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नवविवाहित जोड़े अगर सुखी दांपत्य जीवन चाहते हैं तो अपनाएं ये वास्तु उपाय

Vastu tips for newly wedded couple

वैवाहिक जीवन में प्रवेश करने के बाद वर एवं वधु दोनों ही अपने संबंधों में प्रगाढ़ता एवं खुशहाल वैवाहिक जीवन की आशा लिए एक नए संसार में कदम रखते हैं। वे इस आस के साथ अपने रिश्तों का शुभारम्भ करते हैं कि उनका जीवनसाथी उन्हें दुनिया भर की सारी खुशियाँ देगा। वें एक दूसरे की परछाई बन आजीवन साथ रहेंगे आदि। ऐसे में आवश्यक है कि भौतिक, सांसारिक एवं आध्यत्मिक जीवन में सामंजस्य बना रहे। भौतिक और सांसारिक जीवन के सभी हलचल आध्यात्म यानि ग्रह, गोचर, वास्तु आदि पर निर्भर है।

वास्तुशास्त्र के अनुसार, एक सुखी वैवाहिक जीवन के लिए दंपत्ति के घर का वास्तुदोष मुक्त होना बहुत ही जरुरी होता है। इसमें नवविवाहितो के वैवाहिक जीवन के संबंधो में मधुरता, आपसी प्रेमभाव तथा खुशियों के बाधा-रहित प्रवाह के लिए सोने का कमरा भी सही दिशा में होना बेहद जरुरी माना गया है। इसलिए नव दम्पतियों का शयन कक्ष का भी वास्तुदोष से मुक्त होना चाहिए क्योंकि हर नवीन जोड़े के शयन कक्ष को दांपत्य जीवन के भविष्य एवं वंश की नींव कहा जाता है। ऐसे में यह जानना आवश्यक है कि कौन-कौन से वास्तुदोष आपके वैवाहिक जीवन पर दुष्प्रभाव डाल सकते हैं ताकि आप उनसे बचकर सुखी, सम्पन्न एवं खुशहाल दांपत्य जीवन का आनंद ले सके। तो आइये जानते हैं कि नवविवाहितों के लिए वास्तु के उपाय क्या कहते हैं...

नव विवाहित भूलकर भी अपने कमरे में न रखें ये वस्तुएँ

नवीन दंपत्तियों का अपने कमरे में आइना रखना किसी नई समस्या का कारण बन सकता है। कमरे में आईने का होना दम्पत्तियों के रिश्ते के लिए वास्तु के अनुसार शुभ नहीं माना जाता है। अगर ड्रेसिंग टेबल के रूप में आपको आईने की जरुरत है भी तो आप इसे वास्तु के अनुसार निर्धारित दिशा उत्तरी या फिर पूर्वी दीवार पर लगायें। ध्यान रहे कि यह दर्पण आपके कमरे में इस तरह लगा होना चाहिए कि किसी भी तरीके से सोते समय आपका प्रतिबिम्ब अर्थात आपकी परछाई इसमें दिखाई ना दे। ऐसा कहा जाता है कि जब किसी नवविवाहित दंपती के शरीर का जो कोई भी हिस्सा शीशे में दिख जाता है तो वह भिन्न-भिन्न कष्टों से पीड़ित रहने लगता है।

घर का ब्रह्म स्थान

यदि आपके मकान का ब्रह्म स्थान खुला हुआ नहीं है, तो यह आपके रिश्ते के लिए शुभ नहीं है। घर में ब्रह्म स्थान की ऊंचाई का कम होना भी सही संकेत नही देता है। यदि इस स्थान पर कोई भारी-भरकम निर्माण किया गया हो तो पति-पत्नी के बीच रिश्ते अच्छे नहीं रह पाते हैं। इसके अलावा ब्रह्म स्थान का स्वच्छ न होना भी घर में कलह का कारण हो सकता है। इसलिए घर के ब्रह्म स्थान को स्वच्छ तथा उपरोक्त तथ्यों के अनुसार रखें।

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नैर्ऋत्य कोण में दोष

घर में नैर्ऋत्य कोण (दक्षिण-पश्चिम) का नीचा होना या फिर किसी प्रकार या कहीं से कटा हुआ होना अथवा कुछ आगे बढ़ा हुआ होना पति-पत्नी के संबंधों में दरार का एक महत्वपूर्ण कारण हो सकता है। इसके अतिरिक्त अगर ईशान कोण भी कटा हुआ या फिर बढ़ा हुआ हो तो इसके कारण आपकी आर्थिक स्थिति पर नकारात्मक असर हो सकता है जिससे दांपत्य जीवन में समस्याएं बढ़ेंगी। घर का ईशान कोण उत्तर-पूर्व कोना को कहा जाता है जिसमे स्वयं साक्षात् भगवान् का वास माना गया है। वास्तु के अनुसार इस स्थान का एकरूप और समतल होना आवश्य है। इसलिए ऐसे ईश्वर प्रवासीय स्थल को पवित्र एवं स्वच्छ रखें।

गर्भावस्था में दिशा का महत्व

शास्त्रों के अनुसार किसी भी गर्भवती महिलाओं के लिए दक्षिण-पूर्व दिशा शुभ नहीं माना जाता है। इस दिशा में सोने से गर्भवती महिलाओं की नींद गहरी नही हो पाती है जिसे ऐसी अवस्था के लिए हानिकारक माना गया है। इस स्थिति में गर्भपात होने की भी आशंका बनी रहती है जो आपके जीवन के लिए घातक सिद्ध हो सकती है एवं दांपत्य जीवन में तनाव पैदा कर सकती है। इसलिए गर्भावस्था में शयन कक्ष में शयन हेतु सही दिशा का चयन करें। गर्भवती महिलाओं के लिए पश्चिम दिशा को सही माना गया है।

गर्भधारण में बाधा

बैडरूम से पूर्व की दिशा में अगर आपने भारी भरकम पानी की टंकी रख रखी हैं तो यह आपके वैवाहिक जीवन की प्रोन्नति के लिए अहितकारी साबित होती है क्योंकि ऐसा करने से दिशा में दोष उत्पन्न हो जाता है, और इस वजह से महिलाओं के संतति में बाधाएं उत्तपन्न हो सकती है। आपका दांपत्य जीवन तनावपूर्ण एवं चिंताग्रस्त हो सकता है। शयन कक्ष में टेलीविजन का होना भी आपके लिए अमंगलकारी रह सकता हैं।

आग्नेय कोण का भारी होना भाग्य पर बनेगा भारी

यदि आपने आग्नेय कोण यानी दक्षिण-पूर्व दिशा में कोई भारी भरकम सामान, फर्नीचर, कूलर या फिर पानी की टंकी आदि रख रखा है तो यह आपके जीवनसाथी पर आर्थिक दवाव बढ़ाने की वजह बन सकता है। इसकी वजह से आसपास जीवन में आगजनी जैसी घटनाओ के घटने की आशंका रहती है और ऐसा करना आपके लिए अकाल  मृत्यु के योग भी सुनिशित कर सकता है।

शयनकक्ष की सज्जा

आप अपने घर में शयनकक्ष का निर्धारण कुछ इस प्रकार से करें कि बाहर से आने वाले किसी व्यक्ति की दृष्टि सीधे आपके बेड पर न पड़े। ऐसा होने से आपके वैवाहिक जीवन में कलह बढ़ सकती है। साथ ही आप अपने  बेडरूम में एक से अधिक दरवाजे न रखें। यदि टॉयलट शयनकक्ष में ही है तो उसका दरवाजा सदैव बंद रखने का प्रयास करें, अन्यथा उसकी नकारात्मक ऊर्जा आपको जीवन में भी नकारात्मकता फैला कड़वाहट घोल सकती है। पलंग के नीचे कबाड़ या कचरा जैसे सामान कभी गलती से भी न रखें।