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गुरुवार के उपाय, क्या करें और क्या ना करें इस दिन?

Guruvar Ke Upay, Kya Kare Kya Naa Kare Is Din

वैसे तो सप्ताह के सभी दिन विशेष होते है तथा प्रत्येक दिन के अलग प्रतिनिधित्व देवता होते है, परन्तु गुरुवार यानी बृहस्पतिवार का अलग ही महत्त्व है। बृहस्पतिवार को गुरु की आराधना का दिन माना जाता है। इस दिन हम देव गुरु बृहस्पति एवं सृष्टि रचयिता ब्रह्मा जी की आराधना करते हैं तथा आज के दिन श्रद्धालु श्री हरि विष्णु जी का पूजन भी करते है। बृहस्पति ग्रह नव ग्रहों में सबसे बड़ा ग्रह है और इसकी प्रकृति क्षिप्र या त्वरित होती है। बृहस्पतिवार को धर्म का दिन माना जाता है तथा धर्म ग्रंथों में इसे रविवार से भी श्रेष्ठ और पवित्र दिन कहा गया है। देव गुरु बृहस्पति का सीधा प्रभाव धन संपत्ति एवं सौभाग्य पर पड़ता है।

हिन्दू धर्म में बृहस्पति देव की पूजा का विशेष महत्त्व है। कहा जाता है की बृहस्पतिवार की पूजा करने से यदि विवाह मार्ग में कोई अड़चन आ रहीं होती है, तो वह स्वत: ही समाप्त हो जाती हैं। बृहस्पति ग्रह को गुरु ग्रह भी कहा जाता है तथा प्रत्येक व्यक्ति के जीवन के हर पहलू पर इसका बुरा या अच्छा प्रभाव पड़ता है। यह व्यक्ति के जीवन की दिशा और दशा बदलने में सक्षम होता है। किसी व्यक्ति की कुण्डली में बृहस्पति ग्रह की उच्च स्थिति का होना काफी प्रभाव डालता है।

तो आइये जानते हैं गुरु को प्रभावशाली बनाने के उपाय

बृहस्पतिवार व्रत

  • बृहस्पतिवार व्रत के पूजन से व्यक्ति को श्री हरि विष्णु जी का आशीर्वाद मिलता है तथा इसके साथ ही लक्ष्मी जी कृपा भी प्राप्त होती है जिससे धन-संपत्ति एवं पारिवारिक सुख शांति का लाभ मिलता है। यह बृहस्पति ग्रह के उपाय में से एक बेहतरीन उपाय है।
  • स्त्रियों के लिए बृहस्पतिवार का व्रत अत्यंत शुभ फलदायक होता है तथा इसकी व्रत कथा सुनने का विशेष महत्व है। इस व्रत को नियमित करने वाले श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं।

व्रत के अलावा इस दिन प्रातःकाल सर्वप्रथम जो भगवान विष्णु के बारह नामों का स्मरण करता है, उसका दिन बेहद शुभ होता है, साथ ही इस दिन श्री विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करने से व्यक्ति को मोक्ष की भी प्राप्ति होती है। श्री हरि विष्णु जी के 12 नाम कुछ इस प्रकार हैं :

  1. अच्युत
  2. अनंत
  3. दामोदर
  4. केशव
  5. नारायण
  6. श्रीधर
  7. गोविंद
  8. माधव
  9. हृषिकेश
  10. त्रिविकरम
  11. पद्मानाभ
  12. मधुसूदन

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मंत्रोचारण

देवगुरु बृहस्पति के मंत्र का यदि निरंतर जप किया जाए तो यह धन और वैभव की दृष्टि से बहुत ही चमत्कारी है। यह तुरंत असर करने में सक्षम होता हैं। बृहस्पतिवार के दिन जपने हेतु कुछ चमत्कारी मंत्र निम्न हैं:

ॐ बृं बृहस्पतये नमः ||

ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:।

ॐ ऐं श्रीं बृहस्पतये नम:।

ॐ गुं गुरवे नम:।

ॐ क्लीं बृहस्पतये नम:।

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय।

उपरोक्त के अतिरिक्त और क्या करें गुरुवार के दिन?

  • प्रातःकाल अपने मस्तक पर सफेद चंदन, हल्दी या गोरोचन का तिलक लगायें।
  • यदि आप किसी बुरी लत से ग्रसित हैं तो यह दिन उसको छोड़ने का संकल्प लेने के लिए अति उत्तम है।
  • यह दिन देव गुरु बृहस्पति का दिन होने के कारण अपने पापों का प्रायश्चित करने एवं आपने पापों का नाश करने के लिए अति उत्तम होता है।
  • इस दिन पूर्व, उत्तर एवं ईशान कोण दिशा में यात्रा करना शुभ होता है।
  • किसी भी मांगलिक, शिक्षण, प्रशासनिक एवं धार्मिक और रचनात्मक कार्यों के लिए यह दिन अत्यंत शुभ माना जाता है।
  • गुरुवार के दिन पीले रंग का वस्त्र धारण बहुत ही शुभकारी होता है।
  • व्रत धारियों को केवल मीठा एवं पीला भोजन करना चाहिए।
  • केले के वृक्ष का पूजन करना चाहिए।
  • श्री हरि विष्णु को गुड़-चने का भोग लगाना चाहिए।

क्या ना करें गुरुवार के दिन?

  • आज के दिन स्त्रियों को अपना सिर नहीं धोना चाहिए।
  • आज के दिन कपडे नहीं धोने चाहिए।
  • गुरुवार के दिन शेविंग करना या बाल काटना निषेध होता है। ऐसा करने से आपकी संतान के सुख में बाधा उत्पन्न होने की सम्भावना होती है।
  • इस दिन पूर्व, दक्षिण, नैऋत्य कोण दिशा में यात्रा करना अशुभकारी होता है।
  • बृहस्पतिवार के दिन नमक का सेवन नहीं करना चाहिए, इससे आपके स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ता है।
  • इस दिन भूल कर भी मास-मदिरा आदि का सेवन नहीं करना चाहिए।