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बच्चों की शिक्षा और पढ़ाई पर एकाग्रता के लिए लाभदायक वास्तु टिप्स

Vastu Tips for Child's Education & Study Concentration

हम एक प्रतिस्पर्धी दुनिया में रह रहे हैं, जहाँ एक अच्छा जीवन जीने के लिए आपका अपने लक्ष्य में सर्वोत्तम होना परम आवश्यकता है। हर माता-पिता को अपने बच्चे की शिक्षा एवं अच्छे भविष्य की चिंता होती है। लेकिन कभी-कभी अथक प्रयासों एवं कड़ी मेहनत के बाद भी आपके बच्चे को अभिलाषित परिणाम नहीं मिलते हैं। ध्यान न लगना, कमजोर स्मृति शक्ति, एकाग्रता में कमी आदि एक छात्र के जीवन के कुछ सामान्य अवरोध हैं। परन्तु समस्या आपके बच्चों की न हो कर उनके शयन कक्ष के वास्तु की भी हो सकती है। ऐसे ही कुछ वास्तु दोषों को दूर करने करने के लिए आप अपने बच्चों के बेडरूम से जुड़े कुछ सरल वास्तु टिप्स को अपनाकर उनके जीवन को बेहतर बना सकते हैं जो नकारात्मक प्रभावों को दूर कर उन्हें एकाग्र बनाते हैं।

यह ब्रह्माण्ड विभिन्न ऊर्जाओं से घिरा हुआ जिसे ब्रह्मांडीय (कॉस्मिक) ऊर्जा कहते है। यह ऊर्जा ही आपके घर में सकारात्मकता या नकारात्मकता का कारण है। यदि यह ऊर्जा असंतुलित होती है तो यह आपके जीवन को नकारात्मक तरीके से प्रभावित करती है, जबकि संतुलित ऊर्जा सकारात्मक और अच्छे परिणाम प्रदान देती है। आज इस लेख के माध्यम से हम आपको आपके और आपके आस-पास विद्यमान ब्रह्मांडीय ऊर्जा को संतुलित करने के कुछ अचूक समाधान बताएँगे।

वास्तु में कुछ ऐसे उपाय दिए गए हैं जिन्हे अपनाकर हम सर्वोत्तम दिशा, सही संरचना और सक्रिय चक्रों के साथ, हम प्रकृति में विद्यमान दैविक ऊर्जा को संतुलित कर सकते हैं तथा बिना किसी बाधा के इस ऊर्जा को मुक्त प्रवाह प्रदान कर सकते हैं। तो आइये जानते हैं ऐसे कुछ वास्तु टिप्स को।

वास्तु टिप्स जो बनाएंगे आपके बच्चे को पढ़ाई में बेहतर

  • वास्तु के अनुसार बच्चों का अध्ययन कक्ष व्यवस्थित और साफ-सुथरा होना चाहिए।
  • वास्तु के अनुसार घर में लड़कियों के लिए शयनकक्ष पश्चिम दिशा में जबकि लड़कों के लिए उत्तर-पश्चिम होना अच्छा रहता है।
  • ऊर्जा के मुक्त प्रवाह के लिए कमरे के केंद्र को खाली रखें।
  • कभी भी कमरे के दरवाजे के ठीक सामने पलंग न रखें। इससे दरवाजे से आने वाली भारी ऊर्जा बच्चे के ध्यान और शांति को परेशान कर सकती है।
  • सोने के पलंग को दक्षिण-पश्चिम दिशा में रखें।
  • वास्तु के अनुसार बच्चों के स्टडी टेबल को उत्तर-पूर्व दिशा में लगाने से बच्चे की एकाग्रता में बहुत अच्छा फर्क पड़ता है।
  • बच्चों के बेडरूम का रंग हल्के रंग का होना चाहिए। वास्तु के अनुसार बच्चे के कमरे को हरे रंग में रंगने की भी सलाह दी जाती है क्योंकि यह बच्चे में रचनात्मकता को बढ़ाता है तथा यह शांति, हरियाली और ताजगी का भी प्रतिनिधित्व करता है।
  • बिस्तर और दीवारों में कुछ इंच का अंतर होना चाहिए।
  • पुस्तकों और अलमारियों को अच्छी तरह से व्यवस्थित तौर पर रखें।
  • किसी भी प्रकार के दर्पण को बच्चों के शयनकक्ष में न रखें।
  • बच्चों के कमरे में टीवी न रखें।
  • बच्चों के कमरे में जरुरी कैबिनेट या अलमारी दक्षिण या पश्चिम दिशा में रखें।
  • बच्चों के कमरे में प्रेरणात्मक पोस्टर का उपयोग करें।
  • यदि एक लैपटॉप उनके शिक्षा उद्देश्य के लिए आवश्यक है तो इसे उत्तर दिशा में रखें।
  • खिड़कियाँ और दरवाजे अच्छे वायुसंचालन योग्य होने चाहिए।
  • स्टडी टेबल चौकोर या आयताकार होनी चाहिए। कभी भी गोल आकर की टेबल बच्चों के कमरे में ना रखें।
  • छात्रों को कमरे के किसी भी बीम के नीचे नहीं सोना अथवा बैठना चाहिए।
  • कमरे में अगर कोई शौचालय है तो उसका दरवाजा हमेशा बंद रखें। साथ ही अध्ययन कक्ष का दरवाजा भी बंद रखें।

उम्मीद हैं दिए गए इन आसान वास्तु उपायों को अपनाकर आप अपने बच्चों के पढाई के प्रति प्रदर्शन में कई सकारात्मक परिणाम देखेंगे। इन टिप्स के माध्यम से छात्र अपना ध्यान बढ़ा सकते हैं और बेहतर परिणामों के लिए अपनी स्मृति को बनाए रख सकते हैं।