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कछुए को घर में स्थापित करने से बदल सकती है आपकी किस्मत

Placing Turtle at Home can change your Luck

भारतीय संस्कृति में वास्तु शास्त्र का अधिक महत्व है। भारतीय अपना बड़े से बड़ा व छोटे से छोटा कार्य भी, वास्तु के अनुसार करना पसंद करते हैं। कह सकते हैं कि वास्तु शास्त्र मानवीय जीवन में समाहित है।

घर के निर्माण के समय नींव में वास्तु अनुसार कछुए का रखना शुभ माना जाता है। घर में पूजा घर, शयन कक्ष आदि का निर्माण वास्तु के अनुसार ही किया जाता है। घर में लाफिंग बुद्धा को प्रवेश द्वार के समक्ष रखना चाहिए आदि कई कार्यों को भारतीय वास्तु के अनुसार ही करना सफल समझते हैं। इसी प्रकार कछुए का प्रयोग पुरातन काल में वास्तु उपाय के लिए किया जाता था। हम लोग मंदिर व तीर्थ स्थलों पर सुख व शांति का अनुभव करते हैं। इसका मुख्य कारण यह है कि निर्माण के उपरांत वहां पर कछुए की प्रतिमा को स्थापित किया जाता है। इसलिए मंदिरों में हम सब जाना व कुछ पल वहां बिताना पसंद करते हैं। यह मान्यता है कि कछुआ लंबी आयु के साथ-साथ आपको कार्यक्षेत्र व समाज में धन-संपदा के साथ-साथ मान सम्मान प्राप्त करता है। इस प्रकार अलग अलग धातु से बने कछुए को घर में स्थापित करने से अनेक लाभ की प्राप्ति होती है व जीवन के लिए वह शुभ प्रतीत होता है। तो आइये जानते हैं किस धातु के कछुए को घर पर स्थापित करने से क्या फल प्राप्त होते हैं।

स्फटिक का कछुआ

धीमी गति से आगे बढ़ने वाला कछुआ धरा पर सबसे अधिक आयु तक जीवित रहने वाला जीव है। इसके बारे में बच्चों को बचपन से ही बताया जाता है। भारतीय संस्कृति में यह सर्व प्रचलित व लोकप्रिय है। इसे चीनी वास्तु शास्त्र फेंगशुई के अनुसार शुभ व मंगल का प्रतीक माना जाता है। उनका मानना है कि घर में कछुआ रखने से उन्नति के मार्ग उत्पन्न होते हैं और नकारात्मकता को दूर कर सर्वत्र सकारात्मकता का वास होता है जिससे सुख समृद्धि व धन संपदा एवं उल्लास का माहौल बना रहता है, साथ ही सभी स्वस्थ होकर अपना जीवन यापन करते हैं। स्फटिक का कछुआ घर में रखने से यह अधिक प्रभावशाली होता है। यह वास्तु दोष से लेकर सभी दोषों का निवारण करता है।

उत्तर दिशा में घर या कार्यक्षेत्र में स्फटिक के कछुए को रखने से धन-दौलत व करियर में सफलता की प्राप्ति होती है, किंतु कभी भी भूल कर बेडरूम में ना रखें। इसका सबसे शुभ व लाभकारी स्थान घर में बना ड्राइंग रूम होता है। दो कछुए के जोड़ों को घर में ना रखें, यह आपके कार्यक्षेत्र में व्यवधान उत्पन्न करता है। कछुए को हमेशा घर के अंदर की ओर मुंह करके उत्तर दिशा में रखना चाहिए। कहते हैं यह दिशा धन की होती है। कछुए को सदैव किसी बर्तन में पानी में रखकर रखना चाहिए, इससे उसका लाभ जल्द ही प्राप्त होता है।

धातु से बना कछुआ

अक्सर घरों में लोग धातु से बने कछुए को रखते हैं। विभिन्न प्रकार व आकार के अनेक धातुओं से बने कछुए को लोग अपने घरों में टेबल पर कैंडल स्टैंड की भांति रखना पसंद करते हैं। घर में धातु से बने कछुए को रखना भी शुभ माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि घरों में नकारात्मकता को दूर करने हेतु भी  यह बहुत कारगर सिद्ध होता है। कहते हैं कि मेटल से बने कछुए को कार्यक्षेत्र या व्यापार क्षेत्र में उत्तर-पश्चिम दिशा में रखना शुभ माना जाता है, इसी प्रकार क्रिस्टल से बने कछुए को सकारात्मक ऊर्जा का संचालक माना जाता है। इसे दक्षिण पूर्वी व दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखना शुभ माना जाता है, मिट्टी से बने कछुए को घर में खुशहाली व धन संपदा का कारक माना जाता है, इसे दक्षिण पश्चिम दिशा में रखना शुभ माना जाता है, इसी प्रकार लकड़ी से बने कछुए को पूर्वी दिशा में रखना शुभ माना जाता है। कहते हैं व्यक्ति अपनी आवश्यकता अनुसार अलग-अलग धातुओं से बने कछुओं को घर व कार्य क्षेत्र में स्थापित करते हैं, इससे उन्हें अनंत लाभ की प्राप्ति होती है।

मिट्टी से बना कछुआ

मिट्टी से बने कछुए को घर में रखना अत्यधिक शुभ मंगल व लाभकारी माना जाता है। यह किए गए कार्यों में उत्तम परिणाम देते हैं। घरों में कछुए की उपस्थिति में सकारात्मकता का संचार होता है, जीवन में आई बड़ी से बड़ी समस्याओं व विपदाओं का सामना सावधानीपूर्वक व बहुत ही सहजता से करते हैं। इससे घर में हर्षोल्लास का माहौल व्याप्त रहता है व सुख-शांति, धन-संपदा आदि प्राप्त होती है व कार्यक्षेत्र में आ रही अड़चनें तथा उतार-चढ़ाव में स्थिरता आती है और कार्यक्षेत्र या व्यापार में हो रही धन हानि में मुनाफा होता है। विद्यार्थियों को इससे करियर में सफलता की प्राप्ति होती है।

पीठ पर बच्चे वाला कछुआ

जो दंपती संतान पक्ष से दुखी व चिंतित रहते हैं व संतान सुख से वंचित हैं, उन्हें अपने घर में पीठ पर बच्चे वाला कछुआ रखना चाहिए। यह उनके लिए शुभ-मंगल व लाभकारी प्रतीत होगा। कहते हैं कि कछुआ मानव जीवन में गुड लक प्रदाता होता है और पीठ पर बच्चे वाला कछुआ प्रजनन का कारक माना जाता है। इसलिए इसे घर में रखने से घर में उपस्थित दंपत्ति को संतान पक्ष की ओर से सभी परेशानियों का निवारण होता है। जो दंपती संतान सुख से वंचित हैं, उन्हें जल्द ही जीवन में संतान की प्राप्ति होती है जिसके चलते उनके घर में हमेशा खुशियों की वर्षा होती है व वे लोग हंसी खुशी अपना जीवन यापन करते हैं।