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वास्तु अनुसार कैसे और कहाँ हो आपके घर में आईना

Vastu Tips for Mirror at Home

हमारे घर की दीवारों में लगा आईना ना केवल हमारे रंग रूप अथवा सौंदर्य का प्रदर्शक होता है, अपितु यह इसके अतिरिक्त अनेकों महत्व को भी धारण किए हैं।

आईने के महत्व के संबंध में ना केवल धर्म शास्त्र, ज्योतिष शास्त्र अथवा वास्तु शास्त्र कहता है, बल्कि इन सब से परे आधुनिकता की दौड़ में सबसे अधिक प्रमाणिक विज्ञान भी आईने के महत्व को स्वीकारता है। विज्ञान के चिकित्सीय विभाग में आईने को काफी महत्वपूर्ण माना गया है।

आईना मेडिटेशन का एक सर्वोत्तम साधन माना गया है। इसके माध्यम से व्यक्ति अपने व्यक्तित्व का परिष्कार कर सकता है। इससे संबंधित कई प्रकार की मैडिटेशन की विधियां विज्ञान में निहित है। विज्ञान के अनुसार व्यक्ति आईने के सामने खड़े होकर अपने रंग रूप के अतिरिक्त आंतरिक व्यक्तित्व को निहार कर उसका वर्धन कर सकता है। यह व्यक्ति की मानसिक स्थिति को उच्चता प्रदान करता है एवं खोए हुए आत्मविश्वास एवं मनःशक्ति को जगाने का कार्य करता है। अतः कभी भी आईने को साधारण सी वस्तु नहीं समझना चाहिए।  यह विज्ञान के साथ-साथ ज्योतिष में भी महत्वकारी है। ज्योतिष शास्त्र के कई आयाम आईने से जुड़े हैं।

ज्योतिषशास्त्र के एक विशेष भूभाग वास्तु शास्त्र के अनुसार भी आईना व्यक्ति के जीवन में भिन्न-भिन्न प्रकार के प्रभाव परिलक्षित करता है। आईने के संबंध में विज्ञान यह भी कहता है कि यह न्यूटन के नियम के अनुसार कार्य करता है, यह एनर्जी को अपनी और खींचता है, साथ ही रिफ्लेक्ट भी करता है। आईने में एक विशिष्ट प्रकार की शक्ति होती है जो नेगेटिव और पॉजिटिव दोनों प्रकार के एनर्जी को परावर्तित भी कर सकता है एवं स्वयं में समावेशित भी।

तंत्र-मंत्र, जादू विद्या आदि में भी आईने को बहुत महत्व दिया गया है। आइए आज हम आपको बताते हैं आईने के आपके घर के भिन्न-भिन्न भागों में होने से पड़ने वाले प्रभाव ताकि आप आईने के वास्तविक इस्तेमाल की प्रक्रिया को वास्तु के अनुरूप समझ कर उपयोग में ला सके। इससे आपको वास्तु के अनुसार आईने के इस्तेमाल की विधि प्रक्रिया का भान होगा।

शीशे से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण वास्तु टिप्स

आईने को न दे बेडरूम में स्थान

वास्तु शास्त्र के अनुसार किसी भी व्यक्ति को अपने शयनकक्ष में आईना भूल कर भी नहीं लगवाना चाहिए। यह उनके जीवन में बुरे प्रभाव लाता है। अगर आपके लिए अपने बेडरूम में आईना लगवाना अत्यावश्यक हो, तो ऐसे स्थान पर लगवाएं जहां आपकी सुबह उठने के साथ दृष्टि ना जाए।

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टूटा हुए आईने से बिखरेगी किस्मत

वास्तु शास्त्र के अनुसार लोगों को कभी भी अपने घर में टूटा हुआ आईना नहीं रखना चाहिए। टूटे हुए आईने से नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है जो घर में अनेकानेक प्रकार के संकट उत्पन्न करती है। वास्तुशास्त्र में ऐसा माना जाता है कि घर में टूटा हुआ शीशा रखने से घर के सदस्यों के बीच तनाव एवं दूरियां बढ़ती हैं। टूटे हुए शीशे में चेहरा देखने से इसका दुष्प्रभाव व्यक्ति की सेहत पर भी दिखता है। कभी-कभी भूलवश आईना गिरकर टूट जाता है, तो ऐसे काल में किसी को भी घर से बाहर नहीं जाने देना चाहिए, ना इस घटना के कुछ समय पश्चात तक कोई भी शुभ कर्म करना चाहिए। आईने का अचानक टूट जाना किसी बड़े अशुभ व दुर्घटना का संकेत है।

वास्तु में आईने की उपयुक्त दिशा

वास्तु शास्त्र के अनुसार शीशा आपके घर के किस दिशा में रखा है, यह भी अत्यंत ही महत्वकारी होता है। दिशा के अनुरूप भी शुभ-अशुभ परिणाम दृश्यमान होते हैं। अतः हमें वास्तु शास्त्र के अनुसार घर के उत्तर पूर्व दिशा में आईने को लगाना चाहिए। घर के उत्तर-पूर्वी दिशा में आईना लगाने से यह हमारे घर पर सकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव डालता है।

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न रखें घर में गोलाकार शीशा

गोलाकार आईना व्यक्ति को सुंदर एवं आकर्षक लगता हैं जिस कारण लोग अपने घर में गोलाकार शीशे अधिक लगवाना पसंद करते हैं, जबकि वास्तु के अनुसार गोलाकार आईना घर के वास्तु हेतु ठीक नहीं माना जाता है। अतः आप अपने घर में आयताकार अथवा वर्गाकार शीशे ही रखें।

पश्चिम दिशा में ना लगवायें आईने

वास्तु शास्त्र के अनुसार घर की पश्चिम दिशा में आईना लगाने से कई प्रकार के रोग, पीड़ा, भय आदि का सामना करना पड़ सकता है। अतः वास्तु के मुताबिक ही घर के आईने की दिशा  का निर्धारण करें। पश्चिम की दिशा में आईना लगाने से इष्ट देव भी अति शीघ्र क्रोधित हो जाते हैं। अतः इस दिशा में भूलकर भी आईना ना लगवाए।

जमने न दें आईने पर धूल

आईने पर धूल जमना शुभ नहीं माना जाता है। अतः घर के आईने को साफ सुथरा रखें एवं इस पर धूल ना जमने दे। आईने से ऊर्जाओं का उत्सर्जन होता है, अतएव अगर इस पर धूल जमी है तो यह नकारात्मक ऊर्जा उत्सर्जित करेंगे। इसलिए इसे सदैव स्वच्छ साफ रखें एवं उसका ख्याल रखें।

बाथरूम और टॉयलेट में आईना

वास्तु शास्त्र के मुताबिक आपको अपने बाथरूम और टॉयलेट में शीशा लगवाना चाहिए। इससे ना केवल तत्कालीन नकारात्मक प्रभाव दूर होते हैं, अपितु आपके पुराने वास्तु दोषों का भी समापन होता है आप अपने घर के टॉयलेट और बाथरूम में आईना अवश्य लगाएं।

आपको किसी भी प्रकार के वास्तु अथवा ज्योतिषी उपाय को अपनाने से पूर्व अपने घर के दिशा दशा एवं अपने कुंडली की ग्रह गोचरों की स्थिति के अनुसार ज्योतिषीय परामर्श अवश्य लेनी चाहिए।