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आज का पंचांग 28 मई 2020

Aaj Ka Panchang 28 May 2020

आज दिनांक 28 मई 2020 ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि और दिन बृहस्पतिवार का है। विक्रम संवत् 2077 है। सूर्य उत्तरायण की स्थिति में उत्तर गोलार्द्ध में मौजूद है। ग्रीष्म ऋतु है।

आज षष्ठी तिथि मध्य रात्रि 11 बजकर 28 मिनट तक बनी रहेगी, इसके पश्चात सप्तमी तिथि का आरंभ हो जायेगा। आज पुष्य नक्षत्र प्रातः 07 बजकर 27 मिनट तक बना रहेगा, उसके बाद अश्लेशा नक्षत्र की शुरुआत होगी। इसके अलावा आज ध्रुव योग आज मध्य रात्रि 12 बजकर 25 मिनट (29 मई 2020 12:25am) तक बना है, फिर व्याघात योग का आरम्भ होगा। आज दोपहर के 12 बजकर 03 मिनट तक कौरव करण बना रहेगा, जिसके बाद तैतिल करण मध्यरात्रि 11 बजकर 28 मिनट बना रहेगा। इसके बाद गर करण आरम्भ होगा। आज चंद्रमा कर्क राशि में संचार करेगा।

सूर्योदय: सुबह 05 बजकर 25 मिनट पर।
सूर्यास्त: शाम 07 बजकर 13 मिनट पर।

चंद्रोदय: प्रातः 10 बजकर 13 मिनट पर।
चन्द्रास्त: मध्य रात्रि 12 बजकर 12 मिनट पर।

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आज के शुभ मुहूर्त

  • गुरु पुष्य योग, अमृत सिद्धि योग एवं सर्वार्थसिद्धि योग प्रातः 05 बजकर 27 मिनट से 07 बजकर 25 मिनट तक हैं।
  • अभिजीत मुहूर्त प्रातः 11 बजकर 51 मिनट से दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक है।
  • विजय मुहूर्त दोपहर 02 बजकर 37 मिनट से 03 बजकर 33 मिनट तक रहेगा।
  • गोधूलि मुहूर्त शाम 07 बजे से 07 बजकर 23 मिनट तक है।
  • निशिता मुहूर्त मध्य रात्रि 11 बजकर 58 मिनट से लेकर रात्रि 12 बजकर 39 मिनट (29 मई 2020 00:39am) तक है।  

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आज के अशुभ मुहूर्त

  • यमगंड प्रातः 05 बजकर 25 मिनट से सुबह 07 बजकर 08 मिनट तक रहेगा।
  • गण्डमूल प्रातः 07 बजकर 27 मिनट से 29 मई की सुबह 05 बजकर 25 मिनट तक रहेगा।
  • गुलिक काल सुबह 08 बजकर 52 मिनट से 10 बजकर 36 मिनट तक रहेगा।  
  • दुर्मुहूर्त आज दो बार प्रभावी होगा। सर्वप्रथम यह प्रातः 10 बजकर 01 मिनट से 10 बजकर 57 मिनट तक, तत्पश्चात दूसरी बार दोपहर को 03 बजकर 31 मिनट से 04 बजकर 27 मिनट तक बना रहेगा।
  • राहुकाल दोपहर 02 बजकर 01 मिनट से 03 बजकर 47 मिनट तक बना रहेगा।
  • वर्ज्य काल रात्रि 08 बजकर 01 मिनट से 09 बजकर 33 मिनट तक है।

आज के मंत्र

गुरुवार को नहाने के समय अपने पानी में एक चुटकी हल्दी मिलाएं एवं उक्त मंत्र का जप करते हुए अपने आराध्य देव को याद करें।

'ॐ नमो भगवते वासुदेवाय'।।

भगवान बृहस्पति के सकारात्मक के साथ-साथ कुछ नकारात्मक प्रभाव भी होते हैं जिनसे बचने हेतु आपको हर गुरुवार को उक्त मंत्र का कम से कम 21 बार उच्चारण अवश्य करना चाहिए।

ॐ बृं बृहस्पतये नमः
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम
ॐ ऐं श्रीं बृहस्पतये नम:
ॐ गुं गुरवे नम:
ॐ क्लीं बृहस्पतये नम:।।

आज के उपाय

  • गुरुवार के दिन व्रत रखना अत्यंत ही शुभ फलदाई माना जाता है। अतः आज के दिन व्रत रखें। साथ ही अपने इष्ट आराध्य देवों के पूजन के साथ-साथ केले के वृक्ष पूजा-अर्चना करें। केले के वृक्ष में जल अर्पित करना ना भूलें।
  • गरीबों एवं जरूरतमंदों को भोजन कराएं। अपनी क्षमता एवं शिक्षा के अनुरूप संभव हो तो आर्थिक मदद भी करें।
  • गुरुवार को पीले रंग का वस्त्र धारण करना सकारात्मक प्रभाव देता है।