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घर के मुख्य दरवाजे से जुड़े वास्तु टिप्स, आएँगी समृद्धि और खुशियाँ

Main Entrance Gate Vastu Tips

आपके घर का मुख्य द्वार आपकी घर की खुशियों का दरवाजा है, सभी प्रकार के सुख-समृद्धिओं का यह मुख्य प्रवेश द्वार है। अतः आप अपने घर के दरवाजे से संबंधित ज्योतिषीय विधि एवं वास्तु का विशेष ख्याल रखें, अन्यथा आपके घर में बिन बुलाए संकट मंडराने आरंभ हो जाएंगे।

घर का मुख्य दरवाजा सभी प्रकार की सकारात्मक एवं नकारात्मक ऊर्जा को स्वयं से होकर घर के अंदर तथा घर के सभी जनों तक को प्रभावित करता है। इसलिए आपको मुख्य दरवाजे पर सदैव स्वच्छता एवं पवित्रता बनाकर रखने चाहिए, साथ ही मुख्य दरवाजे की बनावट, दिशा एवं उसकी व्यवस्था का विशेष ख्याल रखना चाहिए।

आइए आज हम आपको बताते हैं घर के मुख्य दरवाजे से जुड़ी कुछ ऐसी खास बातें, जिन्हे अपनाकर आप अपने जीवन में सभी प्रकार की खुशियों का समावेश कर सकते हैं, साथ ही आप आपने कार्यक्षेत्र में भी दिन-दूनी रात चौगुनी तरक्की करेंगे एवम घर परिवार में सदैव शुभ-मंगल का वातावरण बना रहेगा। फिर देर किस बात की आइए जानते हैं कुछ ऐसे खास वास्तु टिप्स जो आपके जीवन को सकारात्मकता से भर देंगे-

घर के मुख्य दरवाजे से सम्बंधित कुछ वास्तु सम्बंधित टिप्स

  • घर के मुख्य दरवाजे हेतु ज्योतिष शास्त्रों में उत्तर, पूर्व तथा पश्चिम की दिशा को शुभ माना गया है। अतः ज्योतिषीय परामर्श लेकर आप अपने घर के मुख्य द्वार की बनावट को निर्धारित करें।
  • घर का मुख्य दरवाजा सभी प्रकार की सुख समृद्धि का आवक मार्ग होता है। इस क्षेत्र को स्वच्छ एवं पवित्र रखें। ऐसे इलाकों में गंदगी रखने से आपके जीवन में नकारात्मक प्रभाव का आवागमन होगा। दरवाजे तथा दरवाजे के आसपास के क्षेत्र को साफ सुथरा कर सजा कर रखें। घर के दरवाजे के बाहर आम के पत्ते अथवा अशोक के पत्तों से तोरन बनाकर सजाएं।
  • कई बार घर के दरवाजे के नट-बोल्ट आदि में समस्या होने के कारण दरवाजा खोलते वक्त अजीब सी चिड़चिड़ी आवाज होती है जो अशुभ मानी जाती है। इससे दरवाजा खोलने बंद करने में भी आपको थोड़ी कठिनाई होती है। यह सभी लक्षण नकारात्मक प्रभाव प्रदर्शित करते हैं। ध्यान रहे कि आपके घर का दरवाजा खोलने बंद करने में किसी प्रकार की कोई रुकावट ना आए, साथ ही कोई अप्रिय आवाज उत्पन्न ना हो। इससे आपके जीवन में धन की आवक में बाधा उत्पन्न होती है।
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  • घर के मुख्य दरवाजे के सामने के भाग को खुला रखना चाहिए। किसी भी प्रकार की रुकावट अथवा बाधा पहुंचाने युक्त पदार्थों को अपने दरवाजे के आसपास के क्षेत्रों में नहीं रखना चाहिए।
  • किसी भी पेड़ अथवा अन्य चीजों की छाया अपने घर के मुख्य द्वार पर न पड़ने दें। यह अशुभकारी माना जाता है। इससे आपके घर के सदस्यों के जीवन में आये दिन स्वास्थ्य संबंधित समस्या आती रहेंगी एवं निरंतर बनी रहेगी।
  • तुलसी का पौधा अत्यंत ही शुभकारी होता है। अतः इसे आप अपने घर के मुख्य दरवाजे के पास लगाएं, साथ ही दरवाजे के दोनों और स्वस्तिक का चिन्ह बना कर शुभ-लाभ, लाल रंग की रोली से लिखे। इससे नकारात्मक ऊर्जाएं वहीं से वापस लौट जाती हैं एवं सदैव घर में शुभ-लाभ का वातावरण बना रहता है।
  • मुख्य दरवाजे को दो पल्लों में ही बनवाए। वास्तु के अनुसार घर के मुख्य दरवाजे के दो पल्ले सदैव धन्य-धान की स्थिति बेहतर बनाए रखते हैं। इससे घर के स्वामी दीर्घायु होते हैं।
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  • घर के मुख्य द्वार की बनावट घर में मौजूद अन्य दरवाजों की तुलना में अधिक खुला एवं बड़ा रखे। चूँकि घर का मुख्य द्वार सभी प्रकार की खुशियों एवं सुख समृद्धिओं का आवक माना जाता है, अतः इसे बड़ा एवं विस्तृत रखना चाहिए।
  • घर के मुख्य द्वार के आगे एक पायदान या कालीन बिछाना चाहिए। इससे आपके घर में सकारात्मकता बरकरार रहती है। विज्ञान के दृष्टिकोण से भी यह उपयोगी माना जाता है। इससे बाहर से आने वाले कीटाणु, जीवाणु, गंदगी आदि का दुष्प्रभाव कम पड़ता है एवं नकारात्मकता से हम बचे रहते हैं।
  • घर के मुख्य द्वार की चौड़ाई सड़क की चौड़ाई के अनुरूप रखें। इससे आपके घर में अथवा जीवन में जो भी सकारात्मकतायें आ रही हैं, वह सीधे प्रवेश करेंगे एवं किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न नहीं होगा।