विवाह, स्वास्थ्य, नौकरी, व्यापार, धन-सम्पत्ति, मकान, वास्तु, कोर्ट-कचहरी, संतान, शिक्षा, उन्नति, पारिवारिक दिक्कतें, कुंडली मिलान, विदेश निवास या यात्रा, करियर आदि से जुड़ी सभी समस्याओं के सटीक उपाय जानें लाल किताब गुरु आचार्य पंकज धमीजा जी से।
संपर्क करें - +91 8384874114 / 9258758166

आस-पास दिखाई दे ये चीजें तो समझे आपकी कुंडली में है राहु कमजोर, शुरू होंगे बुरे दिन

Kundali Mein Kamjor Rahu Ke Lakshan aur Upay

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार राहु एक अशुभ ग्रह है। चूँकि अन्य ग्रहों की अपेक्षा (केतु को छोड़कर) इसका कोई वास्तविक आकृति नहीं है, इसीलिए राहु को छाया ग्रह भी कहा जाता है। स्वभाव के अनुरूप राहु को पापी ग्रह की संज्ञा दी गई है, खास तौर पर कुंडली में राहु दोष नाम सुनते ही जातकों के अंदर भय उत्पन्न हो जाता है। लेकिन कोई भी ग्रह शुभ या अशुभ नहीं होता है, बल्कि उसका फल या प्रभाव शुभ या अशुभ होता है।

अगर किसी जातक की कुंडली में राहु सकारात्मक व शुभ है, तो उस जातक के मस्तिष्क में सुविचार उत्पन्न होते हैं जिससे जातक अच्छे कार्य को सफलतापूर्वक अंजाम तक पहुंचाते हैं। कुंडली में राहु की शुभ स्थिति जातक के भाग को चमका देती है। राहु के शुभ प्रभाव से जातक कुशाग्र बुद्धि का होता है। बली राहु वाले व्यक्ति समाज में अपने सम्मानित छवि को बनाने में सफल रहते हैं। ऐसे जातक अपने धर्म का पालन बहुत ही अच्छी तरह से करते हैं। ऐसे जातकों का समाज में बहुत अधिक मान-सम्मान एवं आदर किया जाता हैं। ऐसे जातकों को आर्थिक रूप से धन लाभ होता हैं। ऐसे जातक नौकरी या बिजनेस में तरक्की एवं सफलता प्राप्त करते हैं।

वहीं जब जातक की कुंडली में राहु कमजोर होता है तो यह जातकों के जीवन में अनेक प्रकार की बीमारियां, परेशानियां और असफलता का कारण बन जाता हैं। राहु के बुरे प्रभाव के कारण जातक गलत आदतों का शिकार होने लगते हैं। जातकों का नैतिक पतन होने लगता है, जातक अधर्मी बन जाते हैं। जातक के जीवन में विकट परिस्थितियां खड़ी हो जाती हैं और उसका जीवन संघर्ष में बीतने लगता है। पिता-पुत्र में विवाद होने लगता है। जातकों को अनेक प्रकार की बीमारियां घेर लेती है।

ये भी पढ़ें: केतु दोष शांति के सरल उपाय

कुंडली में राहु के अशुभ होने पर इसके प्रभाव से कुछ संकेत दिखाई देने लगते हैं। आइए जानते हैं कि जातक की कुंडली में राहु कमजोर हो तो उसे किस तरह का संकेत दिखाई देने लगते हैं।

साँप या मरी हुई छिपकली

शास्त्रों के अनुसार यदि किसी जातक को बार-बार अपने घर के आस-पास या अपने घर में मरी हुई छिपकली या साँप दिखाई दे, तो यह राहु के अत्यंत अशुभ संकेत है जो कि जातक को यह बताते हैं कि उनके कुंडली में राहु पीड़ित हैं और इससे जातकों के दैनिक जीवन में अनेक प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। शास्त्रों के अनुसार कुंडली में राहु कमजोर होने पर अनेकों कष्टों और मुसीबतों का सामना करना पड़ सकता है।

  • शास्त्रों के अनुसार जातक को राहु के प्रभाव से बचने के लिए अष्टधातु का कड़ा दाहिने हाथ में धारण करना चाहिए।
  • कुत्ते को मीठी रोटी खिलाना चाहिए।
  • रात को सोते समय सिर के नजदीक जौ रखें और अगली सुबह उसे पक्षियों को खिला दे। अमावस्या की रात पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाएं।
  • अतः इन सभी उपायों को करके राहु के बुरे प्रभाव से बचा जा सकता है।

याददाश्त का कमजोर होना

अगर जातक अचानक ही बहुत सारी चीजें भूलने लगे और जातक की यादाश्त कमजोर होने लगे तो शास्त्रों के अनुसार यह अशुभ संकेत हैं कि जातक का राहु खराब चल रहा हैं। कई बार तो कुछ राहु पीड़ित जातकों के साथ ऐसा भी होता है कि चलते-चलते वे अपने उचित मार्ग से भटक जातें हैं, कोई भी महत्वपूर्ण वस्तु कहीं रख कर भूल जाते हैं, आदि। ऐसे में जातकों को राहु ग्रह शांति के कुछ उपाय अवश्य करने चाहिए जैसे -

  • तामसिक आहार एवं मदिरा पान न करें।
  • सुबह चंदन का टीका लगाए। अगर संभव हो सके तो नहाने के पानी में चंदन का इत्र डालकर स्नान करें। शास्त्रों के अनुसार ऐसा करने से राहु के दुष्प्रभाव कम होते हैं।

परिवारिक जीवन में कलह

परिवार के सदस्यों के बीच वाद विवाद बढ़ने लगे और आपस में मनमुटाव होने लगे, सभी सदस्यों के बीच आपस में एक-दूसरे के प्रति ईर्ष्या-द्वेष की भावना आ जाए तो यह अशुभ राहु के संकेत हैं। शास्त्रों के अनुरूप ऐसी परिस्थिति में राहु जातक के परिवारिक जीवन में कलह पैदा करता है और जातक के जीवन में अनेक प्रकार की परेशानियां उत्पन्न करता हैं।

  • राहु के इस दुष्प्रभाव से बचने के लिए माँ दुर्गा चालीसा का पाठ अवश्य करें, साथ ही शिवलिंग पर जलाभिषेक करें।

ये भी पढ़ें: मांगलिक दोष का प्रभाव दूर करने के उपाय

नाखून और बाल का अचानक से गिरना

यदि जातक के अचानक से हाथ के नाखून उखड़ने लगते हैं या टेढ़े-मेढ़े हो जाते हैं, अथवा सिर के बाल गिरने लगे, तो समझ जाना चाहिए कि जातक की कुंडली में राहु अशुभ स्थिति में बैठा हैं। अतः राहु की शुभता के लिए किसी अच्छे ज्योतिषी से सलाह-परामर्श अवश्य लें और इस संबंध से बचने के लिए ज्योतिषी उपाय करें।

पालतू जानवरों की मौत

जब राहु अशुभ फल देता है तो जातक के द्वारा घर में पाला हुआ कोई भी जानवर जैसे- गाय, कुत्ता, भैंस या बकरी आदि या तो खो जाते है या फिर मर जाते हैं। राहु दोष को दूर करने के लिए पक्षियों की नियमित रूप से बाजरा खिलाएं।

राहु के अशुभ प्रभाव से जातक को अपने जीवन में अपमान या दंश झेलना पड़ सकता हैं। राहु के बुरे प्रभाव से जातक को किसी भी काम में सफलता नहीं मिलती है। इसके साथ ही वाहन दुर्घटना, पेट में कोई समस्या, सिर में दर्द होना, अपयश की प्राप्ति, आर्थिक तंगी, संबंध खराब होना, भोजन में बाल देखना, दिमागी संतुलन ठीक नहीं रहना, पढ़ाई करने वाले छात्रों का पढ़ाई में मन न लगना, शत्रुओं की ओर से परेशानी आदि कुंडली में राहु के कमजोर होने के लक्षण हैं। इन सभी परेशानियों से बचने या समाधान के लिए राहु के बीजमंत्र का 18000 बार जाप करें।

बीजमंत्र

ॐ भ्रां भ्रीं भ्रौं स: राहवे नम:"।

इसके साथ ही ब्राह्मणों एवं गरीबों को चावल खिलाएं। माँ शारदा के चरणों में 6 दिन लगातार नीले रंग के फूल की माला चढाएं।