Brihaspati Grah (Guru) Dosh Nivaran Puja Pauranik Vidhi Jaap

बृहस्पति ग्रह शांति पूजा (पौराणिक विधि द्वारा 19000 मंत्र जाप व हवन सहित)

सभी ग्रहों के अधिपति ब्रहस्पति बुद्धि, विद्या, धर्म, ज्ञान के देव हैं। अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में गुरु दुर्बल हों तो ये दुःख और बुरे प्रभाव लाता है। गुरु के दोष को दूर करने हेतु बृहस्पति ग्रह शांति जाप द्वारा दूर किया जा सकता है।

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एस्ट्रोकाका द्वारा निर्धारित अनुभवी ब्राह्मणों द्वारा बृहस्पति ग्रह दोष शांति हेतु पूजा करवाएं। इस पूजन में पौराणिक विधि द्वारा बृहस्पति के मंत्र "ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:' का 19000 जाप होता है।

विशेषताएं:-

  • उच्च ज्ञान प्राप्त करने के लिए
  • वित्तीय परेशानियां दूर करने के लिए
  • गुरु दशा के दुष्प्रभावों से छुटकारा पाने हेतु
  • गुरुवार के दिन अथवा जातक के जन्म नक्षत्र अनुसार किसी शुभ तिथि को संपन्न किया जाने वाला
  • मुख्य देवता: गुरु (बृहस्पति)।

गुरु देव को बृहस्पति के रूप में भी जाना जाता है। ये ज्ञान, शिक्षा, कानून, न्याय, राजनीति, सकारात्मकता, भविष्य और नैतिकता का प्रतिनिधित्व करते हैं।

जब किसी जातक की कुंडली में गुरु गलत स्थान पर विराजमान होते हैं तो यह वित्तीय समस्याओं, शिक्षा में बाधाओं, स्वास्थ्य सम्बंधित परेशानियां आदि को जन्म देते हैं। जिन लोगों की कुंडली में गुरु दोष होता है, उनके लिए यह जाप करना बहुत ही महत्वपूर्ण होता है।

एस्ट्रोकाका द्वारा दी जाने सेवा में बृहस्पति को प्रसन्न करने हेतु उनका सम्पूर्ण विधि-विधान द्वारा मंत्रों का जाप करते हुए पूजन किया जाता है।

कैसे संपन्न होता है गुरु ग्रह शांति हेतु ये अनुष्ठान?

  • सबसे पहले श्री गणेश-गौरी जी की पूजा की जाती है, जिसके बाद श्री ओमकार देवता, स्वस्तिक, श्री लक्ष्मी माता, श्री ब्रह्मा, विष्णु, महेश, षोडशमातृका, सप्त घृत मातृका, सर्प देवता, क्षेत्रपाल, दस दिक्पाल, वास्तु पुरुष, चतुःषष्टि योगिनी आदि एक के बाद एक की पूजा संपन्न होती है। तत्पश्चात कलश पूजन किया जाता है जिसके बाद नवग्रह पूजा संपन्न होती है।
  • नवग्रह पूजन के पश्चात् बृहस्पति देव का पूजन होगा।
  • उपरोक्त सभी पूजाओं के बाद गुरु ग्रह दोष शांति हेतु "ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम:' मंत्र का 19000 जाप अनुभवी ब्राह्मणों द्वारा पूरी श्रद्धा और निष्ठापूर्वक पूर्ण होता है।
  • मन्त्रों के जाप पश्चात बृहस्पति ग्रह का दशांश हवन संपन्न किया जाता है, फिर पूर्ण विधि-विधान द्वारा जातक द्वारा संकल्प धारण करवाया जाता है।

यह जप गुरुवार को किए जाने पर सर्वश्रेष्ठ फल देता है। अगर इस दिन संभव न हो तो जातक के जन्म नक्षत्र अनुसार किसी शुभ दिन का चुनाव करके भी इसे संपन्न किया जा सकता है।

गुरु ग्रह शांति पूजा के लाभ:

  • बृहस्पति ग्रह के बुरे प्रभाव कम होते हैं।
  • व्यावसायिक तौर पर उन्नति होती है।
  • शादी में आ रही दिक्कतें दूर होती है।
  • घर मे धन-दौलत हमेशा बरकरार रहती है।
  • गृहस्थ जीवन आनंदमय रहता हैं।

पूजन कालावधि:-

  • 1 दिन (3 ब्राह्मणों द्वारा)

ध्यान दें:- इस पूजन व्यय में हवन सामग्री एवं ब्राह्मण दक्षिणा का खर्च सम्मिलित हैं। फल, फूल एवं मिष्ठान का प्रबंध पूजा करवाने वाले जातक को करना होगा। दिए गए व्यय में एस्ट्रोकाका निर्धारित मंदिर में पूजन संपन्न होगा। आपके घर या चुने हुए स्थान पर पूजन करवाने हेतु व्यय में आने-जाने का व्यय जुड़ जायेगा जो कि अलग से देय होगा। आपके घर या चुने हुए स्थान पर पूजन की सुविधा अभी केवल दिल्ली एनसीआर में ही उपलब्ध है।

एस्ट्रोकाका द्वारा ही क्यों करवाएं अनुष्ठान?

  • अनुभवी एवं वैदिक पाठशाला प्रमाणित पुरोहित।
  • सभी अनुष्ठान वैदिक मानकों और प्रक्रियाओं का पालन करते हुए किये जाते हैं।
  • सुखद पूजा अनुभव सुनिश्चित करने के लिए उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री का उपयोग।
  • समय की पाबंदी और प्रामाणिकता की गारंटी।
  • पेशेवर मार्गदर्शन और समर्थन।