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Festivals in October 2020: अक्टूबर 2020 में आने वाले मुख्य हिंदू त्योहार व व्रत

Indian Festivals in October 2020

असत्य पर सत्य की, बुराई पर अच्छाई की, अधर्म पर धर्म की, कुकर्म पर सत्कर्म की विजय आदि का यह माह, त्योहारों के माह से भी विश्व विख्यात है। प्रत्येक वर्ष पितृपक्ष के उपरांत सभी त्योहारों का आगमन हो जाता है, किंतु इस वर्ष अधिक मास होने के कारण सभी त्योहारों का आगमन एक माह के अंतराल पर होगा।

शारदीय नवरात्रि, कमला एकादशी, पापान्कुशा एकादशी, दुर्गा नवमी व  दशहरा आदि जैसे सर्व प्रचलित त्योहारों व व्रत का आगमन इस वर्ष अक्टूबर माह में होगा। सामान्यतः चतुर्थ मास में कोई भी कार्य करना हिंदू संस्कृति में वर्जित है। ऐसा मानना है कि चतुर्थमास में भगवान विष्णु शयन हेतु लीन होते हैं, इसलिए इन दिनों कार्य करना शुभ नहीं माना जाता। किंतु अक्टूबर माह में शारदीय नवरात्रि शुभ कार्य करने हेतु सबसे शुभ माना गया है, इसलिए अक्टूबर माह बुराई पर अच्छाई के साथ-साथ सबसे शुभ माह माना जाता है। तो आइए जानते हैं अक्टूबर माह के कुछ प्रमुख त्योहारों व अनुसरण करने हेतु कुछ मुख्य व्रतों के बारे मे।

अधिक मास की पूर्णिमा

हिन्दु संस्कृति की अनुसार प्रत्येक माह को दो पक्षों में बांटा गया है कृष्ण पक्ष व शुक्ल पक्ष। कृष्ण पक्ष के अंतिम दिन को हम सभी अमावस्या के नाम से जानते हैं व शुक्ल पक्ष के अंतिम यानी 15 वे दिन को पूर्णिमा के नाम से जाना जाता हैं। इसी प्रकार हर माह में एक अमावस्या व एक पूर्णिमा का आगमन होता है। इन दोनों का ही इसका हिंदू धर्म में अधिक महत्व होने के कारण यह पूरे भारत में प्रचलित है। अधिक मास की पूर्णिमा जिसका 3 साल में एक बार आगमन होता है , वह इस माह अक्टूबर माह की 1 तारीख को है। लंबे अंतराल के कारण अधिक मास की पूर्णिमा का हिंदू संस्कृति में और अधिक महत्व माना गया है। इस दिन सभी लोग व्रत का अनुसरण कर, किसी पवित्र नदी में अपने पापों से मुक्ति पाने हेतु स्नान करते हैं। इस दिन विधिवत रूप से पूजा व आराधना करने के उपरांत दान देने का भी अधिक महत्व होता है।

गणेश चतुर्थी व्रत  

हिंदू धर्म मे कृष्ण व शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को गणेश जी के लिए समर्पित किया गया है। किंतु अधिक मास की चतुर्थी को संपूर्ण भारत में हिंदू संस्कृति के अनुसार गणेश चतुर्थी का पर्व मनाया जाता है। इस दिन प्रात काल उठकर लोग व्रत का अनुसरण कर भगवान गणेश जी की पूजा अर्चना करते हैं। इस दिन सभी लोग सहृदय भगवान गणेश को प्रिय मोदक व खीर का भोग लगाते है। जो लोग इस दिन  विघ्नहर्ता गणेश जी का सहृदय पूजन करते हैं उन्हें जीवन में अधिक लाभ होता है व सदा भगवान गणेश जी की कृपा उन पर विराजमान रहती है। इस वर्ष गणेश चतुर्थी व्रत का आगमन अक्टूबर माह की 5 तारीख को होगा।

परम एकादशी  

प्रति वर्ष 24 व प्रति माह 2 एकादशी का आगमन होता है। अधिक मास में यह आने वाली एकादशी को परमा एकादशी के नाम से जानते हैं। इसका आगमन अक्टूबर माह की 13 तारीख को होगा। एकादशी का व्रत भारतीय संस्कृति में अधिक महत्वपूर्ण माना गया है। इस दिन भगवान विष्णु की आराधना की जाती है। सभी लोग प्रातः काल उठकर व्रत का अनुसरण कर भगवान विष्णु से अपने मंगल भविष्य की कामना करते हैं। 

अधिक मास की अमावस्या

कृष्ण पक्ष व शुक्ल पक्ष के मध्य, कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को अमावस्या के नाम से जानते हैं। इस वर्ष अधिक मास के अंतिम दिन अर्थात अमावस्या का आगमन 16 अक्टूबर को होगा। इस दिन लोगों द्वारा स्नान आदि से लेकर पूजा-अर्चना व दान आदि देने का अधिक महत्व है।

शारदीय नवरात्रि

प्रत्येक वर्ष में चैत्र व शारदीय नवरात्रि का आगमन होता है। इस वर्ष 17 अक्टूबर को अधिक मास के समाप्त होने के उपरांत ही शारदीय नवरात्रि का आगमन होगा। नवरात्रि के शुभ दिनों में साधक देवी माँ दुर्गा के नौ रूपों की आराधना करता है व प्रथम दिन अपने घर में स्तिथ पूजा स्थल पर कलश स्थापना कर अगले 9 दिनों तक उस कलश के समान शीतलता को अपने भीतर धारण करने का प्रयास करता है। नित्य अपनी बुराइयों को त्याग कर, अच्छाइयों को ग्रहण करने में प्रयासरत रहता है और जीवन को उत्कृष्ट बनाने हेतु सदैव अग्रसर रहते है ।

दुर्गा अष्टमी

शारदीय नवरात्रि की अष्टमी तिथि को दुर्गा अष्टमी कहते हैं। इस दिन माँ दुर्गा का विशेष पूजन व् आराधना की जाती है। अक्टूबर माह की 24 तारीख को दुर्गा अष्टमी व् महाष्टमी का आगमन होगा। अधिकतम लोग अपने द्वारा अनुसरण किये गए व्रत को खोलते हैं व कन्या भोज का प्रबंध करते हैं।

दुर्गा नवमी

शारदीय नवरात्रि की नवमी तिथि को दुर्गा नवमी कहते हैं। इस दिन देवी माँ दुर्गा के नवें रूप की आराधना की जाती है। इस दिन प्रातः काल उठकर सभी साधक अपने द्वारा रखे गए व्रत को देवी माँ दुर्गा को पूर्णता अर्पित करते हैं। यज्ञ के माध्यम से पूर्ण आहुति कर छोटी-छोटी कन्याओं को देवी का स्वरूप मानकर उन्हें स्नेह पूर्वक भोजन कराया जाता है।

दशहरा

दशहरा का त्योहार सदैव अधर्म पर धर्म की विजय, असत्य पर सत्य की विजय, बुराई पर अच्छाई की विजय और पाप पर पुण्य की विजय के रूप में मनाया जाता है। यह त्यौहार इस वर्ष अक्टूबर माह की 26 तारीख को मनाया जाएगा। इस दिन रावण का दहन कर हर वर्ष धर्म, पुण्य ,सत्कर्म, सत्य, अच्छाई का सुनहरा फहराया है।

पापांकुशा एकादशी

प्रति माह आने वाले वाली एकदशी के व्रत विश्व के पालनहार व चक्रधारी विष्णु जी को समर्पित किया जाता है। अक्टूबर माह की में आने वाली एकादशी को पापांकुशा एकादशी के नाम् से जानते है जिसका आगमन इस माह 17 तारीख को होगा। इस दिन भगवान विष्णु के पूजन हेतु साधक व्रत का अनुसरण कर, तुलसी की पत्ती अर्पित करता है। यह मान्यता है कि भगवान विष्णु को तुलसी की पत्ती अधिक प्रिय है, इसलिए तुलसी अर्पित करने से भगवान विष्णु की कृपा आप पर सदा विराजमान रहती है।

शरद पूर्णिमा

हिंदू माह के अनुसार आश्विन मास की पूर्णिमा को शरद पूर्णिमा के नाम से जानते हैं। इस दिन देवी माँ लक्ष्मी की आराधना कर, उनसे अपने भविष्य की मंगल कामना हेतु प्रार्थना करते हैं। इसके उपरांत ही ठंड के मौसम का आरंभ हो जाता है। इसलिए शास्त्रों में शरद पूर्णिमा को एक त्यौहार की भाँती बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। यह मान्यता है कि इस दिन भगवान कृष्ण अपनी समस्त गोपियों व ग्वालनों के साथ हंसी ठिठोली करते हैं ।

कार्तिक मास आरम्भ

अश्विन मास के समाप्त होने के उपरांत 31 अक्टूबर को इस वर्ष कार्तिक मास का आगमन होगा।