विवाह, स्वास्थ्य, नौकरी, व्यापार, धन-सम्पत्ति, मकान, वास्तु, कोर्ट-कचहरी, संतान, शिक्षा, उन्नति, पारिवारिक दिक्कतें, कुंडली मिलान, विदेश निवास या यात्रा, करियर आदि से जुड़ी सभी समस्याओं के सटीक उपाय जानें लाल किताब गुरु आचार्य पंकज धमीजा जी से।
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लम्बाई बढ़ाने के उपाय

Lambai Badhane Ke Upay

हर कोई एक उत्तम व्यक्तित्व पाना चाहता है और सबसे बेहतर दिखना चाहता है, जिसमें आपकी लम्बाई हमेशा ही अहम भूमिका निभाती है। ऐसे में कम लंबा होना कई बार शर्मिंदगी का कारण बन जाता है और 18 साल की उम्र पार करने के बाद जब व्यक्ति को अपने छोटे कद की वजह से आ रही परेशानियों एवं अपमान का एहसास होता है, तब वो खुद को कोसना शुरू कर देता है। अगर आप भी अपनी कद -काठी को लेकर परेशान हैं तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं कुछ ऐसे उपाय, जो हर उम्र के व्यक्तियों के कद को बढ़ाने में कारगर सिद्ध हुए हैं। इन्हे अपनाकर आप भी मनचाही पर्सनालिटी पा सकते हैं। आइए जानते हैं इन उपायों के बारे में।

ऊंचा कद आपके व्यक्तित्व के कद की ऊंचाई को शिखर तक ले जाने में अपना महत्व रखता है। आपकी शारीरिक बनावट एवं ऊंचाई आपकी खूबसूरती का एक अभिन्न भाग है, जो जाने-अनजाने लोगों के आकर्षण की वजह बनता है और आज के दौर में तो कद की अहमियत का एहसास पग-पग पर होता है। जैसे:-

  • स्कूल में दोस्तों के बीच लंबाई में तुलना होना
  • कॉलेज में अच्छी पर्सनैलिटी वाले लड़के/लड़कियों को अधिक महत्व देना
  • किसी भी नौकरी के इंटरव्यू में काबिलियत से ज्यादा व्यक्तित्व को तवज्जो देना
  • यहां तक की शादी के मामले में लंबे लड़के-लड़कियों को पसंद करना

इन सभी के साथ-साथ इंसान को रोजमर्रा की जिंदगी में अपने छोटे कद की वजह से काम करने में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है। तो चलिए आज हम जानते हैं ऐसे कुछ उपाय, जो इन सभी दिक्कतों से मुक्ति दिलायेंगे।

लम्बाई से जुड़ी ज्योतिषिय धारणा

भारत के अनेक शास्त्रों में से ज्योतिष शास्त्र का अपना एक अलग ही महत्व है। यह एक ऐसा शास्त्र है जिसे विज्ञान की भी संख्या दी गई है। अतः इसे आस्तिक और नास्तिक दोनों प्रवृत्ति के लोगों को समझना चाहिए। ज्योतिष के ज्ञान को ज्योतिष शास्त्र के रूप में नहीं तो ज्योतिष विज्ञान के रूप में ही सही अपनाया जा सकता है और इस पर भरोसा भी किया जा सकता है। अतः ज्योतिषीय दृष्टिकोण से किसी भी व्यक्ति के कुंडली का लग्न भाव (जिसे पहला भाव भी कहते हैं) आपके स्थूल स्वरूप का नियंत्रक होता है। लग्न आपके व्यक्तित्व का संचालक है जो संसार के समक्ष आपके प्रस्तुतीकरण का कारक बनता है। अतः कुंडली के दशा दिशा को स्मरण रखते हुए लग्नभाव को संतुलित रखना आवश्यक है। इसके अतिरिक्त आपकी जन्मकुंडली में मौजूदा गृहस्थी भी आपके कद काठी पर प्रभाव डालती है। अतः ग्रहों को शांत रखने हेतु उचित उपाय करें। लग्न भाव या ग्रहों के संतुलन एवं सकारात्मक संचालन हेतु बाहरी उपायों की जगह किसी ज्योतिषी से कुंडली दिखाकर यथोचित उपाय कर दोषों का निवारण करें।

मन्त्र और आराधना

करें सूर्य आराधना

सूर्य की उपासना आपको ओज-तेज, हष्ट-पुष्ट एवं स्वस्थ शरीर, यशस्वी कर्म, श्रेष्ठ भाग्य के साथ-साथ प्रखर प्रभावशाली व्यक्तित्व भी प्रदान करती है। अतः नित्य सूर्य की आराधना करें। इसके लिए सूर्योदय काल में प्रतिदिन सूरज की लालिमा का ध्यान करें। उसके बाद नित्य सूर्य देव को जल से अर्घ्य प्रदान करें।

अर्घ्य प्रदान करते समय आप इस मंत्र का उच्चारण करें

  • ऊँ ऐही सूर्यदेव सहस्त्रांशो तेजो राशि जगत्पते। अनुकम्पय मां भक्त्या गृहणार्ध्य दिवाकर:।।
  • ऊँ सूर्याय नम:, ऊँ आदित्याय नम:, ऊँ नमो भास्कराय नम:

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गायत्री आराधना है लाभप्रद

गायत्री को सद्बुद्धि की देवी कहा जाता है। यह व्यक्ति के व्यक्तित्व को प्रभावशाली बनाती हैं। अतः नित्य 108 बार गायत्री मंत्र का जप करें।

  • ॐ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्यः धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्

मंगल

आपकी कुंडली में विराजमान मंगल शारीरिक क्षमता, बनावट, बल आदि के लिए प्रभावकारी होता है। अतः मंगल को मजबूत करें। श्री हनुमान मंत्र का नियमित जप आप कद में सार्थक परिवर्तन लाएगा।

इन पर भी दें ध्यान

असंतुलित निद्रा

नींद हमारे शरीर की एक ऐसी भूख है, जिसे अगर संतुलित तरीके से तृप्त नहीं किया गया तो यह हमारे स्वास्थ्य पर दीर्घकालिक दुष्प्रभाव डालती हैं। अतः नियमित एवं पूरी नींद लें। यह आपके मन को खिला-खिला रखती है, जो आपकी शारीरिक वृद्धि में सहायक है।

खान-पान

रोजमर्रा की जिंदगी में अनेकों परेशानियों का सामना करना पड़ता है। प्रायः लोगों के जीवन में इसका प्रभाव उनके खानपान के समय अवधि आदि पर भी दिखने लगता है, जो हमारे शारीरिक विकास में अवरोधक का कार्य करता है। अतः समय अनुसार भोजन ग्रहण करें।

डाइट में करें बदलाव

अच्छे कद की चाह है तो आपको अच्छा पौष्टिक भोजन भी लेना होगा। इसके लिए आप प्रोटीन, आयरन, विटामिन आदि से भरे पदार्थों को अपनी डाइट में शामिल करें। हरे साग-सब्जियों का अधिक से अधिक सेवन करें। मीठे तथा वसा युक्त पदार्थों से बचने का प्रयत्न करें।

योगासन

महर्षि पतंजलि ने अपनी रचना 'पतंजलि योग सूत्र' में आपके सभी शारीरिक, मानसिक एवं आत्मिक व्याधियों का उपचार दिया है। इसमें आपके कद की ऊंचाई को बढ़ाने के लिए भी अनेकानेक आसन बताए गए हैं जिनमें कुछ महत्वपूर्ण आसनों के नाम नीचे दिए जा रहे है-

  • ताड़ासन
  • हलासन
  • भुजंगासन
  • पश्चिमोत्तानासन
  • सर्वांगासन

इन आसनों का नियमित प्रयोग आपके कद को बढ़ाने में रामबाण इलाज है। इन आसनों की विस्तृत जानकारी आपको पतंजलि योगशुत्र में यथोचित स्वरुप में मिल जायेगी। इसके अलावा इन्टरनेट द्वारा भी आप इन आसनों के क्रियाविधि को समाघ सकते है।

उम्मीद है इस लेख में दिए गए उपायों को इस्तेमाल करके आप अपनी कद से जुड़ी समस्याओं से मुक्ति पा सकेंगे।