Vaidik Mangal Grah Dosh Shanti Puja

वैदिक मंगल ग्रह दोष शांति पूजा (10000 मंत्र जाप एवं हवन सहित)

जिस जातक की कुंडली में मंगल अपना अशुभ असर दिखता है, उसके वैवाहिक जीवन में आये दिन कलह बना रहता है, साथ ही वह व्यक्ति शारीरिक एवं मानसिक रूप से बेहद कमजोर हो जाता है। मंगल के सभी दुष्प्रभावों को दूर करने हेतु वैदिक मंगल ग्रह दोष शांति जाप किया जाता है।

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अनुभवी पुजारियों द्वारा मंगल ग्रह दोष शांति हेतु वैदिक पूजन करवाएं। इस पूजा में मंगल ग्रह के निम्नलिखित वैदिक मंत्र का 10000 जाप होता है।

मंगल का वैदिक मंत्र :

ॐ अग्निमूर्धा दिव: ककुत्पति: पृथिव्या अयम्। अपां रेतां सि जिन्वति।।

पौराणिक विधि द्वारा मंगल ग्रह शांति पूजन हेतु यहाँ क्लिक करें

विशेषताएं:-

  • शारीरिक एवं मानसिक तौर पर जातक होता है मजबूत
  • अस्थि, रक्त एवं पेशियों से जुड़ी समस्याएं होती हैं कम
  • मंगल के बुरे से मिलती है आजादी
  • मंगलवार के दिन अथवा जातक के जन्म नक्षत्र के अनुसार किसी भी शुभ तिथि पर की जाने वाली पूजा
  • मुख्य देवता: मंगल

मंगल को ग्रहों का सेनापति कहकर भी सम्बोधित किया जाता है। अगर कुंडली में मंगल मजबूत स्तिथि में मौजूद है तो जातक को ऋण से जल्दी छुटकारा मिलता है, दाम्पत्य जीवन सुखमय बना रहता है, साथ ही विवाह में आ रही बाधाओं, शारीरिक आलस्य, संतान प्राप्ति में रूकावट, आदि जैसी दिक्कतें दूर होती हैं।

किस समय वैदिक मंगल ग्रह शांति पूजा करवाना देता है बेहतर फल?

इस पूजन को मंगलवार के दिन अथवा जातक के जन्म नक्षत्र के अनुसार किसी भी शुभ तिथि को संपन्न करने पर सर्वश्रेष्ठ फल प्राप्त होते हैं।

किस प्रकार किया जाता है वैदिक मंगल ग्रह दोष निवारण अनुष्ठान?

  • सबसे पहले श्री गणेश-गौरी जी की आराधना की जाती है, फिर ओमकार देवता, स्वस्तिक, श्री लक्ष्मी माता, श्री ब्रह्मा, विष्णु, महेश, षोडशमातृका, सप्त घृत मातृका, सर्प देवता, क्षेत्रपाल, दस दिक्पाल, वास्तु पुरुष, चतुःषष्टि योगिनी आदि का एक के बाद एक की पूजा संपन्न होती है। फिर कलश पूजन होता है जिसके बाद नवग्रह पूजा संपन्न होती है।
  • नवग्रह की पूजा के बाद मंगल ग्रह का पूजन होता है।
  • इन सभी पूजाओं के पश्चात् मंगल दोष शांति हेतु ऊपर दिए गए मंगल ग्रह के वैदिक मंत्र का पुजारियों द्वारा 10000 जाप पूर्ण श्रद्धा भाव संपन्न होता है।
  • मन्त्रोजाप के बाद मंगल ग्रह हेतु दशांश हवन संपन्न होगा, जिसके बाद विधि-विधान द्वारा जातक द्वारा संकल्प धारण करवाया जायेगा।

वैदिक मंगल ग्रह शांति पूजा के फल:-

  • मंगल ग्रह दोष से मिलता है छुटकारा
  • विवाहित जीवन में चल रहे मनमुटाव होते हैं दूर
  • वित्तीय हालात में होता है सुधार
  • रक्त सम्बंधित विकारों को करता है दूर
  • शारीरिक तथा मानसिक तौर पर होते हैं प्रबल

पूजन कालावधि:- 1 दिन (4 पुजारियों द्वारा)

ध्यान दें:- मंगल ग्रह की इस वैदिक पूजन विधि में हवन सामग्री एवं ब्राह्मण दक्षिणा का खर्च सम्मिलित हैं। फल, फूल एवं मिष्ठान का प्रबंध पूजा करवाने वाले जातक को करना होगा। दिए गए व्यय में एस्ट्रोकाका निर्धारित मंदिर में पूजन संपन्न होगा। आपके घर या चुने हुए स्थान पर पूजन करवाने हेतु व्यय में आने-जाने का व्यय जुड़ जायेगा जो कि अलग से देय होगा। आपके द्वारा चुने हुए स्थान पर पूजन की सुविधा अभी केवल दिल्ली एनसीआर में ही उपलब्ध है।

एस्ट्रोकाका द्वारा ही क्यों करवाएं वैदिक विधि द्वारा मंगल शांति हेतु पूजन?

  • वैदिक पाठशाला प्रमाणित और अनुभवी पुजारी / विद्वान
  • सभी अनुष्ठान वैदिक मानकों और प्रक्रियाओं का पालन करते हुए किये जाते हैं।
  • सुखद पूजा अनुभव सुनिश्चित करने के लिए उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री का उपयोग।
  • समय की पाबंदी और प्रामाणिकता की गारंटी।
  • पेशेवर मार्गदर्शन और समर्थन।