बंद किस्मत को खोलेंगे ये वास्तु उपाय

Vastu tips for luck and fortune

हम अक्सर घरों में लोगों को अत्यधिक कर्ज, संतान अथवा अन्य परेशानियों का सामना करते हुए देखते हैं। अगर घर का वास्तु सही नहीं हो तो ऐसे हालात उत्पन्न हो जाते हैं जिससे कई बार घर बदलने तक के विचार हमारे मन में आने शुरू हो जाते हैं। अगर आप भी इन परेशानियों का सामना कर रहे हैं तो आज हम आपको बताएँगे कुछ ऐसे वास्तु से जुड़े कुछ ऐसे सरल उपाय जिन्हे अपनाकर आप इन कष्टों से मुक्ति पा सकते हैं। तो आइये जानते हैं कैसे बदलेंगे हम अपने घर के हालात।

तुलसी का पौधा रखें

घर के ईशान कोण (उत्तर-पूर्वी दिशा) में तुलसी का एक पौधा जरूर रखें परन्तु ध्यान रहे कि इस पौधे की ऊंचाई डेढ़ (1.5) मीटर से ज्यादा ना हो।

परिवार की खुशहाल तस्वीर लगाएं

अपने घर के लिविंग रूम की प्रमुख दीवार पर अपने पुरे परिवार की एक खुशहाल तस्वीर लगाएं। इससे घर में खुशियों का वास होता है तथा परिवार के लोगों में प्यार बढ़ता है।

पूजा का स्थान

घर में पूजा का मंदिर अथवा पूजा घर ईशान कोण में ही बनाना चाहिए। इससे सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं तथा सकारात्मक ऊर्जा का निवास होता है। इससे जब भी आप पूजा करेंगे तो आपका मुख उत्तर-पूर्वी दिशा की तरफ होगा जो वास्तु के अनुसार सर्वश्रेष्ठ है।

सफाई का सामान

भूलकर भी कभी सफाई वाला झाड़ू अथवा पोंछा रसोई घर में ना रखें। साथ ही रसोई में आईना रखना भी वास्तु दोष बढ़ाता है।

टेलीफोन का स्थान

अगर आपके घर में लैंडलाइन टेलीफोन है तो इसे हमेशा दक्षिण-पूर्व या फिर उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में रखना वास्तु दोष से बचाता है।

एक्वेरियम रखें

घर में सुख-शांति एवं सौहार्द के लिए घर के प्रमुख कमरे के उत्तर-पूर्वी स्थान पर मछलियों का एक एक्वेरियम रखना शुभ होता है जिसमें 9 सुनहरी एवं 1 काले रंग की मछलियां हों।

बाथरूम के दरवाजे हों हमेशा बंद

घर के शौचालय अथवा बाथरूम के दरवाजे हमेशा बंद रखें। इनके खुले दरवाजों से नेगेटिव ऊर्जा घर में आती है।

घर के कोनो में रौशनी

घर के हर कोने में अच्छी साफ सफाई रखें और कोशिश करें की हर कोने पर अच्छी रौशनी पड़ रही हो। आप मोमबत्ती, लैंप इत्यादि से भी इन कोनो को भरपूर रौशनी भरा कर सकते हैं।

शयनकक्ष में पलंग की दिशा

घर में सोने के कमरे में पलंग की सही दिशा भी समृद्धि के लिए बहुत ही आवश्यक है। शयनकक्ष में पलंग का सिरहाना हमेशा पूर्व अथवा दक्षिण दिशा की ओर ही होना चाहिए। दक्षिण दिशा की तरफ सिर करके सोने पर मान सम्मान तथा आर्थिक वृद्धि होती है। इसी प्रकार पूर्व दिशा की ओर सिर करके सोने पर ज्ञान और मान की उन्नति होती है।