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अँगूठे में पहने चाँदी का छल्ला, धन-धान्य की होगी वर्षा

Benefits of wearing silver chhalla ring in thumb for money and wealth

वैदिक ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार व्यक्ति के सभी अंग प्रत्यंग का किसी न किसी प्रकार से जुड़ाव उसके ग्रह गोचरों की स्थिति, जन्म कुंडली आदि से होता है। अगर हस्तरेखा विज्ञान की बात करें तो व्यक्ति के हाथों के प्रत्येक अलग-अलग भाग, अलग-अलग ग्रह-नक्षत्र से जुड़े होते हैं जिसमें हाथों की उंगलियों में अंगूठा शुक्र ग्रह का प्रतिनिधित्व करता है। हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार व्यक्ति का अंगूठा शुक्र ग्रह के प्रभाव, गुण आदि को नियंत्रित एवं परिलक्षित करता है। अंगूठे के नीचे का पूरा भाग हस्तरेखा शास्त्र के अनुसार शुक्र पर्वत कहलाता है।

अतः जिन भी जातकों को अपने शुक्र ग्रह को मजबूत करना होता है अथवा शुक्र ग्रह से संबंधित किसी प्रकार के दोष का निवारण करना होता है, वे जातक अपने अंगूठे में शुक्र के सकारात्मक प्रभाव हेतु भिन्न-भिन्न प्रकार के रत्न, अंगूठी, तत्व, धातु आदि पहनते हैं। इनमें चांदी के छल्ले का विशेष महत्व माना जाता है। माना जाता है कि चांदी का छल्ला शुक्र ग्रह के सकारात्मक प्रभाव को जागृत करने हेतु अत्यंत ही शुभकारी होता है। इसी कारण प्रायः जातक अपने शुक्र ग्रह को मजबूत करने हेतु ज्योतिषीय परामर्श से चांदी का छल्ला अपने अंगूठे में धारण करते हैं। माना जाता है कि इससे आपके जीवन में सभी प्रकार की सुख, समृद्धि एवं भौतिक सुख से जुड़े सभी सकारात्मक प्रभाव बने रहते हैं। चांदी के छल्ले को पहनने के महत्व के बारे में समझने हेतु सर्व प्रथम शुक्र के महत्व को समझने की आवश्यकता है। तो आइए जानते हैं शुक्र के संबंध में-

शुक्र है भौतिक सुखों का कारक

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार शुक्र ग्रह भौतिक सुख-सुविधाओं का कारक माना जाता है। यह व्यक्ति के शारीरिक, वैवाहिक, भोग-विलास, शौहरत, कला, प्रतिभा, सौंदर्य, रोमांस, कामवासना, फैशन डिजाइनिंग आदि का कारक माना जाता है।

ज्योतिष शास्त्र में शुक्र का स्वामी ग्रह वृषभ और तुला राशि को माना जाता है। मीन इसकी उच्च राशि होती है, जबकि कन्या शुक्र की नीच राशि में गिना जाता है। शुक्र ग्रह को कुल 27 नक्षत्रों में से पूर्वा फाल्गुनी, भरणि और पूर्व सारा नक्षत्रों का स्वामित्व प्रदान किया गया है। बुध और शनि ग्रह को शुक्र ग्रह का मित्र ग्रह माना जाता है तथा सूर्य और चंद्रमा इसके शत्रु ग्रह है। शुक्र के गोचर की काल अवधि 23 दिनों की होती है, यानी कि शुक्र किसी भी राशि में प्रवेश के पश्चात 23 दिनों तक गोचर करता है, तत्पश्चात यह राशि परिवर्तन करता है।

शुक्र ग्रह व्यक्ति के भौतिकवादी जीवन को नियंत्रित करने का कारक माना जाता है, अतः इसका शांत एवं शुभकारी होना अत्यंत ही आवश्यक है। शुक्र ग्रह के सकारात्मक प्रभाव हेतु व्यक्ति शुक्र से जुड़ी वस्तुएं जैसे चांदी, हीरा आदि धारण करते हैं। आइए जानते हैं चांदी का छल्ला शुक्र ग्रह से किस प्रकार जुड़ा है एवं इसके क्या प्रभाव जीवन में परिलक्षित होते हैं-

धारण करें चाँदी का छल्ला

ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार चांदी का छल्ला अपनी सबसे छोटी उंगली अर्थात अंगूठे में धारण करने से आपकी बंद किस्मत के दरवाजे खुल जाते हैं। ऐसे जातकों के जीवन में किसी भी प्रकार की सुख ऐश्वर्य की कमी नहीं रहती हैं, आर्थिक स्थिति बढ़िया बनी रहती है एवं कार्य क्षेत्र में आप मुनाफा कमाने में सफल रहते हैं।

जिन जातकों को बहुत अधिक क्रोध आता है, ऐसे जातकों को चांदी का छल्ला पहनना चाहिए। इससे मानसिक शांति का भाव आपके अंदर जागृत होता है। ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार चांदी शांति प्रदान होता है। यह ठंडा यानी शीतल प्रवृत्ति का होता है। इस कारण से यह जातक के मानसिक उथल-पुथल को शांत एवं वैचारिक सकारात्मकता प्रदान करने में सक्षम रहता है।

चांदी का छल्ला धारण करने से शुक्र अपने सकारात्मक प्रभाव दर्शाता है जिस कारण से आप लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने में कामयाब रहते हैं। दूसरों की दृष्टि में आप आकर्षण का एक केंद्र माने जाते हैं।

वास्तु शास्त्र के उपायों के अनुसार आपको अपने घर के वायव्य कोण में मिट्टी के एक बर्तन में चांदी के सिक्के को लाल कपड़े में बांधकर रख देना चाहिए। तत्पश्चात उसे किसी बर्तन से ढक कर उस बर्तन के ऊपर गेहूं रख देना चाहिए। ऐसा माना जाता है कि यह प्रक्रिया अपनाने से आपके जीवन में ना ही कभी धन-धान्य की कमी होती है, और ना ही कभी सुखों में कमी आती है। यह उपाय माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने हेतु अत्यंत ही उपयुक्त माना जाता है। अतएव इसे अपने घर की सुख-शांति एवं समृद्धि हेतु अवश्य अपनाएं।

जिन जातकों के जीवन में पैसों से जुड़ी समस्या बनी रहती है, अथवा नहीं भी है, तो भी आपको अपने पर्स अथवा तिजोरी में हमेशा चांदी का एक चकोर टुकड़ा अवश्य ही रखना चाहिए। इससे माता लक्ष्मी की कृपा दृष्टि आप पर सदैव बनी रहेगी। आपके कहीं लंबे समय से धन अटके हुए हो तो इन सभी समस्याओं के निदान हेतु यह उपाय लाभकारी सिद्ध होगा।

अगर आप के कारोबार में आये दिन समस्याएं बनी रहती है तो आप अपने कारोबार की समस्याओं के निदान एवं प्रगति हेतु एक छोटे से ठोस चांदी का हाथी बनाकर अपने कार्य क्षेत्र के स्थल अथवा दुकान व्यापार आदि के कार्यालय में रख देना चाहिए। इससे आपकी कारोबार की स्थिति भली-चंगी बनी रहेगी एवं लाभ के आसार रहेंगे।

शुक्र ग्रह के लिए अन्य उपाय

  • शुक्र ग्रह को मजबूत करने हेतु चांदी के अतिरिक्त हीरा को भी उपयुक्त माना जाता है। शुक्र ग्रह की राशि वृषभ और तुला है, अतः इन जातकों को चांदी के छल्ले के साथ-साथ हीरा भी ज्योतिष परामर्श से धारण करना चाहिए।
  • अपने जीवन में सदैव सुख, संपन्नता एवं समृद्धि बरकरार रखने हेतु आपको 108 बार नियमित शुक्र बीज मंत्र "ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः" का जप करना चाहिए।
  • अपने शुक्र ग्रह एवं माता लक्ष्मी को प्रसन्न करने हेतु आपको श्री सूक्त का पाठ एवं माता लक्ष्मी के साथ-साथ भगवान परशुराम की भी पूजा आराधना करनी चाहिए।
  • आप अपनी दिनचर्या में अधिक से अधिक सफेद एवं गुलाबी रंग का प्रयोग करें, यह शुक्र ग्रह की मजबूती हेतु लाभदायक होता है।
  • इसके अतिरिक्त शुक्र ग्रह शांति हेतु शुक्रवार के दिन उपवास रख सकते हैं। शुक्र ग्रह से संबंधित जो भी दोष आपके जीवन में हैं, उनका समापन होगा एवं जीवन में सुख-समृद्धि का वातावरण उत्पन्न होगा।
  • दूध, दही, खीर, ज्वार, रंग बिरंगे कपड़े, चांदी, हीरा, चावल आदि का शुक्रवार के दिन दान करने से शुक्र ग्रह मजबूत होता है।
  • ग्रह को सकारात्मक करने हेतु शुक्रवार के दिन विवाहित स्त्री को सोलह सिंगार की सभी वस्तुएं चूड़ियां, कुमकुम, लाल साड़ी आदि दान स्वरूप दें। इससे आपके शुक्र ग्रह मजबूत होंगे। साथ ही माता लक्ष्मी की भी पूजा आराधना भी करें।