गणेश की प्रतिमा लाएगी घर-कारोबार में शुभ लाभ और सुख-समृद्धि

Right Placement of Shri Ganesh Idol at Home and Work Place that will give prosperity

वास्तु दोष के प्रभावों से कौन परिचित नहीं है। ये ऐसे दोष हैं जो जिस भी जातक के घर में लग जाएं, तो घर की खुशहाली को बदहाली में बदलते देर नहीं लगती! कारोबार में अगर लग जाए तो उन्नति से अवनति देखते ही देखते आरंभ हो जाती हैं! घर-परिवार में आए दिन किसी न किसी बात को लेकर तनाव बना रहने लगता है! आपकी सुख, संपत्ति, ऐश्वर्य, आदि सभी विनाश की कगार पर रहते हैं। ऐसे में इन दोषों के उपाय करने अनिवार्य हो जाते हैं। इसके लिए हमें अपनी कुंडली अनुसार दोषों के अनुरूप ज्योतिषीय परामर्श से उनका निवारण करना चाहिए।

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार भगवान श्री गणेश की प्रतिमा एवं उनका आशीष घर के वास्तु दोष अथवा कार्यक्षेत्र से जुड़े समस्याओं के समाधान हेतु अत्यंत ही लाभदायक माना जाता है।

अतः आइए आज हम जानते हैं भगवान श्री गणेश के कृपा पात्र बनकर किस प्रकार हम अपने घर, कारोबार आदि से संबंधित दोषों का निवारण कर सकते हैं, भगवान श्री गणेश की प्रतिमा की स्थापना से संबंधित कुछ ऐसे अचूक वास्तु उपाय जिससे आपके जीवन में आ रही समस्याएं समाप्त होगी, ग्रह दोष से संबंधित दोषों का निवारण होगा एवं कारोबार उन्नति के मार्ग पर प्रशस्त रहेंगे।

हालांकि इन सभी उपायों को अपनाने से पूर्व आपको अपनी कुंडली के अनुसार अपने ग्रह-गोचरों की स्थिति को ध्यान में रखते हुए ज्योतिषीय परामर्श अवश्य ही लेना चाहिए, तत्पश्चात ही इन उपायों का जीवन में वरण करना चाहिए।

आइए जानते हैं कुछ ऐसे सामान्य वास्तु उपाय, जो आपके जीवन को शुभ लाभ से भर कर रख देंगे-

अगर घर है दक्षिणमुखी

जिन जातकों का भवन दक्षिणमुखी हैं, अर्थात उनके घर का मुख्य द्वार दक्षिण की दिशा की ओर खुलता हो, उन जातकों को अपने घर की चौखट के ऊपर, अंदर एवं बाहर की तरफ दोनों ओर भगवान श्री गणेश की प्रतिमा को स्थापित करना चाहिए। ऐसा करने से आपके वास्तु संबंधित सभी दोष समाप्त हो जाते हैं। माना जाता है कि इस वास्तु उपाय के परिणाम प्रतिमा की स्थापना के दूसरे हफ्ते से परिलक्षित होने लगते हैं। किंतु ध्यान रहे कि आप जो प्रतिमा स्थापित कर रहे हैं, वह ना अत्यधिक बड़ी हो ना ही बहुत छोटी हो, मध्यम आकार की प्रतिमा स्थापित करें।

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बंदनवार करेगा वास्तु दोष दूर

अक्सर आपने तीज त्योहारों में घर की साज-सज्जा हेतु बंदनवार का प्रयोग किया ही होगा। बंदनवार अत्यंत ही शुभकारी माना जाता है। यह घर की खुशहाली एवं समृद्धि स्वच्छता का प्रतीक होता है। गणेश जी का बंदनवार वास्तु उपाय हेतु अत्यंत ही उपयुक्त माना जाता है। अतः अगर आप के गृह संबंधी वास्तु दोष हो तो घर के मुख्य द्वार पर गणेश जी के बंदनवार का प्रयोग करें। इससे ना सिर्फ वास्तु दोष से मुक्ति मिलेगी, अपितु आपका घर भी खूबसूरती से जगमगा उठेगा।

एक और बात का खास ध्यान रखें कि आपके घर के मुख्य द्वार के सामने किसी प्रकार की कोई गंदगी ना हो, मुख्य द्वार का क्षेत्र बिल्कुल स्वच्छ एवं पवित्र रहे।

कारोबार की आर्थिक समस्या होंगी दूर

अगर आप के कारोबार में आये दिन किसी न किसी प्रकार की समस्या लगी रहती है, आमदनी दिन प्रतिदिन गिरती जा रही हो, मंदी का परिवेश बना हुआ हो, तो आप अपने कार्यक्षेत्र अथवा फैक्ट्री के कार्यालय वाले क्षेत्र में किसी स्वच्छ एवं पवित्र स्थान पर भगवान श्री गणेश की प्रतिमा को स्वस्तिक अथवा किसी पूजा की थाली या फिर ताम्रपत्र में स्थापित कर उसकी नित्य प्रतिदिन पूजा करें। उनके समीप प्रतिदिन घी का दीपक जलाएं। इससे आपके कारोबार संबंधित समस्याएं समाप्त होगी एवं आपके व्यवसाय का विस्तार होगा।

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घर की नकारात्मकता होगी दूर

घर के परिवर्तन हेतु अगर आपके मन में विचार आ रहा हो, अथवा आप अपने किसी नए घर में शिफ्ट हो रहे हैं या किसी पुराने लंबे समय से बंद घर में रहने हेतु जा रहे हैं, तो सर्वप्रथम आपको उस घर में जाकर वहां के परिवेश का अनुभव लेना चाहिए।

अगर आपको उस घर में कुछ समय व्यतीत करने पर नकारात्मक उर्जा अथवा दुष्ट प्रवृत्तियों का आभास होता है, तो सर्वप्रथम आप उस घर को पूजा-पाठ एवं ज्योतिषी परामर्श से दोषमुक्त करवाएं। इसके अतिरिक्त आप वहां पर घर के मुख्य द्वार के सामने वाले क्षेत्र में गणेश जी की एक सुंदर लंबी  प्रतिमा स्थापित करें। यह प्रतिमा लगभग 9 इंच की रखें। इससे आपके घर की नकारात्मकता दूर होगी, साथ ही वास्तु दोष भी समाप्त होंगे। तत्पश्चात सकारात्मक एवं पवित्रता का वातावरण उत्पन्न होगा।

ध्यान रहे किसी भी नए घर में अथवा पुराने बंद पड़े घर में प्रवेश से पूर्व उस स्थान के नकारात्मक दोष आदि का उपाय करवाना अनिवार्य होता है। बिना दोषमुक्त करवाये उस घर मे प्रवास करना खतरे से खाली नहीं है।

यदि आप किसी नए मकान में गृह प्रवेश कर रहने जा रहे हो तो आपको सर्वप्रथम उस घर में किसी शुभ कर्म, पूजा-पाठ आदि करवा कर ही प्रवास करना चाहिए। गृह प्रवेश हेतु ज्योतिषीय परामर्श अथवा गृह के वास्तु दोष आदि के ज्ञाताओं का परामर्श अत्यंत आवश्यक है। इसके अतिरिक्त आप घर के वास्तु दोषों के निवारण हेतु घर के मुख्य लॉबी में पूरब दिशा की तरफ की दीवार पर भगवान श्री गणेश की 6 इंच की प्रतिमा की स्थापना करें। इससे आपके घर में सकारात्मक ऊर्जा सदैव बनी रहे एवं किसी प्रकार के कष्ट एवं दोष नहीं लगेंगे।

घर का ब्रह्म स्थल

आपके घर का जो ब्रह्म स्थल है, उसमें आप गणेश जी की प्रतिमा को स्थापित करें। साथ ही उस स्थान पर तुलसी जी को भी स्थान दें एवं प्रतिदिन पूजा-आराधना करें। रोज घी का दीपक भी जलाएं। इससे आपके घर में सदैव सद्गुणों का आगमन होता रहेगा एवं सभी सकारात्मक शक्तियां आपके घर पर में अपना स्थान बनाए रखेंगी। ध्यान रहे गणेश जी एवं तुलसी के पौधे के बीच में थोड़ी दूरी होनी चाहिए, इन दोनों को बिल्कुल समीप ना रखें।

तुलसी के पौधे को वास्तु के दोषों के निवारण हेतु अचूक उपाय माना जाता है एवं गणेश जी शुभ लाभ के प्रदाता हैं। इसी कारण इन दोनों की स्थापना घर के ब्रह्म स्थल में करने से घर-परिवार में शुभ-लाभ एवं सुख-शांति, खुशहाली आदि बनी रहती हैं।

श्री गणेश की मूर्ति से सम्बंधित ध्यान रखने योग्य बातें

  • गणेश जी की प्रतिमा की स्थापना में आपको इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि किसी भी एक ही स्थान पर गणेश जी की दो प्रतिमा ना लगी हो। माना जाता है इससे लाभ परावर्तित होकर समाप्त हो जाते हैं।
  • वास्तु शास्त्र में यह वर्णित है कि ना केवल गणेश जी अपितु किसी भी देवी देवता की कारोबार में अथवा किसी अन्य स्थल पर ही 1 से अधिक प्रतिमा एक स्थान पर स्थापित नहीं करनी चाहिए।
  • गणेश जी की प्रतिमा की स्थापना हेतु बुधवार का दिन शुभकारी माना जाता है। अतः आप इस दिन शुभ मुहूर्त के अनुसार भगवान श्री गणेश की प्रतिमा की स्थापना कर सकते हैं।
  • गणेश जी की प्रतिमा की स्थापना में इस बात का भी ध्यान रखें कि प्रतिमा का मुख सदैव इस प्रकार हो कि जब आप वहां अपने शीश झुकाए अथवा नतमस्तक हो, तो आप का मुख्य सदैव उत्तर अथवा पूरब की ओर हो।