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Rahu Transit September 2020: राहु के राशि परिवर्तन का सभी जातकों के ऊपर पड़ेगा प्रभाव, अपनायें सकारात्मकता हेतु कुछ खास उपाय

Remedies for Rahu Transit Effects in September 2020

ग्रहों द्वारा राशि परिवर्तन की प्रक्रिया के दौरान 23 सितंबर की तिथि को छाया ग्रह राहु का राशि परिवर्तन होने जा रहा है। राहु इस दौरान मिथुन राशि से निकलकर वृषभ राशि में प्रवेश करने वाला है जो मिथुन राशि व वृषभ राशि के जातकों के ऊपर अपने प्रभाव दर्शाने के साथ-साथ अन्य 10 राशियों के ऊपर भी अपना असर दिखाएगा।

वैसे तो माना जाता है कि प्रायः शनि, राहु और केतु जातकों के लिए नकारात्मक प्रभाव ही दर्शाते हैं। इनकी गोचर की कालावधी भी काफी लंबी मानी जाती है। ज्योतिषशास्त्र की माने तो राहु के गोचर की काल अवधि 18 महीने की होती है जो शनि के बाद दूसरे स्थान पर सबसे अत्यधिक काल अवधि का होता है। राहु ग्रह अन्य ग्रह की अपेक्षा अपनी चाल सब के विपरीत दिशा में चलते हैं जिस वजह से ही जातकों के ऊपर नकारात्मक प्रभाव देखने को मिलता है। ऐसे में राहु के द्वारा होने वाले इस राशि परिवर्तन से बचने हेतु अथवा राहु के दुष्प्रभाव से बचकर शुभकारी परिणाम प्राप्त करने हेतु जातकों को कुछ उपाय करने चाहिए ।

तो आइए जानते हैं राहु की राशि परिवर्तन के पश्चात आपको किन-किन तथ्यों पर अधिक कार्य करने की आवश्यकता है, तथा किन-किन वस्तुओं में सतर्कता बरतते हुए आगे बढ़ने की आवश्यकता है। साथ ही हम यह भी जानेंगे कि किस प्रकार के उपायों के द्वारा राहु के नकारात्मक प्रभावों से बचा जा सकता है।

मानसिक अशांति को दूर रखने का करें प्रयत्न

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक राहु का राशि परिवर्तन सभी जातकों के लिए प्रभावी होता है। साथ ही राहु अपनी राशि परिवर्तन अथवा अन्य तथ्यों का प्रभाव जातकों के ऊपर एकाएक डालता है, अर्थात आपके जीवन में राहु की वजह से या तो अचानक अपार दुखों का आपको सामना करना पड़ेगा अथवा असिमित खुशियां प्राप्त होगी। किंतु राहु की प्रकृति के अनुरूप इनके प्रभाव जातकों के लिए घातक होते हैं। ऐसा कहा जाता है कि राहु का प्रभाव लोगों को दिग्भ्रमित करता है। लोगों की बौद्धिकता व मानसिकता पर इसका सीधा असर देखने को मिलता है जिस वजह से व्यक्ति सही निर्णय कर पाने में अथवा सही तरीके से अपने ध्यान को केंद्रित कर कार्यों को संपादित करने में कायम नहीं हो पाता है। इस वजह से जातकों का संपूर्ण जीवन ही उतार-चढ़ाव से युक्त हो जाता है। ऐसे में आवश्यकता है कि आप योग, मेडिटेशन, ध्यान आदि के साथ-साथ स्वयं को धर्म आध्यात्म से जोड़कर मानसिक तनाव अशांति को दूर रखने का प्रयत्न करें।

हालांकि राहु का प्रभाव सदा-सर्वदा सभी जातकों के लिए बुरा नहीं होता। जिन भी जातकों की कुंडली में राहु शुभ भाव में आकर विराजमान होते हैं, उन जातकों के जीवन में अनेकानेक प्रकार की सुख सुविधाएं व खुशहाली आती है। ऐसे जातकों के जीवन में सदैव सुख-संपत्ति व बेहतर स्थिति बनी रहती है। राहु की स्थिति बेहतर होने से जातकों को शासन सत्ता का, राजपाट आदि का सुख भी प्राप्त होता है।

करें भैरव की उपासना

ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक जातकों को राहु-केतु के अशुभ प्रभाव व उनके द्वारा उत्पन्न होने वाले जीवन में सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति प्राप्त करने हेतु भैरव देव की उपासना करनी चाहिए। भगवान भैरव की उपासना करने के लिए जातकों को उड़द दाल से निर्मित मिष्ठान आदि का भोग लगाना चाहिए। इसके अतिरिक्त दूध से बना मेवा भी भगवान भैरव को अति प्रिय है। वहीं पुष्प में चमेली के पुष्प को भगवान भैरव को समर्पित करें। ऐसा करने से भगवान भैरव आपसे अति शीघ्र प्रसन्न होंगे जिससे आपकी कुंडली में मौजूद राहु-केतु की स्थिति बेहतर होगी एवं उनके द्वारा उत्पन्न सभी नकारात्मक प्रभावों का नाश होगा।

इन लोगों की करें मदद

ज्योतिष शास्त्र की माने तो राहु की स्थिति को बेहतर करने हेतु राहु से जुड़े जातकों को प्रसन्न करना अत्यंत ही उपयोगी उपाय माना जाता है। यदि आप राहु से जुड़े जातकों को जैसे कि कुष्ठ रोगी, सफाई कर्मचारी अथवा गरीब दुखी व लाचार व्यक्ति को आप उनकी आवश्यकता की वस्तुएं प्रदान करते हैं, उन्हें भोजन उपलब्ध कराकर आर्थिक तौर पर भी उनका सहयोग करते हैं, तो इससे आपके ऊपर भगवान भैरव की कृपा दृष्टि बनती है, साथ ही आपके राहु की स्थिति भी बेहतर बनती है। ऐसा माना जाता है कि कुंडली में मौजूद राहु की स्थिति को बेहतर बनाने के लिए जातकों को जरूरतमंद व्यक्तियों को अन्य वस्त्र, नारियल, उड़द की दाल आदि का दान करना अत्यंत उपयुक्त होता है। ऐसा करने से राहु ग्रह के दुष्प्रभावों की शांति होती है।

इन जगहों की करें मरम्मत

ज्योतिष शास्त्र एवं वास्तु शास्त्र की माने तो जातकों के ऊपर राहु का प्रभाव केवल कुंडलियों के माध्यम से ही नहीं, अपितु घर में मौजूद कुछ हालात के माध्यम से भी उत्पन्न होता है। ऐसा माना जाता है कि घर की कुछ विशेष क्षेत्रों में भी राहु का वास होता है। यदि आपके घर में कहीं दीवारों में दरार आ गई हो, दीवार टूट गई हैं या फिर उसमें सीलन आ गई हो, या फिर आपके घर के छत का प्लास्टर या अन्य क्षेत्र का प्लास्टर गिर रहा हो, तो उन सभी को अतिशीघ्र ठीक करवाएं। ऐसा माना जाता है कि घर में मौजूद इन स्थानों से राहु का दुष्प्रभाव अतिशीघ्र जातकों के ऊपर अपना असर दिखाने लगता है, साथ ही घर परिवार के लिए भी नकारात्मकता उत्पन्न करता है।

इन स्थानों पर रखे साफ़-सफाई

सभी जातको को अपने घर के बाथरूम, किचन आदि की साफ सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। साथ ही घर के किसी भी कोने में गंदगी आदि का जमावड़ा ना हो, इन सभी का अधिक ध्यान रखें अन्यथा राहु का प्रभाव ना सिर्फ आपके ऊपर परिलक्षित होगा, अपितु आपके घर के अन्य सभी सदस्यों के ऊपर भी प्रभावी हो जाएगा जिससे पारिवारिक माहौल बिगड़ जाएगा एवं और नकारात्मकता प्रभावी होने के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में भी अनेक प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ेगा।