बुध ग्रह को देवताओं का संदेशवाहक कहा जाता है। ज्योतिष के मुताबिक, राशि चक्र में बुध ग्रह, मिथुन और कन्या राशि का स्वामी है। सूर्य का सबसे निकटतम ग्रह बुध है। भारतीय परंपराओं में बुध ग्रह को बुद्धि का देवता कहा गया है तथा इस दिन भगवान् गणेश की आराधना भी की जाती है। यह ग्रह व्यक्ति में बुद्धि, विवेक, वाक्पटुता एवं हास्य–विनोद का प्रतिनिधि है। अन्य सभी ग्रहों की तरह यह एक शुभ ग्रह है परन्तु कुछ विस्मित स्थितियों में अशुभ ग्रह में बदल जाता है। बुध ग्रह संचार का ग्रह है तथा यह व्यापार, वाणिज्य, बैंकिंग, नेटवर्किंग आदि से संबंधित क्षेत्रों का प्रतीक है। आपकी कुंडली में एक शक्तिशाली बुध का वास आपके जीवन के उपर्युक्त क्षेत्रों में सफलता का संबोधक है। प्रभावशाली बुध वाले लोग तेज दिमाग के होते है तथा उनके सोचने की शक्ति बहुत अच्छी होती है। लेकिन वे अनिश्चित चिंता से प्रभावित होते हैं।
बुध ग्रह को दोहरी प्रकृति या द्वंद्व प्रकृति का ग्रह कहा गया है। ज्योतिष में यह दो राशि चिह्नों; कन्या और मिथुन पर नियंत्रण करता है। एक व्यक्ति पर बुध ग्रह शारीरिक रूप से जैसे हाथ, कान, फेफड़े, तंत्रिका तंत्र, त्वचा आदि शरीर के अंग पर बुरा प्रभाव डालता हैं। बुध तर्क को दर्शाता है। लोग जिनकी कुंडली में बुध ग्रह शक्तिशाली स्थिति में होता है, वह समझदार एवं तर्क–वितर्क में कुशल और एक अच्छी विश्लेषणात्मक क्षमता वाले होते हैं।
सौरमंडल में बुध को राजकुमार की पदवी प्राप्त है। बुध ग्रह की दिशा उत्तर मानी गई है। बुध ग्रह के मित्र घर सूर्य, राहु और शुक्र है तथा शत्रु ग्रह चन्द्रमा है। यहाँ इस लेख के माध्यम से हम आज आपको बताएँगे कुछ बुध ग्रह के दोष को दूर करने के उपाय जिन्हे अपनाकर आप अपनी कुंडली में विराजित इस ग्रह को अपना मित्र बना सकते हैं। तो आइये जानते हैं ये उपाय :