्रकार का आईना और किस ओर लगाना चाहिए, आइए जानते हैं-

  • आईने को कभी भी अपने में शयनकक्ष में नहीं लगवाना चाहिए। यह हमारे जीवन में गलत प्रभाव डालता है। इसलिए यदि आवश्यक हो तो हमें शयनकक्ष में ऐसे स्थान पर शीशा लगवाना चाहिए जहाँ पर सुबह उठते ही हमारी नजर न पड़े।
  • वास्तु शास्त्र के अनुसार घर में कभी भी टूटा हुआ आईना नहीं रखना चाहिए। यदि गलती से आईना टूट जाये तो उसे साफ करके घर से बाहर हटा देना चाहिए क्योंकि टूटा हुआ आईना नकारात्मक ऊर्जा फैलाता है।
  • वास्तु के अनुसार हमें घर के उत्तर पूर्वी दिशा में आईना लगाना चाहिए। इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है।
  • गोलाकार आईना देखने में काफी सुंदर लगता है, परंतु वास्तु के अनुसार घर में कभी भी गोलाकर आईना या शीशा नहीं लगाना चाहिए। इसलिए हमें हमेशा अपने घर में आयताकार या वर्गाकार शीशा ही लगाना चाहिए।
  • आईने पर कभी भी धूल को नहीं रखना चाहिए, उसे तुरंत ही साफ ही कर देना चाहिए क्योंकि आईना जब साफ होता है तब सजरात्मक ऊर्जा उत्पन्न करता है।