विवाह, स्वास्थ्य, नौकरी, व्यापार, धन-सम्पत्ति, मकान, वास्तु, कोर्ट-कचहरी, संतान, शिक्षा, उन्नति, पारिवारिक दिक्कतें, कुंडली मिलान, विदेश निवास या यात्रा, करियर आदि से जुड़ी सभी समस्याओं के सटीक उपाय जानें लाल किताब गुरु आचार्य पंकज धमीजा जी से।
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इस दशहरा अपनाये रावण संहिता में दिए कुछ विशेष उपाय, दूर होंगी आर्थिक समस्याएं

Try These Useful Solution on Dussehra for Money Problems Given in Ravan Sanhita

हिंदू धर्म में नवरात्र पर्व को बहुत अधिक महत्व दिया जाता है। नवरात्रि के 9 दिनों तक माँ आदिशक्ति जगदंबा के भिन्न-भिन्न रूपों की पूजा आराधना के पश्चात 10 वीं वाली तिथि को दशहरा का पर्व मनाया जाता है। दशहरा के पर्व के संबंध में यह मान्यता प्रचलित है कि दशहरा के दिन ही भगवान श्री रामचंद्र ने त्रेता काल में रावण का वध कर लंका पर विजय हासिल की थी। इस वजह से दशहरा को विजय पर्व के रूप में पूरे राष्ट्र भर में और पूरे सनातन धर्म में मनाया जाता है। दशहरा को विजयादशमी कहकर भी संबोधित किया जाता है। दशहरा अधर्म पर धर्म की विजय का पर्व होता है। जिसमें असत्य को पराजित कर सत्य की जीत होती है।

दशहरा के दिन अति ज्ञानी, अति तेजस्वी, अति शक्तिशाली महाबली रावण का वध भगवान श्री रामचंद्र ने किया था। रावण काफी ज्ञानी और शिव के सर्वश्रेष्ठ भक्तों में से एक था। रावण एक तपस्वी राक्षस था जिसके अंदर अनेकानेक प्रकार की कला आदि निहित थे, किंतु अंततः उसके मन मे दुर्भाव, राग, द्वेष, क्रोध आदि आ जाने की वजह से उसका समुचित नाश हो गया और रावण की सबसे बड़ी भूल माता सीता का हरण करना कहलाया।

माना जाता है कि संतों पर अत्याचार व स्त्री के शक्ति पर प्रहार होने पर संपूर्ण देव लोग भी व्यक्ति से कुपित हो जाता है। कुछ यही कारण रहा कि रावण का सर्वनाश हो गया। रावण इतना अधिक ज्ञानी व शिव के ऐसे अनन्य भक्तों में से एक था जिसने शिव की भक्ति में शिव तांडव स्रोत की रचना कर दी। रावण तंत्र मंत्र ज्योतिष विद्या में भी पारंगत था। उसने कई ग्रंथ लिखे हैं। रावण संहिता, जो कि रावण द्वारा लिखित ग्रंथ माना जाता है, रावण संहिता को हिंदू धर्म में काफी महत्व दिया जाता है। रावण संहिता में कई ऐसे तत्व लिखे हैं जो जन कल्याण हेतु अत्यंत ही लाभकारी साबित हो सकते हैं। रावण संहिता में रावण ने कई ऐसे उपाय नियम आदि के बारे में बताया है जिसके बलबूते पर व्यक्ति जीवन के सभी सुखों की प्राप्ति कर सकता है और अपना जीवन खुशहाल वह सुखमय कर सकता है।

तो आइए आज हम जानते हैं रावण संहिता के कुछ ऐसे उपायों के बारे में जिससे जातक के जीवन में सुख-समृद्धि, खुशहाली व धन की वर्षा होगी। तो आइए इस दशहरे पर रावण संहिता के कुछ उपायों का जीवन में अनुसरण कर अपने आपको धन वैभव से परिपूर्ण बनाते हैं।

आर्थिक समस्याओं के समाधान के लिए करें यह उपाय

जिन जातकों के धन निवेश करने के बाद कहीं अटके हुए हो, और प्रयास करने के बावजूद भी उन्हें वापस प्राप्त ना हो पा रहे हो, या फिर अक्सर आपका आर्थिक मसलों में नुकसान हो जाता है या फिर आए दिन किसी न किसी प्रकार की आर्थिक समस्या बनी रहती है, तो इस प्रकार के समस्याओं के समाधान हेतु जातकों को रावण संहिता के मुताबिक उक्त मंत्र "ॐ सरस्वती ईश्वरी भगवती माता क्रां क्लीं श्रीं श्रीं मम धनं देहि फट् स्वाहा" का लगातार 40 दिनों तक जप करना चाहिए। ऐसा करने से इनके ऊपर माता लक्ष्मी की कृपा दृष्टि आजीवन बनी रहती है, साथ ही अटके हुए धन आदि भी वापस प्राप्त हो जाते हैं

आर्थिक हालात को बेहतर बनाने हेतु 21 दिनों तक जपें उक्त मंत्र

यदि आपके आर्थिक हालात ठीक नहीं है, आप दरिद्रता, गरीबी, बेरोजगारी आदि का शिकार हैं, आपके जीवन में धन का अभाव है, अथवा धन के अभाव के कारण आपके कई मनचाहे सपने पूरे नहीं हो पा रहे हैं, तो रावण संहिता के मुताबिक आपको लगातार 21 दिनों तक रुद्राक्ष की माला से उक्त मंत्र "ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं नम: ध्व: ध्व: स्वाहा" का जप करना चाहिए। ऐसा करने से आपकी आर्थिक स्थिति मजबूत होगी, साथ ही आपकी आमदनी के स्रोतों में वृद्धि होने के साथ- साथ आर्थिक स्थिति बेहतर बनी रहेगी।

आमदनी बढ़ाने हेतु अपनायें ये उपाय

रावण ने रावण संहिता के ग्रंथ की रचना में दूर्वा को बहुत ही अधिक महत्व कार्य व कई तथ्यों के लिए चमत्कारी बताया है। दुर्वा के अनेकों उपाय व दूर्वा से प्राप्त होने वाले अनेकों लाभ के संबंध में रावण ने विस्तृत विवरण अपने रावण संहिता में किया है। दूर्वा का आर्थिक स्थिति को मजबूत करने हेतु भी प्रयोग किया जाता है। धन की प्राप्ति के लिए जातकों को दूर्वा के उपायों को अपनाना चाहिए। रावण संहिता के मुताबिक सभी जातक को अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने हेतु दूध में दूर्वा घास को डाल कर उसके माथे पर तिलक करना चाहिए। इससे आपकी आमदनी में बढ़ोतरी होती है, साथ ही आर्थिक स्थिति मजबूत होती हैं। रावण संहिता के मुताबिक दुर्वा आर्थिक हालात को बेहतर बनाने हेतु अत्यंत उपयोगी व कारगर है।

मान सम्मान व यश की वृद्धि हेतु अपनायें ये उपाय

रावण ने अपने ज्ञान, तेज व यश के बलबूते पर संपूर्ण चंहु लोक में मान-सम्मान की प्राप्ति की थी। रावण काफी ज्ञानवान, समृद्धशाली, यशस्वी, तेजस्वी, बलशाली व बलिष्ठ दानव था जिसकी चंहु ओर यश कीर्ति व्याप्त थी। हालांकि उसके अंदर अहंकार, भाव, राग, द्वेष आदि के उत्पन्न हो जाने के कारण उसका विनाश हो गया, किंतु रावण के बौद्धिकता उसकी तपस्या, कार्य क्षमता व शारीरिक बल का तीनो लोक आदिकाल से ही लोहा मानता है।

तत्कालीन समय में भी पुराण व अनेक अनेक प्रकार के धार्मिक शास्त्रों में रावण को बुद्धिजीवी दानवों में सर्वश्रेष्ठ माना जाता है। रावण के मुताबिक जातकों को अपने बुद्धि व मान-सम्मान की वृद्धि हेतु बेलपत्र को पीसकर लगाना चाहिए। इस उपाय करने से आप के मान-सम्मान में बढ़ोतरी होगी। इसके इस चमत्कारी लाभ को सर्वाधिक उपयुक्त माना जाता है। ऐसा करने से आपके यश में वृद्धि होगी और आपकी कीर्ति हर ओर फैलेगी।