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लिविंग रूम (बैठक) हेतु महत्वपूर्ण वास्तु टिप्स

Vastu Tips for Living Room

वास्तु शास्त्र एक ऐसा विधि ज्ञान है जो हमे हमारे पूर्वजों द्वारा प्रदान किया गया है। यह एक निर्धारित सिद्धांतों की प्रणाली है जिसके द्वारा हम प्राकृतिक ऊर्जा को सुंदर एवं आधुनिक कमरे बनाने और डिजाइन करने में शामिल कर सकते है। यह हमे स्वस्थता एवं सकारात्मकता प्रदान करता है।

बैठक एक घर का महत्वपूर्ण हिस्सा होता है। यही आपके घर को रहने के लिए उपयुक्त या अनुपयुक्त बनाता है। यहाँ घर के सदस्य अपना अत्यधिक समय व्यतीत करते है। इसका प्रमुखता प्रयोग मेहमानों की आवभगत एवं मनोरंजन हेतु किया जाता है।

लिविंग रूम

घर में लिविंग रूम वह कमरा होता है जहाँ मेहमानों का स्वागत कर बैठाया जाता है। बैठक एक "फ्रंट रूम" है जिसका प्रयोग विशेषकर औपचारिक उद्देश्यों की पूर्ति हेतु किया जाता है। यह आपके भाग्य का निर्णायक होता है। इस कक्ष के घर का केंद्र बिंदु होने के कारण हर कोई इसे बेहतरीन तरीके से सजाना चाहता है। इस कक्ष की सावधानीपूर्वक स्थापना (सेटिंग) करना बेहद ज़रूरी है ताकि यह केवल सजावट और शैली के बारे में ही नहीं, बल्कि कमरे को एक गर्म और आरामदायक एहसास भी दे, जिससे सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ावा मिले और रिश्तों में मज़बूती आये। ड्राइंग रूम को सकारात्मकता, मस्ती और यादों से भरी जगह बनाने के लिए वास्तु शास्त्र द्वारा दिए गए कुछ अद्भुत दिशा-निर्देश निम्न है।

दिशा के हिसाब से बैठक कक्ष का प्रभाव

उत्तर-पश्चिम स्थान: ड्राइंग-रूम के लिए वायु के तत्व से संबंधित उत्तर-पश्चिम चतुर्थांश एक आदर्श स्थान है। यदि आप देर रात की पार्टियों आदि से बचना चाहते हैं, तो यह दिशा आपके लिए पूर्णतः अनुकूल होती है।

उत्तर-पूर्व स्थान: यह लिविंग-रूम को सकारात्मक ऊर्जा से ओत प्रोत बनाता है और उपयोगकर्ताओं को मानसिक शांति प्रदान करता है।

उत्तरी स्थान: धन और स्वास्थ्य का यह कोना आपके कमरे को एक सकारात्मक कंपन से संक्रमित करता है।

दक्षिण-पश्चिम स्थान: यह मेहमानों को आकर्षित करता है तथा किरायदारों के लिए अनुकूल है।

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लिविंग रूम का प्रवेश द्वार

घर का मुख्य द्वार आमतौर पर ड्राइंग रूम के रास्ते बना होता है। प्रवेश द्वार का पता लगाते समय, यह जानना आवश्यक है कि दाईं ओर कितनी अधिक जगह है। मुख्य द्वार की दिशा महत्वपूर्ण है। आइये देखते हैं कैसे:

  1. उत्तर या पूर्व का प्रवेश द्वार: यह आपको स्वास्थ्य, धन, समृद्धि और प्रसिद्धि देता है
  2. दक्षिण, उत्तर-पूर्व या दक्षिण-पूर्व का प्रवेश द्वार: यह आपको सफलता का संकेत देता है, लेकिन कड़ी मेहनत के माध्यम से।
  3. पश्चिम का प्रवेश द्वार: यह विद्वानों के लिए आदर्श है, क्योंकि यह एक शांत प्रभाव देता है।
  4. उत्तर-पश्चिम का प्रवेश द्वार: यह आपके सभी क्षेत्रों में विकास को दर्शाता है।
  5. दक्षिण-पश्चिम का प्रवेश द्वार: इस दिशा पर द्वार अशुभ माना जाता है। इसके नकारात्मक प्रभाव को पश्चिम की ओर प्रवेश को शिफ्ट करके देखा जा सकता है।

बैठक कक्ष के लिए सामान्य सुझाव

  • कभी भी बीम या गार्डर को ड्राइंग रूम की छत में बीम नहीं डालें, क्योंकि उसके नीचे बैठने से मानसिक अशांति और तनाव उत्पन्न होता है।
  • दीवारों को या तो सफेद या हल्के हरे रंग से रंग दें क्योंकि हल्का रंग लोगों में स्नेह की भावना को बढ़ावा देता है। पूर्वी दीवार को छोड़कर किसी भी दीवार पर गहरे रंगों का प्रयोग न करें।
  • लिविंग रूम की दक्षिण-पश्चिम दीवार के लिए भारी पर्दे और उत्तर-पूर्व की दीवार में खिड़कियों और दरवाजों पर हल्के पर्दे लगाएं।
  • ड्राइंग रूम के उत्तर-पूर्व कोने में कुछ स्थान खाली रखें एवं सुनिश्चित करें कि यह साफ और अव्यवस्था मुक्त रहे। कुछ जगह पौधों को लगाकर इस जगह की शांति बढ़ाएं।
  • टेलीविजन और एयर कंडीशनर को दक्षिण-पूर्व या आग्नेय कोण में रखें।
  • सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए प्रकृति या सौंदर्य की सुंदरता को दर्शाती पेंटिंग लगायें।  युद्ध, जंगली जानवरों, आतंक, आदि और यहाँ तक की किसी  मृतक परिवार के सदस्यों की तस्वीरों को लगाने से बचें।
  • कृत्रिम फूल को लगाना अशुभ मन जाता है। सूखे फूल भी दुर्भाग्य को आकर्षित करते हैं एवं कैक्टि या बोन्साई उनके पास रहने वालों के करियर और वित्तीय संभावनाओं पर नकारात्मक प्रभाव डालते है।
  • भारी झूमर को कमरे के दक्षिण या पश्चिम में लगाएं, इसे केंद्र (ब्रह्मस्थान) में लटकाने से बचें।

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एक ड्राइंग रूम का सही स्थान आपके घर की दिशा स्थिति पर आधारित है। ऐसे घर के लिए जो उत्तर या पूर्व की ओर स्थित है, उसके ड्राइंग रूम का निर्माण उत्तर-पूर्व में किया जा सकता है। ऐसे घर के लिए जिसका मुख पश्चिम की ओर है, लिविंग रूम उत्तर-पश्चिम दिशा में होना चाहिए। दक्षिण मुखी घर के लिए, दक्षिण-पूर्व सबसे अच्छी दिशा है। अतः एक ड्राइंग रूम घर के मध्य पश्चिम, मध्य पूर्व और एक घर के मध्य दक्षिण या मध्य उत्तर में स्थित हो सकता है।

लिविंग रूम में बैठने की व्यवस्था

  • परिवार या घर के मुखिया और उनके जीवन साथी को उत्तर-पूर्व या पूर्व की ओर स्थित ड्राइंग रूम के दक्षिण-पश्चिम कोने में बैठना चाहिए। यह शक्ति और सकारात्मकता सुनिश्चित करता है।
  • मेहमानों को हमेशा दक्षिण-पूर्व या उत्तर-पश्चिम में बैठाया जाना चाहिए। मेहमानों के लिए बैठने की व्यवस्था इस तरह से की जानी चाहिए कि वह पश्चिम या दक्षिण की ओर मुख करें हों।